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देवघरः देश विदेश में मशहूर है घोरमारा का जायकेदार पेड़ा, सोंधी खुशबू ओर मिठास है पहचान

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Published : Aug 9, 2019, 2:20 PM IST

Updated : Aug 12, 2019, 3:06 PM IST

घोरमारा का जायकेदार पेड़ा

देवघर-बासुकीनाथ मुख्य मार्ग पर मिलने वाला घोरमारा का जायकेदार पेड़ा अपनी विशेषता के लिए देश-विदेश में विख्यात है. इस पेड़े को शुद्ध खोए को गुड़ के साथ मिलाकर बनाया जाता है

देवघरः वैसे तो तमाम धार्मिक स्थलों का जायका विशेष होता है, लेकिन बाबाधाम में प्रसाद के रूप में मिलने वाले पेड़े की बात ही अलग है. विशेषकर घोरमारा का जायकेदार पेड़ा अपनी स्वाद के लिए मशहुर है.

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कैसे तैयार होता है बाबा धाम का पेड़ा
देवघर-बासुकीनाथ मुख्य मार्ग पर स्थित घोरमारा अपने विशेष पेड़े के लिए देश-विदेश में विख्यात है. इस पेड़े की खासियत है कि कम से कम 20 दिनों तक बगैर रेफ्रिजरेशन के भी रखा जा सकता है. सुद्ध खोए से निर्मित इस प्रसाद को गुड़ के साथ मिलाकर बनाया जाता है. इसे बनाने के लिए कारीगर को भट्ठी की गर्म ताप के सामने खड़े रहकर घंटो की मेहनत से बनाया जाता है. कारीगर बताते हैं कि पहले खोए को घंटों भूजा जाता है, जबतक उसमें लालीपन नहीं आ जाए. इसके बाद उसे कुट कर फिर भूजा जाता है, जिससे पेड़ा मुलायम बनता है. इसकी खुशबू बाबाधाम आने वाले तमाम कांवरियो को अपनी ओर खींच लेता है.


करोड़ों का होता है कारोबार
बाबा भोले की नगरी देवघर का पेड़ा यहां भगवान शिव को बतौर प्रसाद चढ़ाने की परंपरा है. यहां आने वाले श्रद्धालु कांवरिये बाबा के प्रसाद के तौर पर पेड़ा खरीदना नहीं भूलते हैं. हर कोइ अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार पेड़ा खरीद कर घर ले जाते हैं. पूरे साल भर में बाबा धाम में पेड़े का करोड़ों का कारोबार होता है. सावन के महीने में पेड़े की उम्मीद से भी अधीक बिक्री होती है. यहां के पेड़े में शुद्धता और उच्च गुणवत्ता कई दिनों तक बरकरार रहती है और खाने में बहुत स्वादिष्ट रहता है.


प्राचीन प्रसाद है पेड़ा
बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक द्वादस ज्योतिर्लिंग बाबा वैद्यनाथ पर जलार्पण करने के लिए सावन महीने में लाखों श्रद्धालु आते हैं. बाबा धाम में पेड़ा को प्रधान प्रसाद माना गया है. यहां आने वाले तीर्थयात्री प्रसाद के रूप में पेड़ा, बैर का चुर्ण, इलायची दाना और चूड़ा ले जाते हैं. बाबा धाम के पूरोहित बताते हैं कि प्राचीन काल से पेड़ा बाबा का मुख्य प्रसाद रहा है, जिसका बहुत महत्व है.

Intro:देवघर देश विदेश में मशहूर है घोरमारा का जायकेदार पेड़ा, बाबाधाम की याद दिलाती है सोंधी खुशबू ओर मिठास।


Body:एंकर वैसे तो तमाम धार्मिक स्थलों का जायका बिल्कुल अलग होता है लेकिन बाबाधाम में प्रसाद के रूप में मिलने वाले पेड़े की बात ही कुछ और है। और अगर पेड़ा की नगरी घोरमारा की हो तो फिर क्या कहने, जी है देवघर बासुकीनाथ मुख्य मार्ग पर स्थित घोरमारा अपने विशेष पेड़े के लिए देश विदेश में विख्यात है। इस पेड़े की खासियत यह है कि कम से कम 20 दिनों तक यहाँ के पेड़े को आप बगैर रेफ्रिजरेशन के भी रख सकते है क्योंकि सुध खोए से निर्मित इस प्रसाद को गुड के साथ मिलाकर बनाया जाता है इस पेड़े को बनाने के लिए कारीगर को भट्ठी की गर्म ताप के सामने खड़े रहकर घंटो की मेहनत से बनाया जाता है। तभी तो इसकी खुशबू बाबाधाम आने वाले तमाम कांवरियो को अपनी ओर खींच लेती है। और यहां से लौट कर जाने वालों के साथ जाती है यहाँ की मिठास खुशबू ओर यादें।


Conclusion:बहरहाल, इटीवी भारत की टीम भी जब पेड़े तयार करने वाली ऐसे ही एक ठिकाने पर पहुची तो वहां की तसवीर को कैमरे में कैद कर लिया आइए आपको लेकर चलते है घोरमारा ओर दिखाते है सोंधी खुशबू वाले उस पेड़े को तयार करने की पूरी प्रक्रिया। और खरीददार भक्तो की राय और क्या कहते है बाबाधाम के पुरोहित।

बाइट प्रमोद श्रृंगारी,पुरोहित बाबा मंदिर।
बाइट श्रद्धालु।
Last Updated :Aug 12, 2019, 3:06 PM IST
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