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NIA ने मगध-आम्रपाली कोल परियोजना टेरर फंडिंग में कसा शिकंजा, MD समेत पांच ट्रांसपोर्टरों पर दायर होगा चार्जशीट

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Published : Jan 18, 2020, 8:18 AM IST

Updated : Jan 18, 2020, 12:10 PM IST

मगध-आम्रपाली कोल परियोजना टेरर फंडिंग मामले में NIA का शिकंजा कसता जा रही है. अब इस परियोजना से जुड़े कई कारोबापरियों पर चार्जशीट दायर करने का फैसला लिया है.

NIA to file charge sheet in Magadh-Amrapali Coal Project Terror Funding
NIA

रांची: मगध-आम्रपाली कोल परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में बड़े कारोबारियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है. टीपीसी नक्सल संगठन के द्वारा समर्थित कमेटी को लेवी का पैसा देने के मामले में आधुनिक कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी महेश अग्रवाल, वीकेवी कंपनी के विनित अग्रवाल को भी एनआईए ने दोषी पाया है.

चार्जशीट की तैयारी
पिछले हफ्ते जेल भेजे गए ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया, अजय कुमार सिंह की भूमिका भी टीपीसी को लेवी देने में पायी गई है. ऐसे में एनआईए ने इन बड़े कारोबारियों पर चार्जशीट दायर करने का फैसला लिया है. एनआईए सूत्रों के मुताबिक, इस माह इन कारोबारियों पर चार्जशीट दायर कर दिया जाएगा. एनआईए के द्वारा टेरर फंडिंग केस में आधुनिक ग्रूप के मैनेजर संजय जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है. संजय अभी जेल में बंद हैं, उनके खिलाफ एनआईए ने पूर्व में चार्जशीट किया था.

ये भी पढ़ें: 24 घंटे के अंदर तीन हत्याओं से दहला चतरा, दहशत में लोग

कारोबारियों को किन मामलों में जांच में दोषी पाया
एनआईए सूत्रों के मुताबिक, मगध- आम्रपाली कोल परियोजना शुरू होने के बाद टीपीसी नक्सली संगठन के कमांडर आक्रमण जी के द्वारा शांति समिति बनायी गई थी. अलग अलग गांवों में बनायी गई शांति समिति को ट्रांसपोर्टरों के द्वारा लेवी के तौर पर 240 रूपये प्रतिटन दिए जा रहे रहे थे. महेश अग्रवाल, विनित अग्रवाल समेत अन्य पर आरोप है कि उन्होंने आक्रमण जी के साथ संपर्क किया. इसके बाद अपने कारोबार को चलाने के लिए टीपीसी समर्थित कमेटियों को पैसे दिए. बाहर के कारोबारियों के साथ टीपीसी की मध्यस्था चतरा के ट्रांसपोर्टर सुधांशू रंजन उर्फ छोटू सिंह के द्वारा भी की जाती थी.

बड़े कारोबारियों पर सख्त धाराओं में होगी चार्जशीट
मगध- आम्रपाली में ट्रांसपार्टिंग से जुड़े बड़े कारोबारियों पर सख्त धाराएं लगायी जाएंगी. एनआईए उ्रग्रवादियों पर लगायी जाने वाली धारा 17 सीएलए और यूएपीए एक्ट के तहत कारोबारियों पर चार्जशीट करेगी.

ट्रांसपोर्टरों के बीच हड़कंप
एनआईए के द्वारा बड़े कारोबारियों पर कार्रवाई की आहट से ही हड़कंप मचा हुआ है. कोलकाता की बड़ी ट्रांसपोर्टिंग कंपनी गोदावरी के साथ मिलकर काम करने वाले सुदेश केडिया ने अपनी कंपनी भी खड़ी की थी. मगध- आम्रपाली में बड़े ट्रांसपोर्टरों पर टेरर फंडिंग के मामले में जांच में दोषी पाए जाने के बाद ट्रांसपोर्टिंग का काम भी प्रभावित हो सकता है. मगध- आम्रपाली कोल परियोजना टेरर फंडिंग में सीसीएल के पूर्व अधिकारी अजीत ठाकुर, सीसीएल कर्मी व मास्टरमाइंड सुभान मियां, कोहराम, सुधांशू रंजन, संजय जैन, बिंदू गंझू पूर्व से जेल में बंद हैं. टेरर फंडिंग के मामले में टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू, सीसीएल कर्मी व टीपीसी कमांडर भीखन गंझू, अनिश्चय गंझू, बीरबल गंझू की तलाश एनआईए को है.

