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World Lung Cancer Day: हिमाचल में बढ़ रहे लंग कैंसर के मरीज, ग्रामीण क्षेत्रों से भी सामने आ रहे मामले

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Published : Aug 1, 2023, 7:16 AM IST

आज विश्व लंग कैंसर दिवस है. पिछले कुछ सालों से हिमाचल में भी लंग कैंसर मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. जिसका मुख्य कारण तंबाकू का सेवन सहित अन्य कारण है. वहीं, लंग कैंसर के मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से सामने आ रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर... (World Lung Cancer Day)(Lung Cancer)(IGMC Shimla)

World Lung Cancer Day
विश्व लंग कैंसर दिवस

शिमला: हिमाचल में तमाम प्रयासों के बाद भी कैंसर के मरीजों में कमी नहीं आ रही है. बीमारियों से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण भी कैंसर है. चिकित्सक की माने तो कैंसर अस्प्ताल शिमला में आने वाले 99 फीसदी मरीज तंबाकु के शौकिन हैं. ये लोग तंबाकु का सेवन करते रहते हैं और बाद में कैंसर की चपेट में आ जाते हैं. प्रदेश में पुरुषों के लंग कैंसर अधिक है. वहीं, महिलाएं भी इस बीमारी की चपेट में हैं.

लंग कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू: हिमाचल प्रदेश के लोग तंबाकु का भारी मात्रा में सेवन कर रहे हैं. ऐसे में हिमाचल के लोग फेफड़े की कैंसर को खुला न्यौता दे रहे हैं. हैरत है कि तंबाकु पर प्रतिबंध होने के बावजूद भी लोग इसका सेवन कर रहे हैं. वहीं, हिमाचल प्रदेश में हो रहे दुषित वातावरण के कारण भी मरीज कैंसर के अधिक शिकार हो रहे है. क्योंकि वातावरण दुषित होने से फल, सब्जियां आदि में किड़ा लगना शुरू हो जाता है, जो कैंसर का एक मुख्य कारण है. अगर लोगों को कैंसर की बीमारी से छुटकारा पाना है, तो सबसे पहले तंबाकु का सेवन कम करना होगा, क्योंकि अस्पताल में पूरे हिमाचल प्रदेश से तंबाकु का सेवन करने वाले मरीज ही भर्ती हो रहे हैं.

हर साल बढ़ रही लंग कैंसर मरीजों की संख्या: प्रदेश में लोग लंग कैंसर की गिरफ्त में आ रहे हैं. इस बात का खुलासा इससे होता है कि शिमला कैंसर अस्पताल में हर साल 2500 से 3000 मरीज के कैंसर के नए मरीज आते हैं, जिसमे 350 से 400 मरीज लंग कैंसर के होते है. ये मरीज शिमला, सोलन, सिरमौर और मंडी जिला से अधिक आ रहे हैं. यह जानकारी कैंसर अस्पताल शिमला के एचओडी डॉ. मनीष गुप्ता ने दी. उनका कहना है कि 99 फीसदी मरीजो में लंग कैंसर धूम्रपान के कारण हो रहा है.

2020 से 2022 तक लंग कैंसर मरीजों की संख्या: आईजीएमसी शिमला के कैंसर अस्पताल में हर साल 2500 से 3000 मरीज अपना इलाज करवाने पहुंचते हैं. साल 2020 में लंग कैंसर से 340 मरीज ग्रसित हुए. वहीं, साल 2021 में 500 मरीज लंग कैंसर की चपेट में आए. इसके बाद 2022 में 520 मरीज लंग कैंसर से पीड़ित हुए. हिमाचल में अधिकतर लंग कैंसर के मरीज गांव से आ रहे हैं.

क्या होता है कैंसर: शरीर में कोशिकाओं के समूह की अनियंत्रित वृद्धि कैंसर है. जब ये कोशिकाएं टिश्यू को प्रभावित करती हैं, तो कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाता है. कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है. यदि कैंसर का समय पर पता ना लगाया गया और उसका उपचार न हो तो, इससे मौत का जोखिम बढ़ सकता है.

कैंसर के मुख्य कारण: कैंसर कई तरह का होता है और हर कैंसर के होने के अलग-अलग कारण हैं, लेकिन कुछ मुख्य कारक ऐसे भी हैं, जिनसे कैंसर होने का खतरा किसी को भी हो सकता है. इनमें वजन बढ़ना या मोटापा, अधिक शारीरिक सक्रियता न होना, अल्कोहल और नशीले पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करना. पौष्टिक आहार न लेना, अपनी दिनचर्या में व्यायाम को शामिल न करना इत्यादि है.

इन कारणों से भी कैंसर का खतरा: इसके अलावा कैंसर के अन्य कारण भी है. कैंसर आनुवांशिक भी हो सकता है. किसी गंभीर बीमारी के कारण भी आपको कैंसर हो सकता है. आप अगर किसी गंभीर बीमारी के लिए दवाएं ले रहे हैं तो, इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स के कारण आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं. कई बार उम्र के बढ़ने के साथ भी शरीर में चुस्ती-फुर्ती नहीं रहती और उम्र के पड़ाव पर व्यक्ति बीमार पड़ने लगता है. ऐसे में कई बार कैंसर हो जाता है.

कैंसर से बचाव: शिमला कैंसर अस्पताल के एचओडी डॉ. मनीष गुप्ता ने कहा तंबाकु सेवन करने और बदले लाइफ स्टाइल के चलते लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं. बच्चों को तंबाकु का सेवन नहीं करना चाहिए. ताकि वे कैंसर की चपेट में न आए. हिमाचल में पुरुष को लंग कैसर तो, महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर हो रहा है. आईजीएमसी के कैंसर अस्पताल में इन मरीजों का उपचार चल रहा है. इस बीमारी से बचने के लिए लोगों को स्वयं भी ध्यान देना होगा. लोगों को स्मोकिंग नहीं करना, नॉन वैज को कम खाना चाहिए और फास्ट फूड को भी कम ही मात्रा में खाए. चिकित्सक द्वारा मरीजों को कैंसर से बचाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

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