झारखंड CID ने दिल्ली से दो साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार, CISF अधिकारी बन उड़ाए थे 3.95 लाख

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Published : Sep 30, 2022, 3:39 PM IST

Jharkhand CID

झारखंड सीआईडी ने दिल्ली से दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार (Two cyber criminals arrested from Delhi) किया है. गिरफ्तार अपराधियों में प्रदीप प्रजापति और शुभम वर्मा हैं, जो सीआईएसएफ अधिकारी बनकर ठगी की घटना को अंजाम दिया था.

रांचीः झारखंड सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच ने दिल्ली में छापेमारी कर दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार (Two cyber criminals arrested from Delhi) किया है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने सीआईएसएफ अधिकारी बन किराए के मकान लेने के बहाने रांची के सदर इलाके में रहने वाले एक व्यक्ति के खाते से 3.95 लाख रुपये उड़ा लिए थे. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार दोनों अपराधियों से पूछताछ करने के बाद जेल भेज दिया है.

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रांची सदर थाना क्षेत्र में रहने वाले अशोक कुमार से दिल्ली के रहने वाले दो साइबर अपराधियों ने ठगी की घटना को अंजाम दिया था. इस मामले को लेकर अशोक कुमार ने जून महीने में सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई थी. दरअसल अशोक कुमार ने अपना घर किराए पर देने के लिए मैजिक्सब्रिक्स साइट पर विज्ञापन दिया था. साइट पर विज्ञापन देखकर दोनों साइबर अपराधियों ने खुद को सीआईएसएफ अधिकारी बताते हुए मकान किराए पर लेने के नाम पर गूगल पे के माध्यम से अशोक कुमार के खाते से 3.95 लाख रुपये गायब कर दिए थे.

मामले के अनुसंधान का जिम्मा झारखंड सीआईडी के साइबर क्राइम ब्रांच को दिया गया. जांच के दौरान टीम को यह पता चला कि इस ठगी को अंजाम देने में प्रदीप प्रजापति और शुभम वर्मा का नाम सामने आया. टेक्निकल सेल के माध्यम से सीआईडी की साइबर क्राइम ब्रांच की टीम ने दोनों साइबर अपराधियों को नई दिल्ली से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से दो मोबाइल, कई मोबाइल कंपनियों के सिम कार्ड, चेक बुक, दूसरों के नाम पर बने आधार कार्ड, कई एटीएम कार्ड, लैपटॉप और पेन ड्राइव बरामद किया है.

राजधानी में हाल के दिनों में किराएदार बनकर साइबर अपराधियों ने ठगी का धंधा शुरू किया है. इसको लेकर साइबर क्राइम ब्रांच द्वारा गाइडलाइंस भी जारी किए हैं. ये है गाइडलाइंस

  • प्रॉपर्टी साइट पर मकान किराए पर देने का विज्ञापन देने से पहले तय राशि को नगद लेने का आप्सन डाले
  • खाते में पैसे का लेनदेन ना करें
  • किसी कारणवश ऑनलाइन पेमेंट ही लेना हो तो फिर अपना मोबाइल नंबर दें और कहें कि इसमें सीधे पेटीएम या फिर यूपीआई पेमेंट करें. किसी तरह के कोड स्कैन करने से साफ इंकार करें
  • खरीदार से कॉल पर बात करें मिलने के लिए सार्वजनिक जगह तय करें और इसके बाद ही किसी प्रकार के पैसों का लेनदेन करें
  • पेमेंट के लिए अगर आपको फोन पर किसी तरह का ओटीपी आए तो उसे किसी से साझा ना करें
  • क्यूआर कोड स्कैन से कभी आपके खाते में पैसा नहीं आएगा हमेशा स्कैन करने वाले के आते से ही डेबिट होता है
  • अगर कोई खरीदार आपके सामान को करीब से देखे बगैर खरीदने के लिए तैयार है और एडवांस पेमेंट की बात करता है तो आप सतर्क हो जाएं
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