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सत्यानंद भोक्ता के बेटे की शादी में पहुंचे सीएम हेमंत सोरेन, सहायक पुलिस कर्मियों के सवाल पर साधी चुप्पी

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Published : Dec 7, 2022, 9:58 PM IST

CM Hemant Soren attends Satyanand Bhokta son wedding in chatra
CM Hemant Soren attends Satyanand Bhokta son wedding in chatra

सीएम हेमंत सोरेन श्रम मंत्री सत्यानंनद भोक्ता के बेटे की शादी में चतरा पहुंचे (Hemant Soren attends Satyanand Bhokta son wedding). यहां उन्होंने जहां वर वधु को आगे की जिंदगी के लिए शुभकामनाएं दीं. वहीं दूसरी तरफ टंडवा डैम के जीर्णोद्धार की भी बात कही. हालांकि उन्होंने सहायक पुलिस कर्मियों की मांगों पर कुछ नहीं कहा जिससे उनमें भारी नाराजगी देखी जा रही है.

चतरा: श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता के पुत्र के विवाह समारोह में शिरकत करने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चतरा पहुंचे (Hemant Soren attends Satyanand Bhokta son wedding). इस दौरान उन्होंने सदर प्रखंड के कारी गांव में श्रम मंत्री के परिजनों और दूल्हे से मुलाकात कर उसके बेहतर भविष्य की शुभकामनाएं दीं. वहीं उन्होंने उन्होंने चतरा के अति महत्वाकांक्षी प्रतापपुर प्रखंड के टंडवा डैम का जीर्णोद्धार कर किसानों की मदद करने की भी बात कही.

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सीएम हेमंत सोरेन श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्त के बेटे की शादी में चतरा पहुंचे जहां उन्होंने टंडवा डैम के जीर्णोद्धार की बात कही. उन्होंने जल्द से जल्द जर्जर डैम के जीर्णोद्धार और कायाकल्प की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश भी अधिकारियों को दिया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेश में सहायक पुलिस कर्मियों के विभिन्न मांगों के समर्थन में आंदोलन और हड़ताल की घोषणा के सवाल पर चुप्पी साध ली.

मुख्यमंत्री के इस चुप्पी के बाद प्रदेश सहायक पुलिसकर्मी संघ भड़क गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदेश के नक्सल प्रभावित इलाकों के गरीब और असहाय घरों के बच्चों और सहायक पुलिस कर्मियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया. इस पर झारखंड सहायक पुलिस संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष विवेकानंद गुप्ता ने कहा है कि सहायक पुलिस कर्मी संघ कई वर्षों से स्थाइकरण और बकाया मानदेय भुगतान के साथ-साथ मानदेय में बढ़ोतरी समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलनरत है. इसे लेकर पहले भी सरकार ने मांगों पर विचार करने का आश्वासन दिया गया था. लेकिन आंदोलन समाप्त होते हैं राज्य सरकार और मुख्यमंत्री कान में तेल डाल कर सो गए हैं. ऐसे में अब आंदोलन के अलावा कोई और इस रास्ता नहीं बच गया है.

प्रदेश सहायक पुलिसकर्मी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा है कि सरकार की कथनी और करनी में बड़ा अंतर है. सहायक पुलिस कर्मियों की मांगों को सरकार अगर अभिलंब नहीं मानती है तो बाध्य होकर सड़क पर उतर कर हम आंदोलन करना होगा. प्रदेशभर के नक्सल प्रभावित इलाकों के बच्चे सहायक पुलिसकर्मी इस उम्मीद के साथ बने थे कि समय के साथ सरकार उनके भविष्य का फैसला जरूर करेगी, लेकिन हेमंत सरकार अपने वादों से मुकर रही है जिससे उनका, उनके परिवार और उनके बच्चों के समक्ष भुखमरी और तंगहाली की स्थिति उत्पन्न हो गई है.

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