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कान्हा नेशनल पार्क में नक्सलियों की दस्तक: 3 फॉरेस्ट गार्ड की हत्या के बाद PMO को भेजी गई अहम जानकारी

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Published : May 5, 2022, 6:36 PM IST

देश के आदिवासी अंचल बालाघाट डिंडोरी के बाद मंडला के कान्हा नेशनल पार्क में नक्सलियों के मूवमेंट हुआ है. यहां नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में बीते कुछ दिनों में ही एक फॉरेस्ट गार्ड समेत अन्य दो लोगों की हत्या कर दी है.

Naxalite activities in kanha national park
कान्हा नेशनल पार्टी में बढ़ी नक्सलियों की दस्तक

इंदौर। नक्सलवाद से जूझते छत्तीसगढ़ के बाद अब मध्य प्रदेश में भी एक बार फिर से नक्सलवाद की काली छाया दिखाई देने लगी है. प्रदेश के आदिवासी अंचल बालाघाट डिंडोरी के बाद मंडला के कान्हा नेशनल पार्क में नक्सलियों के मूवमेंट हुआ है. यहां नक्सलियों ने मुखबिरी के शक में बीते कुछ दिनों में ही एक फॉरेस्ट गार्ड समेत अन्य दो लोगों की हत्या कर दी है. इस मामले में इंदौर की एक पर्यावरण संरक्षण संस्था ने पीएम नरेंद्र मोदी सीएम शिवराज सिंह से शिकायत की है. जिसके बाद से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक कान्हा नेशनल पार्क के 80 फ़ीसदी इलाके पर नक्सली अपने मजबूत पकड़ बना रहे हैं.

कान्हा नेशनल पार्टी में बढ़ी नक्सलियों की दस्तक
नक्सलियों के प्रभाव वाले इलाके में जाने से डरते हैं फॉरेस्ट गार्ड: मध्यप्रदेश के बालाघाट के बाद डिंडोरी और मंडला में तेजी से नक्सली मूवमेंट बढ़ रहा है. स्थिति यह हो गई है कि कान्हा नेशनल पार्क में भी नक्सली गतिविधियों में तेजी आई है. यहां करीब 80 फ़ीसदी इलाके पर नक्सलियों का कब्जा है. मैदानी अमला और फॉरेस्ट अधिकारी रेंज और बीटों में जाने से डर रहे हैं. पूर्व पीसीसीएफ एचएस पाबला कहते हैं कि अब पार्क के सिर्फ 18% इलाके में ही अब पर्यटन हो रहा है. आने वाले दिनों में भी इसका भी आंकड़ा कम हो जाएगा. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नक्सलियों ने बीते 2 महीने में तीन वन कर्मियों की हत्या कर दी है. 22 मार्च को भी उन्होंने वन कर्मी सुखदेव को मुखबिरी के शक में मार दिया था जिसके बाद मैदानी अमले ने फॉरेस्ट रेंज में पेट्रोलिंग करना भी बंद कर दिया है.
Naxalite activities in kanha national park
कान्हा नेशनल पार्टी में बढ़ी नक्सलियों की दस्तक

पर्यावरण संरक्षण ने संस्था ने पीएम को सबूतों संग भेजी जानकारी: मध्यप्रदेश के इस इलाके में नक्सल के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए हाल ही में केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव समेत पूर्व पीसीसीएफ एचएस पाबला, एनटीसीए के पूर्व सदस्य और ग्लोबल टाइगर फोरम के सेक्रेटरी जनरल राजेश गोपाल ने इस मामले की जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी दी थी. इंदौर की एक पर्यावरण संस्था द नेचर वॉलिंटियर पूरे मामले की जानकारी प्रमाण सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यालय को भी भेज चुकी है.

PMO ने प्रदेश सरकार को भेजा मामला: पीएमओ ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए पूरे मामले को मध्यप्रदेश शासन को भेजा है, जिससे कि इस मामले में संज्ञान लिया जा सके. संस्था के अध्यक्ष भालू मोडे बताते हैं कि हाल ही में उन्हें प्रधानमंत्री कार्यालय से सूचना प्राप्त हुई है कि पूरे मामले को मध्य प्रदेश शासन के वन विभाग को भेजा गया है इसके अलावा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सक्रिय मध्यप्रदेश शासन की सुरक्षा एजेंसियों को भी मामले से अवगत कराया गया है. जिसके बाद इस मामले में कार्रवाई किए जाने को लेकर तेजी से विचार किया जा रहा है. वहीं पूरे मामले को लेकर वन्य प्राणी विशेषज्ञों और पर्यावरण से जुड़ी संस्थाओं ने आशंका जताई है कि जल्द ही अगर इस सबंध में कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई और कान्हा नेशनल पार्क में नक्सली गतिविधियां इसी तरह से बढ़ती रहीं तो आने वाले समय में वहां के वन्य प्राणियों को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है. इसके अलावा यहां संचालित होने वाला टूरिज्म भी हमेशा के लिए बंद हो सकता है.

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