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Navratri 2023: देवघर बाबा मंदिर की अनोखी परंपरा, नवरात्रि में तीन दिन बंद रहता है देवी आदि शक्ति मंदिर का पट

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 17, 2023, 5:29 PM IST

Updated : Oct 17, 2023, 5:48 PM IST

Unique tradition of Deoghar Baba Temple during Navratri 2023
नवरात्रि में देवघर बाबा मंदिर की अनोखी परंपरा

दुर्गा पूजा के मौके पर वैसे तो पंचमी या षष्ठी के दिन से ही पंडालों के पट खोल दिए जाते हैं. लेकिन नवरात्रि में देवघर बाबा मंदिर की अनोखी परंपरा निभाई जाती है. सप्तमी के दिन से बाबा धाम प्रांगण में स्थित तीन देवी शक्ति मंदिरों के पट तीन दिन के लिए बंद कर दिए जाते हैं. Unique tradition of Deoghar Baba Temple during Navratri.

नवरात्रि में बाबा धाम की अनोखी परंपरा की जानकारी देते तीर्थपुरोहित

देवघरः नवरात्रि में देवघर बाबा मंदिर की अनोखी परंपरा आदिकाल से निभाई जा रही है. दुर्गा पूजा के समय तीन दिन तक देवी आदि शक्तियों के मंदिर का द्वार बंद रखा जाता है. विजयदशमी के दिन इन मंदिरों के कपाट खोले जाते हैं.

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नवरात्रि की सप्तमी पूजा जिसे महासप्तमी भी कहा जाता है. दुर्गा पूजा में सप्तमी या उससे पहले सभी मंदिरों और पंडाल के द्वार आम श्रद्धालु के लिए खोल जाते हैं. लेकिन देवघर स्थित बाबा मंदिर प्रांगण में स्थापित तीन देवी आदि शक्ति मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं. इसके बाद इन तीनों मंदिरों के पट विजयादशमी के दिन करीब 11 बजे खोले जाते हैं. ये परंपरा बाबा मंदिर में सदियों से निभाई जा रही है. परंपरा के अनुसार तीन दिन तक सिर्फ दीक्षा प्राप्त पुरोहित ही इन मंदिरों में पूजा करते हैं. साथ ही मंदिर के पट को तीन दिनों तक विशेष पूजा के लिए सुबह और शाम को ही खोले जाते हैं. इस दौरान पुरोहित द्वारा आदि शक्ति की तांत्रिक विधि से पूजा कर बलि अर्पित करने के बाद पट को बंद कर देते हैं.

इसको लेकर तीर्थपुरोहित प्रमोद श्रृंगारी बताते हैं कि देवघर बाबा धाम की यह परंपरा सदियों पुरानी है. इस परंपरा के अनुसार सबसे पहले मां पार्वती के मंदिर का पट बंद किया जाता है. जिसके बाद मां काली और फिर माता संध्या मंदिर के पट को बंद किया जाता है. इसके बाद इन तीनों मंदिरों में तांत्रिक विधि से पूजा करने के बाद खांड़ा बांधकर मंदिर के पट को बंद कर दिया जाता है.

विजयादशमी के दिन बलि के बाद दिन के 11 बजे आम भक्तों के लिए मंदिर के पट खोल दिया जाता है. परंपरा के अनुसार नवरात्रि की सप्तमी तिथि को शाम 6 बजे से सबसे पहले मां पार्वती मंदिर में पूजा शुरू की जाती है. यहां तांत्रिक विधि से पूजा शुरू करने से साथ अलग अलग नदियों के विशेष जल से शाही स्नान कराया जाता है. जिसके बाद माता को बलि अर्पित कर प्रतिमा के साथ खांड़ा बांधा जाता है और फिर मंदिर का पट बंद किया जाता है.

Last Updated :Oct 17, 2023, 5:48 PM IST
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