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खुशी रेनबो होम दुष्कर्म मामला: रघुवर दास ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र, सीबीआई जांच की मांग

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Published : Apr 28, 2022, 9:38 PM IST

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिठ्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने खुशी रेनबो होम में आदिवासी बच्चियों के साथ हुए दुष्कर्म की वारदात की सीबीआई जांच कराने की मांग की है.

Raghuvar Das demanded CBI probe
Raghuvar Das demanded CBI probe

रांची: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को चिठ्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने झारखंड में कार्यरत एक गैर सरकारी संस्था खुशी रेनबो होम में दो आदिवासी बच्चियों के साथ हुए दुष्कर्म की सीबीआई जांच की मांग की है. चिट्ठी में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संस्था का निबंधन रद्द करने का भी आग्रह किया है.

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अपने पत्र में पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने लिखा है कि यह संस्था पूर्व अधिकारी हर्ष मंदर की संस्था सेंट्रल फॉर इक्विटी स्टडीज के द्वारा संचालित की जा रही है. संस्था के लोगों को इस घटना की जानकारी होने के बावजूद इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी गयी, बल्कि इस घटना को छिपाने का प्रयास किया गया. उन्होंने झारखंड में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में आयी यूपीए सरकार में आदिवासी बच्चियों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में हुई काफी वृद्धि पर चिंता जताई है.

Raghuvar Das demanded CBI probe
रघुवर दास की चिट्ठी

बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने चिट्ठी में हर्ष मंदर के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए लिखा है कि केंद्र की यूपीए सरकार में सोनिया गांधी की अध्यक्षता वाले राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के वे सदस्य रह चुके हैं. उनका इतिहास काफी विवादपूर्ण रहा है. देश विरोधी गतिविधियों में शामिल संस्थानों के साथ उनका जुड़ाव जगजाहिर है. सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के मामले में भी उनकी सक्रिय भूमिका रही है, जिस मामले में दिल्ली पुलिस जांच कर रही है.

हर्ष मंदर की संस्था उम्मीद अमन घर एवं खुशी रेनबो होम में पहले भी बाल यौन उत्पीड़न की शिकायतें आती रही हैं. झारखंड में अभी यूपीए सरकार है. प्रभावशाली व्यक्ति की संस्था होने के कारण इस मामले को दबाने का प्रयास किया गया. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के कठिन प्रयास से यहां मामला दर्ज हो पाया है. इस मामले में राज्य सरकार द्वारा जांच कराए जाने पर न्याय की उम्मीद काफी कम है. इसलिए मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए साथ ही इन संस्थाओं का निबंधन रद्द कर ब्लैक लिस्ट करने किया जाए.

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