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नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपियों और गैंग्स ऑफ वासेपुर के गुर्गों के बीच पहले भी धनबाद जेल में हो चुकी है झड़प, प्रशासन ने नहीं लिया गंभीरता से

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 3, 2023, 8:39 PM IST

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Clash In Dhanbad Jail

Clash in Dhanbad jail. नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में बंद कुख्यात अपराधी अमन सिंह को गोली मारकर मौत की नींद सुला दी गई है. वहीं जेल में हत्या के बाद धनबाद जेल प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं. पहले भी धनबाद जेल में झड़प हुई थी.

धनबादः जेल के अंदर कुख्यात अपराधी अमन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. अमन सिंह को पेट में छह और सिर में दो गोली लगी है. अमन सिंह को वर्ष 2021 में एसटीएफ की टीम ने मिर्जापुर जेल के बाहर से नीरज सिंह हत्याकांड मामले में गिरफ्तार कर धनबाद पुलिस को सौंपा था. अमन सिंह मूल रूप से यूपी का रहनेवाला था.

नीरज सिंह हत्याकांड में जेल में था अमन सिंहः झरिया की वर्तमान कांग्रेस विधायक पूर्णिमा सिंह के पति नीरज सिंह कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी मेयर थे. उनकी हत्या सरायढेला के स्टील गेट के समीप की गई थी. नीरज सिंह के वाहन पर गोलियां बरसा कर उनकी हत्या की गई थी. इस हत्याकांड में शूटर अमन सिंह और झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत अन्य आरोपी धनबाद जेल में बंद थे. फिलहाल संजीव सिंह का इलाज रांची के रिम्स में चल रहा है.

तीन माह पूर्व भी जेल में हुई थी झड़पः तीन महीने पूर्व धनबाद जेल के अंदर झड़प हुई थी. नीरज हत्याकांड मामले में जेल में बंद पूर्व विधायक संजीव सिंह और गैंग्स ऑफ वासेपुर के अपराधियों के बीच झड़प हुई थी. जेल में झड़प के दौरान नीरज सिंह हत्याकांड के आरोपियों ने गैंग्स ऑफ वासेपुर के गुर्गों को दौड़ा-दौड़कर पीटा था.

कोर्ट ने रंगदारी और धमकी के मामले में अमन सिंह को बरी किया थाः पिछले दिनों धनबाद की अदालत ने रंगदारी और धमकी के एक मामले में अमन सिंह को बरी कर दिया था. इस मामले में उत्तर प्रदेश के उसके तीन साथी अभिनव प्रताप, सुनील निषाद और रवि ठाकुर भी बरी किया गया था. बरी होने के बाद डीजीपी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रारंभिक सीआईडी जांच भी करायी थी. जांच के दौरान यह बात समाने आई कि 30 जनवरी 2021 को बैंक मोड़ थाना में एएसआई इंद्रजीत कुमार राणा के द्वारा इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. मामले में सिपाही दीपक कुमार और इरफान अहमद को गवाह बनाया गया था, लेकिन इन दोनों ने गवाही नहीं दी. जबकि एएसआई और केस के आईओ के द्वारा गवाही दी गई थी.

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