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देश में मीडिया चला रहा है कंगारू कोर्ट, मुद्दों पर तर्कहीन बहस उनका एजेंडा: CJI

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Published : Jul 23, 2022, 10:38 AM IST

Updated : Jul 23, 2022, 3:28 PM IST

सीजेआई एनवी रमना रांची के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे. ज्यूडिशियल एकेडमी के कार्यक्रम में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने अपने संबोधन में मीडिया खासकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं कि मीडिया कंगारू कोर्ट चला रहे हैं. इसके चलते कई बार तो अनुभवी न्यायाधीशों को भी फैसला लेने में मुश्किल आती है.

CHIEF JUSTICE NV RAMANA ON JHARKHAND TOUR
CHIEF JUSTICE NV RAMANA ON JHARKHAND TOUR

रांची: एक दिवसीय दौरे पर रांची पहुंचे चीफ जस्टिस एनवी रमना ने अपने संबोधन में कई मामलों पर मीडिया ट्रायल पर सवाल उठाए हैं. ज्यूडिशियल एकेडमी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीजेआई ने कहा कि उन्होंने कहा कि मीडिया कंगारू कोर्ट लगा लेता है. ऐसे में अनुभवी जजों को भी फैसला लेने में मुश्किलें आती हैं. उन्होंने कहा कि प्रिंट मीडिया में अभी भी जवाबदेही है, लेकिन इलेक्ट्रोनिक मीडिया में जिम्मेदारी नहीं दिखाई देती है.

ये भी पढ़ें:- रांची में ज्यूडिशियल एकेडमी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए एनवी रमना, प्रमंडलीय न्यायालय चांडिल का ऑनलाइन किया उद्घाटन

सीजेआई ने रांची में कहा कि लोकतंत्र में जज का विशेष स्थान होता है, न्यायाधीश आंखें नहीं मूंद सकते हैं, लेकिन इलेक्ट्रानिक मीडिया के गैरजिम्मेदाराना व्यवहार से न्याय व्यवस्था प्रभावित हो रही है. इससे लोकतंत्र को नुकसान हो रहा है. CJI ने कहा कि किसी भी केस को लेकर मीडिया में ट्रायल शुरू हो जाता है. इसके साथ सीजेआई ने कहा कि न्याय वितरण से जुड़े मुद्दों पर गलत सूचना और एजेंडा संचालित बहस लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो रहा है.

सीजेआई एनवी रमना

ज्यूडिशियल एकेडमी के कार्यक्रम में हुए शामिल: बता दें कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एन वी रमना ज्यूडिशियल एकेडमी में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं. कार्यक्रम के दौरान मुख्य न्यायाधीश प्रमंडलीय ने प्रमंडलीय न्यायालय चांडिल और नगर उंटारी का ऑनलाइन उद्घाटन किया. इसके साथ ही उन्होंने झालसा के प्रोजेक्ट शिशु के तहत कोरोना काल में अपने माता पिता को खोने वाले बच्चों के बीच छात्रवृत्ति का भी वितरण किया. इस दौरान धुर्वा स्थित ज्यूडिशियल एकेडमी में झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन सहित कई जज,अधिवक्ता और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स मौजूद रहे.


लाइफ ऑफ जज विषय पर बोले सीजेआई: ज्यूडिशियल एकेडमी में झालसा और नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के सहयोग से झारखंड हाईकोर्ट द्वारा आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करते हुए सीजेआई एनवी रमना ने जस्टिस एसबी सिन्हा मेमोरियल व्याख्यान के तहत लाइफ ऑफ जज विषय पर खुलकर विचार रखा. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय की न्यायपालिका के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक निर्णय के लिए मामलों को प्राथमिकता देना है. न्यायाधीश सामाजिक वास्तविकताओं से आंखें नहीं मूंद सकते. सिस्टम को टालने योग्य संघर्षों और बोझ से बचाने के लिए जज को मामलों को प्राथमिकता देनी होगी.

सीजेआई ने कहा कि अगर ज्यूडिशियरी सफर करेगा तो डेमोक्रेसी सफर करेगा. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीति में आना था मगर वे आ गये न्यायिक सेवा में, लेकिन इसको लेकर कोई मलाल नहीं है. सीजेआई ने कहा, लोग अक्सर भारतीय न्यायिक प्रक्रिया में लंबे समय से लंबित मामलों की शिकायत करते हैं. कई मौकों पर खुद उन्होंने भी लंबित मामलों के मुद्दों को उजागर किया है. उन्होंने न्यायाधीशों को उनकी पूरी क्षमता से कार्य करने में सक्षम बनाने के लिए भौतिक और व्यक्तिगत दोनों तरह के बुनियादी ढांचे को सुधारने की आवश्यकता की पुरजोर वकालत की. भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि लोगों ने एक गलत धारणा बना ली है कि न्यायाधीशों का जीवन बहुत आसान है. इस बात को निगलना काफी मुश्किल है. सेवानिवृत्त होने के बाद भी जजों को सुरक्षा मुहैया कराए जाने की आवश्यकता पर उन्होंने जोर दिया.

Last Updated : Jul 23, 2022, 3:28 PM IST
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