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Jharkhand News: आईआईटी-आईएसएम धनबाद ने इजाद किया ट्रैकिंग डिवाइस, कोयला चोरी पर लगेगा लगाम

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Published : Apr 28, 2023, 9:00 PM IST

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IIT ISM Dhanbad Invented Tracking Device

आईआईटी-आईएसएम धनबाद ने एक ऐसा ट्रैकिंग डिवाइस तैयार किया है जिससे कोयला चोरी पर काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है. संस्थान में समारोह आयोजित कर इस डिवाइस की जानकारी दी गई.

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धनबाद:झारखंड की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान आईआईटी-आइएसएम में टेक्समेन टेक्नोलॉजी की शुरुआत की गई. इसके उद्घाटन समारोह में आइएसएम कर्मियों के साथ वर्चुअल रूप से देश के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव डॉ एस चंद्रशेखर भी मौजूद रहे. कार्यक्रम की जानकारी देते हुए आईआईटी आइएसएम के निदेशक प्रो राजीव शेखर और उप निदेशक प्रो धीरज कुमार ने बताया कि टेक्समेन का आज विधिवत उद्घाटन कर इसकी शुरुआत की गई है.

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माइनिंग को सुरक्षित और आधुनिक बनाने की कोशिशः उन्होंने बताया कि हमारा मकसद माइनिंग को विकसित देशों की तरह अत्याधुनिक, सुरक्षित और टिकाऊ बनाना है. इसमें साइबर फिजिकल सिस्टम्स मतलब सेंसर, आईओटी, क्लाउड कंप्यूटिंग फॉर मशीन लर्निंग का इस्तेमाल होगा. जिससे ओपन कास्ट और अंडरग्राउंड माइनिंग में उत्पादन बढ़ेंगा. उन्होंने बताया कि इसमें उनका सहयोग साउ, सेंडविक और एसईआईएए जैसी कंपनियां कर रही हैं. ये कंपनियां टेक्नोलॉजी प्रोवाइडर हैं.

सेमिनार में वैज्ञानिकों को किया गया सम्मानितः उन्होंने बताया कि इसके अलावा उनके साथ कोल इंडिया, ओडिशा माइनिंग कॉरपोरेशन हमारे साथ है और जल्द ही अडाणी नेचुरल रिसोर्सेज और हिंडाल्को भी हमारे साथ होंगे. उन्होंने कहा कि हम एक संगठन बनाएंगे और टेक्समेन तकनीक को अपने पार्टनर से मिलकर माइनिंग स्थल पर ले जाएंगे. वहीं आईआईटी-आईएसएम में आयोजित सेमिनार में साइंटिस्टों को सम्मानित किया गया.

कोयला चोरी रोकने में कारगर होगा डिवाइसः आइएसएम के साइंटिस्ट के द्वारा ट्रैकिंग डिवाइस बनाया गया है, जो कोयला चोरी रोकने में कारगर साबित होगा. इस संबंध में आइएसएम के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि कोयला खदान से जितनी मात्र में कोयला गंतत्व के लिए ट्रकों से भेजा जाता है, वह रास्ते में चोरी कर ली जाती है. या फिर जितनी मात्र में कोयला खनन किया जाता है उससे कम कागजों पर बताया जाता है. बाकी के कोयला की लूट हो जाती है. इसे रोकने के लिए यह डिवाइस कारगर साबित होगा.

ट्रैकिंग डिवाइस बताएगा कितना कोयला खनन हुआः इस ट्रैकिंग डिवाइस के जरिए आसानी से यह पता लगाया जा सकेगा है कि किस खदान से कितना कोयला खनन हुआ है. उस कोयला की कितनी मात्रा गंतव्य तक भेजी गई है और जो ट्रक कोयला लेकर अपने गंतव्य के लिए निकला, वह सही सलामत वहां तक पहुंचा है की नहीं. यह डिवाइस कोयला चोरी रोकने में काफी हद तक कारगर साबित होगा. फिलहाल इस डिवाइस के लिए कोल इंडिया और दिशा माइंस ने अपनी सहमति दी है. इसके अलावे हिंडालको के अलावे कई अन्य कोयला खनन कंपनी से बात चल रही है. सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले दिनों में सभी कोल कंपनियों में इसका इस्तेमाल शुरू कर दिया जाएगा.

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