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सोलर एनर्जी से जगमग होगा झारखंड, सीएम हेमंत सोरेन ने की नई सौर ऊर्जा नीति लॉन्च

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Published : Jul 5, 2022, 4:56 PM IST

Updated : Jul 5, 2022, 6:41 PM IST

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नई सौर ऊर्जा नीति लॉन्च करते हुए कहा कि अगले पांच सालों में 4 हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस लक्ष्य को पूरा कराने को लेकर दो उच्च स्तरीय टीम गठित की गई है.

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सौर ऊर्जा से जगमग होगा झारखंड

रांचीः सौर ऊर्जा के क्षेत्र में कदम बढ़ाते हुए झारखंड सरकार ने अगले 5 वर्ष में 4000 मेगावाट सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन का लक्ष्य तय किया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को इसकी शुरुआत की. इसके साथ ही ऊर्जा विभाग की ओर से आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नई सौर ऊर्जा नीति लॉन्च करते हुए कई योजना की शुरुआत की है.

गिरिडीह को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने के साथ-साथ किसान सोलर वाटर पंप सेट योजना के लिये वेब पोर्टल, धनबाद और दुमका हवाई अड्डे पर 600 किलोवाट क्षमता का सोलर पावर प्लांट और गिरिडीह सोलर सिटी योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के लिये ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप पावर प्लांट परियोजना का सीएम हेमंत सोरेन ने ऑनलाइन शिलान्यास किया गया. कार्यक्रम में सीएम के सचिव विनय कुमार चौबे, ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार, जेबीवीएनएल के एमडी केके वर्मा उपस्थित थे.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि जिस तरह से जीने के लिए भोजन जरूरी है, उसी तरह से ऊर्जा भी जरूरी है. इसलिए बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार संकल्पित है. उन्होंने कहा कि भविष्य की चिंता को दूर करने के लिए सरकार ने नई नीति लाई है, जिसका लाभ लोगों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि भौगोलिक कारणों से ट्रांसमिशन लाइन से राज्य में बिजली पहुंचाने में कठिनाई होती है. इस स्थिति में सौर ऊर्जा काफी लाभदायक होगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा सस्ता और सुलभ है, जिसे अपनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि राज्य के कई जिले ऐसे हैं, जहां 25 से 30 मेगावाट बिजली की खपत होती है. इन जिलों में सौर ऊर्जा का सदुपयोग किया जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकता है. वहीं, ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार ने सौर ऊर्जा नीति की सराहना करते हुए कहा कि इसके माध्यम से पारंपरिक ऊर्जा के बजाय अक्षय उर्जा की ओर हम कदम बढ़ा रहे हैं. इसको लेकर नीति में कई तरह के प्रावधान किए गए हैं.

सौर ऊर्जा नीति 2022 के तहत सौर ऊर्जा से 4000 मेगावाट बिजली का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यह बिजली सोलर पार्क, कैनाल टॉप सोलर, फ्लोटिंग सोलर जैसी कई योजनाओं के माध्यम से राज्य में सौर ऊर्जा के विकास के लिये विस्तृत नीति बनाई गई है. अगले 5 वर्षों में राज्य में लगभग 4000 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा का लक्ष्य सरकार ने रखा है. इसके तहत यूटिलिटी स्केल पर लगभग 3000 मेगावाट, डिस्ट्रिब्यूटेड सोलर ऊर्जा के तहत 720 मेगावाट और ऑफग्रिड सोलर प्रोजेक्ट के तहत 280 मेगावाट के सोलर ऊर्जा प्लांट लगाने का लक्ष्य तय किया गया है.

नई नीति में निजी निवेशकों के प्रोत्साहन के लिये सिंगल विंडो सिस्टम, पेमेंट मैकेनिज्म, लैंड बैंक के माध्यम से भूमि व्यवस्था सहित अन्य प्रावधान किये गए हैं. डेडिकेटेड सौर ऊर्जा सेल, अधिकतम 60 दिनों के भीतर वैधानिक स्वीकृति, 1000 सोलर ग्राम के गठन की योजना, आर्थिक रूप से पिछड़े ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने की नीति के तहत क्रॉस सब्सिडी और थर्ड पार्टी और कैप्टिव उपयोग में छूट, 1 प्रतिशत की दर से 25 वर्ष तक इंडेक्सेशन, बिजली बिल में 5 वर्ष तक राज्य वस्तु एवं सेवा कर में 100 प्रतिशत की छूट दी जायेगी. सरकार की ओर से लक्ष्य के अनुरूप कार्यों की निरगानी को लेकर दो उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से गिरिडीह सोलर सिटी का ऑनलाइन शिलान्यास किया गया. शिलान्यास स्थल से ऑनलाइन जुड़े विधायक सुदिव्य कुमार से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बात की. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि गिरिडीह राज्य का पहला सौर ऊर्जा संचालित जिला होगा. इसके लिए शहरी और ग्रामीण इलाकों में व्यापक प्रचार प्रसार कर लोगों को सौर ऊर्जा से जोड़ने की आवश्यकता है. विधायक सुदिव्य कुमार ने कहा कि इस सौगात का लाभ जिले के प्रत्येक परिवार लेंगे.

Last Updated :Jul 5, 2022, 6:41 PM IST
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