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झारखंड में 50 हजार सहायक आचार्यों की होगी भर्ती, प्रशासी पदवर्ग समिति की स्वीकृति के बाद कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार

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Published : Jul 20, 2022, 1:53 PM IST

झारखंड में क्वालिटी एजुकेशन को लेकर सरकार गंभीर है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साक्षरता विभाग की उच्चस्तरीय बैठक कर शिक्षकों की कमी की वजह पढ़ाई बाधित नहीं होने का निर्देश दिया है. सीएम के निर्देश के बाद विभाग की ओर से सहायक आचार्य के लगभग 50 हजार पदों के सृजन के प्रस्ताव पर स्वीकृति की जानकारी दी है.

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सीएम हेमंत सोरेन

रांची: झारखंड में सरकार स्कूलों में क्वालिटी एजुकेशन को लेकर गंभीर है. बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले इसको लेकर सीएम हेमंत सोरेन ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की उच्चस्तरीय बैठक कर कई दिशा निर्देश दिए हैं. इस बैठक में सीएम ने मॉडल स्कूलों के संचालन, शिक्षकों की नियुक्ति, और सरकारी विद्यालयों में आईसीटी कार्यक्रमों को लेकर अधिकारियों को कई निर्देश दिए. प्रोजेक्ट भवन में हुई इस बैठक में मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव राजेश शर्मा जेईपीसी की राज्य परियोजना निदेशक किरण कुमारी पासी और माध्यमिक निदेशक सुनील कुमार मौजूद थे.

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सहायक आचार्य के 50 हजार पदों का सृजन : समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने विद्यालयों में शिक्षकों की कमी की वजह से पढ़ाई बाधित नहीं होने का निर्देश दिया. उन्होंने शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का भी निर्देश दिया. इस मौके पर विभाग की ओर से बताया गया कि सहायक आचार्य के लगभग 50 हजार पदों के सृजन के प्रस्ताव पर प्रशासी पदवर्ग समिति की स्वीकृति मिल गई है. अब इस पर मंत्रिमंडल की स्वीकृति ली जानी है. वहीं, प्लस 2 विद्यालयों में 5610 शिक्षकों और 690 प्रयोगशाला सहायक के पदों पर बहाली के लिए कार्मिक विभाग को अधियाचना भेजी जा चुकी है जबकि, मॉडल स्कूलों में 979 शिक्षक और 267 प्रयोगशाला सहायक के पद पर नियुक्ति के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.

स्मार्ट क्लास से पढ़ाई की व्यवस्था: समीक्षा बैठक में सरकारी विद्यालयों में आधुनिक तरीके से बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित कराने के निर्देश के साथ साथ जिन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई की व्यवस्था है, वहां सॉफ्टवेयर और ई- कंटेंट को नियमित रूप से अपडेट करने को कहा गया. बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में 974 विद्यालयों में आईसीटी लैब लगाये जा चुके है. इस वर्ष के अंत तक 920 विद्यालयों में इसे चालू कर दिया जाएगा. माध्यमिक विद्यालयों के साथ मध्य विद्यालय में भी आईसीटी लैब स्थापित करने की योजना पर विभाग ने कार्रवाई शुरू कर दी है.

पिछड़े प्रखंडों में मॉडल स्कूल स्वीकृत: बैठक में विभागीय सचिव ने बताया कि राज्य में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए 89 पिछड़े प्रखंडों में मॉडल स्कूल स्वीकृत किए गए हैं, इनमें 84 स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो चुकी है. प्रखंड स्तर पर स्थापित इन विद्यालयों में झारखंड एकेडमिक काउंसिल के माध्यम से विद्यार्थियों का चयन होता है लेकिन, हॉस्टल अथवा परिवहन की सुविधा नहीं होने से बच्चों को स्कूल आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस वजह से कई बच्चे नामांकन नहीं कराते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विद्यालयों में बच्चों के स्कूल में उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए सभी विकल्पों को ध्यान में रखकर आवश्यक कदम उठाएं. उन्होंने सभी विद्यालयों का जिओ टैगिंग कराने का भी निर्देश दिया.

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