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फर्जी डिग्री मामले पर राणा का सरकार से सवाल, आखिर इतने बड़े फर्जीवाड़े पर सरकार क्यों है खामोश?

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Published : Aug 17, 2020, 4:14 PM IST

Updated : Aug 17, 2020, 7:50 PM IST

राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर विधानसभा के विधायक राजेंद्र राणा ने सोलन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हा कि शांता कुमार सदैव अपनी सच्ची व बेबाक टिप्पणी को लेकर जाने जाते हैं. राणा ने मांग की है कि अगर विपक्ष की बात सत्ता पक्ष को हजम नहीं हो रही है तो वह पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की टिप्पणी पर गौर करें, जिसमें उन्होंने कहा है कि फर्जी डिग्री के अलावा अन्य निजी यूनिवर्सिटी में भी बहुत कुछ फर्जी है.

फर्जी डिग्री मामला
फर्जी डिग्री मामला

सोलन: राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं सुजानपुर विधानसभा के विधायक राजेंद्र राणा ने सोलन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की ओर से निजी विश्वविद्यालयों को लेकर की गई टिप्पणी का स्वागत करते हुए कहा कि शांता कुमार सदैव अपनी सच्ची व बेबाक टिप्पणी को लेकर जाने जाते हैं.

शिक्षा के नाम पर भ्रष्टाचार का अड्डा बने निजी विश्वविद्यालयों को शांता कुमार ने केवल डिग्री देने वाली दुकान करार दिया है. राणा ने कहा कि मानव भारती यूनिवर्सिटी समेत एक ही जिले में बीजेपी के राज में खुली 7 यूनिवर्सटी अब सवालों के घेरे में है.

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BJP के राज में शुरू हुई फर्जी डिग्रियों की दुकान

राजेंद्र राणा ने कहा कि इतना ही नहीं एक ही ग्राम पंचायत में तीन-तीन यूनिवर्सिटी बीजेपी के राज में खोली गई थी, इनको खोलने का मकसद क्या था? इनके लिए छात्र कहां से आने थे? हालांकि यह मुद्दा तब भी कांग्रेस की तत्कालीन सरकार ने उठाया था. बीजेपी के राज में खुली यूनिवर्सिटी में किस-किस की मिलीभगत रही है. स्टेट रेगुलेटरी कमीशन भी इस मामले में शक और संदेह के घेरे में है. राणा ने कहा कि इस फर्जीवाड़े में रेगुलेटरी कमीशन से जुड़े एक व्यक्ति पर 60 कंप्यूटरों की खेप हजम करने के आरोप लगे हैं, जिसकी जांच होनी जरूरी है. यह तमाम विषय बीजेपी की नियत और नीति पर सवाल खड़े कर रहे हैं.

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फर्जी डिग्री मामले में ED से जांच क्यों नहीं करवा रही सरकार

सुजानपुर विधानसभा ने कहा कि मानव भारती यूनिवर्सिटी मामले में अब वर्तमान सरकार किन-किन को बचाना चाह रही है. वह कौन अधिकारी व राजनेता हैं, जिन को बचाने के लिए वर्तमान सरकार मौन और मुक मुद्रा में रहते हुए बचाव के दबाव में है. मानव भारती यूनिवर्सिटी में भ्रष्टाचार का पैसा विदेशों में जाने के बाद यह मामला ED की जांच का बनता है. आखिर सरकार इस मामले को ED को सौंपने में किसके दबाव में गुरेज कर रही है?

केंद्र के कौन से नेता के दबाव में सरकार कर रही जांच में देरी
राजेंद्र राणा की कहा की इस मामले के बचाव में केंद्र में बैठे कुछ नेता प्रदेश सरकार पर लगातार दबाव बना रहे हैं. उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि धर्मशाला में निजी संस्थान चलाने वाला जम्मू-कश्मीर से संबंधित व्यक्ति कौन है, जिस पर इस मामले में दलाली के आरोप लगे हैं और अब सरकार उसको बचाने का प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में पालमपुर के एक व्यक्ति पर भी भ्रष्टाचार के खेल में दलाल की भूमिका अदा करने के आरोप लगे हैं, इन दोनों नामों का भी सरकार खुलासा करें.

विधानसभा में पुरजोर उठाएंगे मुद्दा
राणा ने कहा कि भ्रष्टाचार के इतने सारे आरोप लगने के बाद सरकार ने किस मजबूरी में मानव भारती यूनिवर्सिटी की मान्यता जारी रखी है. उन्होंने कहा कि सरकार की लीपापोती पर कांग्रेस चुप नहीं बैठने वाली है. विपक्ष इस मामले को पुरजोर विधानसभा में उठाएगा. देश में शिक्षा के नाम पर दूसरे पायदान पर स्थापित हिमाचल प्रदेश की छवि पर सरकार के रवैए के कारण प्रतिकूल असर पड़ा है, लेकिन सरकार इस मामले में ऐसे बर्ताव कर रही है जैसे कुछ हुआ ही नहीं है.

विपक्ष से ना सही शांता जी से सीख ले सरकार
राणा ने मांग की है कि अगर विपक्ष की बात सत्ता पक्ष को हजम नहीं हो रही है तो वह पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की टिप्पणी पर गौर करें, जिसमें उन्होंने कहा है कि फर्जी डिग्री के अलावा अन्य निजी यूनिवर्सिटी में भी बहुत कुछ फर्जी है. यहां तक कि स्टाफ भी फर्जी है और पढ़ाई की कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे निजी संस्थान फर्जी डिग्रियां देकर हजारों युवकों के जीवन को बर्बाद करने में लगे हैं. उन्होंने सरकार से मांग की है कि अगर सरकार की मंशा और नियत साफ है तो करोड़ों के इस भ्रष्टाचार के मामले की सीबीआई जांच करवाई जाए.

Last Updated :Aug 17, 2020, 7:50 PM IST
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