रांची: झारखंड सरकार ने कोरोना संक्रमण के कारण मारे गए लोगों को मुआवजा देने का ऐलान किया था. जिसके तहत मृतक के परिजन ऑनलाइन-ऑफलाइन माध्यम से आवदेन देकर राज्य आपदा मोचन निधि से 50 हजार का मुआवजा ले सकते हैं. लेकिन सरकार की जटिल प्रक्रिया को पूरा करना परिजनों को भारी पड़ रहा है. मृतक के आश्रितों को कोविड से होनेवाली मौत का सर्टिफिकेट मिलने में अनावश्यक रुप से परेशानी झेलनी पड़ रही है जिसके कारण मुआवजा राशि लेने वालों की संख्या अबतक 200 भी नहीं पहुंच पाई है.
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कोरोना से 5 हजार 315 लोगों की हो चुकी है मौत
कोरोना महामारी की विभिषिका से झारखंड भी अछूता नहीं रहा था. 15 फरवरी 2022 तक के आंकड़ों को देखें तो राज्य में कोरोना से 5 हजार 315 लोगों की मौत हो चुकी है. असामयिक मौत ने कई परिवारों की खुशियों को छिनने का काम किया है.किसी ने अपना पिता खोया तो किसी ने पति तो किसी ने जवान बेटा-बेटी. ऐसे में दुख से मर्माहत ऐसे परिजनों के आंसू पोछने की कोशिश हेमंत सरकार ने की है.राज्य सरकार ने ऐसे पीड़ित परिवार को 50-50 हजार रुपया आपदा राहत से देने का प्रावधान कर रखा है. मगर जिस गति से यह सहायता राशि पीड़ित परिजनों तक पहुंचना चाहिए वो नहीं पहुंच रहा है.
जटिल प्रक्रिया के कारण के नहीं मिल रहा लाभ
मुआवजा लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा ऑनलाइन-ऑफलाइन माध्यम से कोरोना से मृत व्यक्ति के परिजन द्वारा आवेदन देने की व्यवस्था की गई है. जिसके लिए अंचलाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, उपायुक्त कार्यालय में आवेदन पत्र सुविधा अनुसार समर्पित किया जा सकता है. आवेदक द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी एवं ई-गवर्नेंस विभाग द्वारा तैयार पोर्टल पर ऑनलाइन भी आवेदन दिए जा सकते हैं. अनुमंडल पदाधिकारी या उपायुक्त के कार्यालय में अथवा पोर्टल पर प्राप्त ऑनलाइन आवेदन की जांच हेतु संबंधित अंचल अधिकारी को भेजा जाएगा. अंचल अधिकारी द्वारा सभी आवेदनों की जांच के बाद अनुशंसा के साथ आवेदन को उपायुक्त कार्यालय को भेजा जाता है. अपर उपायुक्त या अपर समाहर्ता द्वारा अंचल अधिकारी से जांचोपरांत मिलने वाले आवेदनों को जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार के समक्ष निर्णय हेतु भेजा जाता है.जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार द्वारा प्राप्त आवेदनों की समीक्षा करने के बाद इसपर निर्णय लिया जाता है.प्रावधान के तहत राज्य आपदा मोचन निधि से परिजन को पचास हजार का मुआवजा मिलेगा.
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नहीं मिलता है मौत का सर्टिफिकेट
कोविड से होनेवाली मौत का सर्टिफिकेट मिलने में परिजनों को अनावश्यक रुप से परेशानी झेलनी पड़ रही है. जिसके कारण मुआवजा राशि लेने वालों की संख्या अब तक 200 भी नहीं पार कर पाया है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सरकार के द्वारा मिलनेवाली कोरोना मृतकों के परिजन को मिलनेवाली मुआवजा राशि के लिए उपायुक्त स्तर पर तीन सदस्यीय कमिटी गठित कर सरकार द्वारा समुचित राशि जिला स्तर पर उपलब्ध होने की बात कही है. वहीं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा है कि जिन लोगों की कोरोना से मौत घर पर हुआ है उनके भी परिजन समुचित प्रमाण के साथ इसमें आवेदन कर मुआवजा राशि ले सकते हैं.
मुआवजा में देरी पर सियासत
मुआवजा राशि पाने में परिजन को हो रही कठिनाई पर सत्ताधारी कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा ने एकमत से सहमति जताई है.कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने सरकार से कोरोना से हुई मौत के बाद पीड़ित परिवार को कैंप लगाकर मुआवजा राशि देने की मांग की है वहीं भाजपा विधायक सी पी सिंह ने इसके लिए सरकार के जटिल सिस्टम और अधिकारियों की मनमानी बड़ा वजह बताया है.
25.26 करोड़ रूपया जारी कर चुकी है सरकार
कोरोना मृतक के परिजनों को मुआवजा देने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पीड़ित परिवार को 50 -50 हजार की मुआवजा राशि देने के लिए राज्य सरकार ने एसडीआरएफ फंड से सभी जिलों के लिए 25.26 करोड़ रूपया जारी कर चुकी है. इसके बाबजूद मुआवजा पाने के लिए दिये जा रहे आवेदन या तो रिजेक्ट कर दिये जा रहे हैं या सरकार की जटिल प्रक्रिया में उलझकर रह जाता है जिसके कारण मुआवजा पाने से पीड़ित परिवार अब तक वंचित है.