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होटल एमराल्ड पर करोड़ों के जुर्माने के बावजूद नहीं हुई कार्रवाई, क्या RMC में आम और खास के लिए है अलग-अलग कानून?

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Published : Aug 3, 2021, 9:03 PM IST

झारखंड सरकार (Jharkhand Government) में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम की पत्नी के नाम पर चल रहे होटल एमराल्ड (Hotel Emerald) को सील करने का नोटिस दिया गया था. लेकिन अब तक होटल को सील नहीं किया गया है. मामले में फिलहाल रांची नगर निगम प्रशासन कुछ भी कहने के मूड में नहीं है.

Hotel Emerald in ranch
Hotel Emerald in ranch

रांची: सूबे के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम (Rural Development Minister Alamgir Alam) की पत्नी के नाम पर हिनू में स्थित होटल एमराल्ड (Hotel Emerald) को सील करने को लेकर दिए गए समय सीमा समाप्त होने के बाद भी नगर निगम के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई. जबकि नगर आयुक्त मुकेश कुमार की कोर्ट ने होटल सील करने का आदेश दिया था, साथ ही जुर्माना भी लगाया गया था. नक्शा विचलन कर होटल का निर्माण करने पर पहले 97 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था, लेकिन उसका भुगतान नहीं किया गया. जिसके बाद अब 2.68 करोड़ रूपया का जुर्माना लगाया गया है.

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नगर आयुक्त के कोर्ट में रिव्यू पिटिशन

होटल एमराल्ड (Hotel Emerald) को सील नहीं किए जाने के मामले में फिलहाल रांची नगर निगम प्रशासन (Ranchi Municipal Corporation) कुछ भी कहने के मूड में नहीं है. हालांकि कहा ये जा रहा है कि होटल प्रबंधन ने नगर आयुक्त के कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल कर फिर से सुनवाई की मांग की है जिस पर सुनवाई होनी है. उसके बाद तय होगा कि होटल के खिलाफ रांची नगर निगम आगे क्या कार्रवाई करती है. इसी वजह से समय सीमा समाप्त होने के बावजूद नगर निगम की टीम ने अबतक होटल को सील नही किया है.

मंत्री की पत्नी के नाम पर होटल होने से मिला फायदा

हालांकि, कहा ये जा रहा है कि झारखंड सरकार (Jharkhand Government) के मंत्री की पत्नी के नाम से होटल रहने की वजह से नगर निगम ने किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है. बल्कि अब इस कार्रवाई में टालमटोल किया जा रहा है. जब होटल एमराल्ड को सील करने के लिए रांची नगर निगम द्वारा नोटिस दिया गया था. उसी समय से राजनीतिक गलियारों में जोरों पर चर्चा शुरू हो गई थी कि सरकार में मंत्री रहने के बावजूद नगर निगम कार्रवाई कर रही है. जिससे यह संदेश जा रहा था कि कानून सबके लिए बराबर है चाहे कोई आम हो या खास हो. जिस तरह से अतिक्रमणकारियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है उसी तरह की कार्रवाई एक मंत्री की पत्नी के नाम पर चल रहे होटल के खिलाफ भी होगी. लेकिन अब मामला पूरी तरह से बदल गया है.


क्या आम और खास के लिए अलग-अलग कानून?
अब सवाल यह उठ रहा है कि रांची नगर निगम में आम और खास आदमी के लिए अलग-अलग तरह की कानून व्यवस्था तो नहीं है. क्योंकि रांची नगर निगम और जिला प्रशासन के संयुक्त रूप से नदी, तालाब और जलाशय के आसपास अवैध संरचना समेत शहर में अवैध निर्माण के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है. इसके तहत जलाशयों से 15 मीटर के अंदर की संरचना को ध्वस्त भी किया जा रहा है. आम लोगों को 24 घंटे की मोहलत भी नसीब नहीं है. लेकिन खास लोगों को 3 दिनों की मोहलत दी जाती है और उसके बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है. नगर निगम की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा कर रहा है.

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अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ कई लोग

अहम बात यह भी है कि राजधानी रांची के कई क्षेत्रों में चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के खिलाफ डिप्टी मेयर और पार्षदों समेत झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स (Jharkhand Chamber of Commerce) ने भी मोर्चा खोल दिया है. डिप्टी मेयर के नेतृत्व में पार्षद न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी में हैं. डिप्टी मेयर ने नगर निगम प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए सवाल उठाया है कि रांची शहर में कई ऐसी भूमि है जिसमें 1.80 लाख घर अवैध निर्माण के घेरे में आएंगे. तो क्या उन्हें भी तोड़ने की कार्रवाई की जाएगी. वहीं, झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स ने भी अपर बाजार इलाके में अवैध निर्माण के खिलाफ नगर निगम के नोटिस और कार्रवाई की चेतावनी को अव्यावहारिक करार दिया है.

क्या है मामला

राजधानी के हिनू नदी के किनारे स्थित होटल एमराल्ड को 3 दिन के अंदर सील करने का आदेश नगर आयुक्त मुकेश कुमार की तरफ से जारी किया गया था. होटल पर 2.68 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. होटल एमराल्ड पर नक्शा विचलन कर निर्माण का आरोप है. इससे पहले भी होटल पर 97 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था लेकिन उसका भुगतान नहीं किया गया था. नगर निगम की इंफोर्समेंट टीम ने होटल को नोटिस जारी करते हुए 3 दिन के भीतर होटल खाली करने का आदेश दिया था. यही नहीं पूरी कार्रवाई के दौरान लॉ एंड ऑर्डर सामान्य रहे इसके लिए डीसी और एसएसपी को पत्र लिखकर सुरक्षा बल उपलब्ध कराने का आग्रह भी किया गया था.

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