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एनपीए पर संशोधित सर्कुलर जल्द जारी करेगा रिजर्व बैंक

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Published : Apr 4, 2019, 7:55 PM IST

Updated : Apr 4, 2019, 11:58 PM IST

मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद परंपरागत संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा कि रिजर्व बैंक दबाव वाली संपत्तियों के निपटान के बारे में बिना किसी विलंब से संशोधित सर्कुलर जारी करेगा.

कॉन्सेप्ट इमेज।

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बैंक डूबे कर्ज के निपटान के बारे में संशोधित सर्कुलर जल्द जारी करेगा. उच्चतम न्यायालय ने कुछ कर्जदार कंपनियों की याचिकाओं पर इस बारे में रिजर्व बैंक के 12 फरवरी, 2018 के सर्कुलर को मंगलवार को रद्द कर दिया है.

शक्तिकांत दास, आरबीआई गवर्नर।

मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद परंपरागत संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा कि रिजर्व बैंक दबाव वाली संपत्तियों के निपटान के बारे में बिना किसी विलंब से संशोधित सर्कुलर जारी करेगा. उन्होंने कहा कि बैंकिग नियमन कानून की धारा 35एए के तहत केंद्रीय बैंक के अधिकारों पर कोई संदेह नहीं है.

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि इन अधिकारों का इस्तेमाल एक निश्चित तरीके से किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करना होगा और उसी के अनुरूप काम करना होगा. दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक समयबद्ध तरीके से दबाव वाली संपत्तियों के निपटान के लिए प्रतिबद्ध है.

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को रिजर्व बैंक के उस सर्कुलर को रद्द कर दिया था जिसमें बैंकों को यह सुनिश्चित करना था कि एक दिन की चूक को भी बैंक डूबा कर्ज मानें और 180 दिन के अंदर निपटान नहीं कर पाने पर यदि संबंधित खाता 2,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक का है तो उसे दिवाला अदालत भेजा जाए.
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मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने गुरुवार को कहा कि केंद्रीय बैंक डूबे कर्ज के निपटान के बारे में संशोधित सर्कुलर जल्द जारी करेगा. उच्चतम न्यायालय ने कुछ कर्जदार कंपनियों की याचिकाओं पर इस बारे में रिजर्व बैंक के 12 फरवरी, 2018 के सर्कुलर को मंगलवार को रद्द कर दिया है.

मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद परंपरागत संवाददाता सम्मेलन में दास ने कहा कि रिजर्व बैंक दबाव वाली संपत्तियों के निपटान के बारे में बिना किसी विलंब से संशोधित सर्कुलर जारी करेगा. उन्होंने कहा कि बैंकिग नियमन कानून की धारा 35एए के तहत केंद्रीय बैंक के अधिकारों पर कोई संदेह नहीं है.

उच्चतम न्यायालय ने कहा है कि इन अधिकारों का इस्तेमाल एक निश्चित तरीके से किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन करना होगा और उसी के अनुरूप काम करना होगा. दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक समयबद्ध तरीके से दबाव वाली संपत्तियों के निपटान के लिए प्रतिबद्ध है.

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को रिजर्व बैंक के उस सर्कुलर को रद्द कर दिया था जिसमें बैंकों को यह सुनिश्चित करना था कि एक दिन की चूक को भी बैंक डूबा कर्ज मानें और 180 दिन के अंदर निपटान नहीं कर पाने पर यदि संबंधित खाता 2,000 करोड़ रुपये या उससे अधिक का है तो उसे दिवाला अदालत भेजा जाए.

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Last Updated :Apr 4, 2019, 11:58 PM IST
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