रांचीः मधुपुर विधानसभा देवघर जिला का झारखंड के हाई प्रोफाइल विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. मधुपुर विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 3 लाख 22 हजार 90, जिसमें पुरुष मतदाता 1 लाख 70 हजार 206, महिला मतदाता 1 लाख 51 हजार 884, मुस्लिम समुदाय से करीब 1 लाख, दलित से करीब 60 हजार, आदिवासी वर्ग से करीब 50 हजार वोटर शामिल हैं. इसके अलावा ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत, वैश्य वर्ग से करीब 1.32 लाख मतदाता यहां निवास करते हैं.
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वोटिंग की तैयारी
पोलिंग पार्टी अपने-अपने बूथों पर पहुंच चुके हैं. सुबह 7 बजे से मतदान शुरु हो जाएगा. वोटिंग के लिए चुनाव आयोग ने तैयारी पूरी कर ली है. मतदान के लिए कुल 487 मतदान केंद्रों बनाए गए हैं. जिसमें शहरी क्षेत्र में मतदान 59 केंद्र, ग्रामीण क्षेत्र में 428 मतदान केंद्र. मतदान केंद्र भवनों की संख्या 384 है, शहरी क्षेत्र के मतदान केंद्र भवन की संख्या 38, ग्रामीण क्षेत्र के मतदान केंद्र की संख्या 346 है. वोटिंग के लिए 1494 वीवीपैट और 1494 ईवीएम इस्तेमाल किए जाएंगे.
गेंद वोटर्स के पाले में
3 लाख 21 हजार 193 हैं, जिसमें पुरुष मतदाता 1 लाख 69 हजार 754 हैं और महिला मतदाता 1 लाख 51 हजार 439 मतदाता हैं. इसके अलावा मधुपुर विधानसभा में जातीय समीकरण में तकरीबन मुस्लिम समाज के 94 हजार मतदाता हैं, तो दलित 55 हजार मतदाता हैं. वहीं आदिवासियों की अगर बात करें तो 40 हजार की संख्या में मतदाता हैं. 487 मतदान केंद्रों में से 384 भवनों को मतदान के लिए चिन्हित किया गया है. अन्य में ब्राह्मण, भूमिहार, राजपूत, वैश्य इत्यादि की संख्या 1.32 लाख है.
हफीजुल हसन और गंगा नारायण सिंह में कड़ा मुकाबला
मधुपुर उपचुनाव में हाजी हुसैन अंसारी के पुत्र और पर्यटन मंत्री और हफीजुल हसन झामुमो के प्रत्याशी हैं. वहीं भाजपा ने गंगा नारायण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. मधुपुर विधानसभा सीट पर पिछले दो दशकों से झामुमो और भाजपा के बीच सीधी टक्कर होती आ रही है. इस बार भी दोनों के बीच कड़े मुकाबले की संभावना बनी हुई है. इधर, भाजपा ने पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रहे राज पलिवार को टिकट नहीं देकर 2019 के चुनाव में तीसरे स्थान पर रहे आजसू उम्मीदवार गंगा नारायण सिंह को प्रत्याशी बनाया है.
निर्दलीय भी ठोक रहे ताल
मधुपुर उपचुनाव के लिए 8 लोगों ने नामांकन किया था. स्क्रूटनी में एक का नामांकन रद्द हो गया. जबकि एक निर्दलीय प्रत्याशी ने पहले ही नाम वापस ले लिया. नाम वापसी के बाद अब 6 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. सबसे बड़ा मुकाबला जेएमएम और बीजेपी का है. जेएमएम के टिकट पर दिवंगत हाजी हुसैन अंसारी के पुत्र हफीजुल अंसारी चुनाव में हैं. बीजेपी ने गंगा नारायण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है.
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1990 के बाद यहां नहीं जीती कांग्रेस, भाजपा-झामुमो में रहा मुकाबला
1990 के बाद से इस सीट पर कांग्रेस को कभी जीत नहीं मिली. 1995 में झामुमो के टिकट पर हाजी हुसैन अंसारी चुनाव लड़े और हैट्रिक लगा चुके कृष्णा नंद झा को हरा दिया. साल 2000 में हाजी हुसैन अंसारी ने दूसरी बार जीत हासिल की. साल 2005 से राज पलिवार और हाजी हुसैन अंसारी बारी-बारी से जीतते-हारते रहे.
झारखंड के मधुपुर विधानसभा सीट पर पिछले दो दशक से झामुमो- भाजपा के बीच ही टक्कर होती रही है. 2019 के चुनाव में मधुपुर सीट से मैदान में कुल 13 प्रत्याशी उतरे. जिनमें से आजसू पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे गंगा नारायण राय ने 45 हजार 620 वोट बटोर कर बीजेपी की जीत की राह में रोड़े अटका दिए.
मधुपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव क्यों?
2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में मधुपुर सीट से झामुमो प्रत्याशी हाजी हुसैन अंसारी ने जीत दर्ज की थी. हेमंत सरकार में वो अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री बने थे. कोरोना संक्रमित होने के बाद वो ठीक भी हो गए थे. 3 अक्टूबर 2020 को उनका निधन हो गया था, उसके बाद से यह सीट खाली है.