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कारगर साबित होने लगा पीएम मोदी का ये अभियान, प्राचीन बावड़ी को बनाया आधुनिक

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Published : Aug 30, 2019, 3:34 PM IST

सिरमौर जिला में कांगर गांव के ग्रामीणों ने जल शक्ति अभियान के तहत एक नई पहल की है, बनेठी पंचायत की मदद से प्राचीन बावड़ी का पुनर्जीवित कर स्वच्छ बनाया गया.

कांगर गांव में प्राचीन बावड़ी को पुनर्जीवित कर स्वच्छ बनाया गया

नाहन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहवान पर शुरू किया गया जल शक्ति अभियान कारगर साबित होता दिख रहा है. सिरमौर जिला में कांगर गांव के ग्रामीणों ने जल शक्ति अभियान के तहत एक नई पहल की है. यह गांव शिमला हाइवे के साथ लगता है. सड़क के साथ ही यहां एक प्राचीन बावड़ी मौजूद है, जिसका इस्तेमाल यहां से गुजरने वाले यात्री करते हैं. ग्रामीण लोग भी इस बावडी का इस्तेमाल करते हैं.

बनेठी पंचायत की मदद से इस प्राचीन बावड़ी का पुनर्जीवित कर इसे स्वच्छ बनाया गया है. खास बात यह है कि पानी के लिए एक विशेष तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिसके तहत बावड़ी में एक पंप लगाया गया है और पानी एक पाइप के माध्यम से बाहर आ जाता है. इससे जहां बावड़ी स्वच्छ रहेंगी, वहीं पानी भी साफ रहेगा. वहीं व्यर्थ पानी के लिए एक खुरली बनाई गई है, जहां से पशु भी आसानी से पानी पी सकते हैं. बावड़ी को बाहर से गेट लगाकर बंद किया गया है. साथ ही यहां पर बावड़ी की नियमित रूप से सफाई की जाती है.

वीडियो.

कांगर गांव के निवासी हरिदत्त ने बताया कि पहले पानी की बहुत परेशानी थी, लेकिन अब इस प्राचीन बावड़ी को ठीक किया गया है. अब काफी हद तक पानी की समस्या खत्म हो गई है. इस मार्ग पर राहगीरों को भी स्वच्छ पेयजल पीने को मिल रहा है. जल शक्ति अभियान से जुड़कर लोग अब पानी के महत्व को समझ रहे हैं और पानी के संरक्षण के लिए खुद आगे आने लगे हैं.

Intro:-पुराने जल स्त्रोतों में फूंके जा रहे प्राण, नई तकनीक से कांगर गांव में बनाई यह बावड़ी 
-नहीं जाना पड़ेगा पानी के लिए बावड़ी के भीतर, आसानी से बाहर ही मिलेगा पानी 
नाहन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आहवान पर शुरू किया गया जल शक्ति अभियान कारगर साबित होता दिख रहा है। सिरमौर जिला में कांगर गांव के ग्रामीणों ने जल शक्ति अभियान के तहत एक नई पहल की है। यह गांव शिमला हाइवे के साथ स्थित है और सड़क के साथ ही यहां एक प्राचीन बावड़ी मौजूद है, जिसका इस्तेमाल यहां से गुजरने वाले यात्री भी करते हैं। ग्रामीणों द्वारा तो पानी इसी बावड़ी से ले जाया जाता है। 


Body:बनेठी पंचायत की मदद से इस प्राचीन बावड़ी का जीर्णोद्वार कर इसे स्वच्छ बनाया गया है। खास बात यह है कि पानी के लिए एक विशेष तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिसके तहत बावड़ी में एक पंप लगाया गया है और पानी एक पाइप के माध्यम से बाहर आ जाता है। इससे जहां बावड़ी स्वच्छ रहेंगी, वहीं पानी भी साफ रहेगा। वहीं व्यर्थ पानी के लिए एक खुरली बनाई गई है, जहांसे पशु भी आसानी से पानी पी सकते हैं। बावड़ी को बाहर से गेट लगाकर बंद किया गया है। साथ ही यहां नियमित रूप से सफाई भी की जाती है। 
कांगर गांव के निवासी हरिदत्त ने बताया कि पहले पानी की बहुत दिक्कत थी। अब इस प्राचीन बावड़ी को ठीक किया गया है और अब काफी हद तक समस्या समाप्त हो गई है। साथ ही राहगीरों को भी स्वच्छ जल पीने को मिल रहा है। 
बाइट 1: हरिदत्त, स्थानीय निवासी
वहीं स्थानीय महिला मीना के अनुसार यह प्राचीन बांवड़ी अब सभी के काम आ रही है और गांव में पानी की समस्या भी हल हो गई है। 
बाइट 2: मीना, स्थानीय महिला 
स्थानीय निवासी सुरेश ने बताया कि जल शक्ति अभियान के तहत इस बांवड़ी का जीर्णोधार किया गया है और अब सभी को स्वच्छ पानी भी मिल रहा है। 
बाइट 3: सुरेश, स्थानीय निवासी 


Conclusion:उल्लेखनीय है कि जल शक्ति अभियान से जुड़कर लोग अब पानी के महत्व को समझ रहे हैं और पानी के सरंक्षण को खुद आगे आने लगे हैं।
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