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डेल्टा के मुकाबले कम खतरनाक है ओमीक्रोन, हॉस्पिटल में एडमिट होने की आशंका कम

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Published : Dec 23, 2021, 9:44 AM IST

कोरोना के नए वैरिएंट ओमीक्रोन पर हुए लंदन और स्कॉटलैंड के दो शोध के नतीजों में यह सामने आया है कि यह डेल्टा के मुकाबले माइल्ड है और इसमें हॉस्पिलाइजेशन के चांस बहुत कम हैं. ये नतीजे दक्षिण अफ्रीका में हुए अध्ययन के करीब हैं. लगातार आ रहे नतीजों में एक जैसे परिणाम लोगों के लिए राहत भरी हो सकते हैं.

micron hospitalization risk
micron hospitalization risk

लंदन : ओमीक्रोन के खतरों के बीच थोड़ी राहत भरी खबर आई है. कोरोना से जूझ रहे ब्रिटेन में हुई स्टडी में यह सामने आया है कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमीक्रोन इसके पुराने संस्करण डेल्टा से कम खतरनाक है. डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमीक्रोन संक्रमित लोगों के अस्पताल में एडमिट होने की संभावना भी कम होती है. हालांकि वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि भले ही ओमीक्रोन से माइल्ड संक्रमण होता हो, मगर मरीजों की तादाद बढ़ने पर हालात गंभीर हो सकते हैं.

Imperial College London के कोविड-19 रेस्पॉन्स टीम ने शोध के आधार पर अनुमान लगाया है कि डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले ओमीक्रोन संक्रमित लोगों के अस्पताल में एडमिट होने की संभावना 20 प्रतिशत कम है. इस तरह रात में इमरजेंसी के तहत भरती होने वाली संख्या भी डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले 40 फीसदी कम है. इम्पेरियल कॉलेज लंदन ने ये आंकड़े 15 दिसंबर तक किए गए रिसर्च के आधार पर जारी किए हैं. उस दौरान ब्रिटेन में ओमीक्रोन के 56 हजार और डेल्टा वैरिएंट के 269000 मामले थे.

इसके अलावा स्कॉटलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग (University of Edinburgh) ने भी ओमीक्रोन के बारे में अध्ययन के नतीजे जारी किए हैं. स्कॉटलैंड के रिसर्चर्स के अनुसार, ओमीक्रोन के मामले में मरीजों के हॉस्पिटल में भर्ती होने की संभावना डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले दो तिहाई कम है. साथ ही 29 से 39 वर्ष की आयु वाले लोगों में इसका खतरनाक असर नहीं पड़ा है.

बता दें कि ओमीक्रोन वैरिएंट का पता सबसे पहले साउथ अफ्रीका में चला था. वहां हुए शुरूआती अध्ययन में भी माइल्ड सिम्पट्म्स और हॉस्पिटल में एडमिट होने की दर कम होने का पता चला था. सभी अध्ययनों में इस बात पर चिंता जताई गई है कि ओमीक्रोन वैरिएंट का संक्रमण काफी तेज होता है. इससे इम्यूनिटी भी कम हो जाती है. ऐसे में जब ओमीक्रोन वैरिएंट की कारण संक्रमण के मामले बढ़ जाएंगे तो हालात गंभीर हो सकते हैं. अभी तक हुए ओमीक्रोन पर हुए सभी रिसर्च में सैंपल साइज छोटा रहा है, इसलिए बड़े पैमाने पर संक्रमण होने की स्थिति का आकलन मुश्किल है.

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