Intro:आधुनिक के एमडी समेत पांच ट्रांसपोर्टरों पर कसा एनआईए का शिकंजा ,एनआईए ने जांच में पाया दोषी, जल्द होगी चार्जशीट

रांची।
मगध- आम्रपाली कोल परियोजना से टेरर फंडिंग के मामले में बड़े कारोबारियों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। टीपीसी नक्सल संगठन के द्वारा समर्थित कमेटी को लेवी का पैसा देने के मामले में आधुनिक कॉरपोरेशन लिमिटेड के एमडी महेश अग्रवाल, वीकेवी कंपनी के विनित अग्रवाल को भी एनआईए ने दोषी पाया है।

चार्जशीट की तैयारी

पिछले हफ्ते जेल भेजे गए ट्रांसपोर्टर सुदेश केडिया, अजय कुमार सिंह की भूमिका भी टीपीसी को लेवी देने में पायी गई है। ऐसे में एनआईए ने इन बड़े कारोबारियों पर चार्जशीट दायर करने का फैसला लिया है। एनआईए सूत्रों के मुताबिक, इस माह इन कारोबारियों पर चार्जशीट दायर कर दिया जाएगा। एनआईए के द्वारा टेरर फंडिंग केस में आधुनिक ग्रूप के मैनेजर संजय जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है। संजय अभी जेल में बंद हैं, उनके खिलाफ एनआईए ने पूर्व में चार्जशीट किया था।

कारोबारियों को किन मामलों में जांच में दोषी पाया

एनआईए सूत्रों के मुताबिक, मगध- आम्रपाली कोल परियोजना शुरू होने के बाद टीपीसी नक्सली संगठन के कमांडर आक्रमण जी के द्वारा शांति समिति बनायी गई थी। अलग अलग गांवों में बनायी गई शांति समिति को ट्रांसपोर्टरों के द्वारा लेवी के तौर पर 240 रूपये प्रतिटन दिए जा रहे रहे थे। महेश अग्रवाल, विनित अग्रवाल समेत अन्य पर आरोप है कि उन्होंने आक्रमण जी के साथ संपर्क किया। इसके बाद अपने कारोबार को चलाने के लिए टीपीसी समर्थित कमेटियों को पैसे दिए। बाहर के कारोबारियों के साथ टीपीसी की मध्यस्था चतरा के ट्रांसपोर्टर सुधांशू रंजन उर्फ छोटू सिंह के द्वारा भी की जाती थी।
बड़े कारोबारियों पर सख्त धाराओं में होगी चार्जशीट
मगध- आम्रपाली में ट्रांसपार्टिंग से जुड़े बड़े कारोबारियों पर सख्त धाराएं लगायी जाएंगी। एनआईए उ्रग्रवादियों पर लगायी जाने वाली धारा 17 सीएलए और यूएपीए एक्ट के तहत कारोबारियों पर चार्जशीट करेगी।

ट्रांसपोर्टरों के बीच हड़कंप

एनआईए के द्वारा बड़े कारोबारियों पर कार्रवाई की आहट से ही हड़कंप मचा हुआ है। कोलकाता की बड़ी ट्रांसपोर्टिंग कंपनी गोदावरी के साथ मिलकर काम करने वाले सुदेश केडिया ने अपनी कंपनी भी खड़ी की थी। मगध- आम्रपाली में बड़े ट्रांसपोर्टरों पर टेरर फंडिंग के मामले में जांच में दोषी पाए जाने के बाद ट्रांसपोर्टिंग का काम भी प्रभावित हो सकता है। मगध- आम्रपाली कोल परियोजना टेरर फंडिंग में सीसीएल के पूर्व अधिकारी अजीत ठाकुर, सीसीएल कर्मी व मास्टरमाइंड सुभान मियां, कोहराम, सुधांशू रंजन, संजय जैन, बिंदू गंझू पूर्व से जेल में बंद हैं। टेरर फंडिंग के मामले में टीपीसी सुप्रीमो ब्रजेश गंझू, सीसीएल कर्मी व टीपीसी कमांडर भीखन गंझू, अनिश्चय गंझू, बीरबल गंझू की तलाश एनआईए को है।Body:1Conclusion:2
Last Updated : Jan 18, 2020, 12:10 PM IST
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