POSITIVE BHARAT PODCAST: आज ही के दिन 1930 में महात्मा गांधी ने दांडी यात्रा शुरू कर हिला दी थी ब्रिटिश साम्राज्य की नींव...
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भारत के इतिहास में आज का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है. आज ही के दिन साल 1930 में गांधी जी गुजरात के साबरमती आश्रम से 78 लोगों के साथ पैदल निकल पड़े, एक ऐसे सफर पर जिसकी मंजिल थी करीब 385 किलोमीटर दूर, नवसारी जिले का समुद्र किनारे बसा वो गांव जिसके नाम से आज इस यात्रा को पूरी दुनिया जानती है 'दांडी यात्रा'. ये पैदल यात्रा शुरू थी नमक के लिए. दरअसल, ब्रिटिश हुकूमत ने नमक के उत्पादन और बिक्री पर टैक्स लगा दिया था. जिसके खिलाफ देशभर में रोष था और महात्मा गांधी ने इसी टैक्स के खिलाफ दांडी मार्च की शुरूआत की. इसीलिए इसे नमक सत्याग्रह का नाम भी दिया गया. महात्मा गांधी ने बिना हिंसा का रास्ता अपनाए सैकड़ों किलोमीटर लंबा सफर कर लोगों को एकजुट किया जिसके बाद अंग्रेजों को कानून वापस लेना पड़ा. दांडी यात्रा या नमक सत्याग्रह के लिए उठा एक-एक कदम एकजुटता सबक पढ़ाता है. किसी नाइंसाफी या जुल्म के खिलाफ आवाज बुलंद कर इंसाफ पाया जा सकता है, इसके लिए हिंसा का रास्ता अपनाना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है.