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Valentine's Day 2023: राजनीति के मैदान में विरोधियों को चित्त करने वाले इन नेताओं ने हारी दिल की बाजी

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Published : Feb 13, 2023, 11:00 PM IST

Updated : Feb 14, 2023, 1:36 PM IST

वेलेंटाइन डे पर बात उन नेताओं की करेंगे जो सियासत और सत्ता के गलियारों से गुजरते हुए दिल की बाजी हार गए. हिमाचल के इन नेताओं में बड़े बड़े नाम शुमार हैं जो सत्ता का शिखर देख चुके हैं. (Valentines day love stories) (love story of BJP Leaders Himachal)

सियासत और वेलेंटाइन.
सियासत और वेलेंटाइन.

शिमला: 14 फरवरी की पहचान अब वेलेंटाइन डे से होती है. वैसे तो प्रेम का दिन, महीना, मौसम या साल तो नहीं होता लेकिन ग्लोबलाइजेशन के बाजारवाद ने इसे एक दिन और एक हफ्ते में समेट दिया है. लेकिन फिर भी प्रेम का दखल धरती से ब्रह्मांड तक है और ऐसे में सियासत भी इससे अछूती नहीं है. राजनीति के रण में विरोधियों को चित्त करने के दांव-पेच सीखने वाले राजनेता भी दिल की बाजी हारते हुए देखे गए हैं. हिमाचल में सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाले कई नेताओं ने प्रेम में धरती पर घुटने टेके हैं.

धर्मेंद्र प्रधान और मृदुला ठाकुर.
धर्मेंद्र प्रधान और मृदुला ठाकुर.

धर्मेंद्र प्रधान और मृदुला ठाकुर- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में धर्मेेंद्र प्रधान अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं. वे पेट्रोलियम मंत्रालय संभालने के बाद अब शिक्षा जैसा अहम पोर्टफोलियो देख रहे हैं. ये जानना दिलचस्प है कि धर्मेंद्र प्रधान हिमाचल की बेटी मृदुला ठाकुर के आगे दिल हार गए थे. उड़ीसा के युवा भाजपा नेता हिमाचल की तेजतर्रार छात्र नेता रहीं मृदुला ठाकुर से दिल की बाजी हारे तो हिमाचल और उड़ीसा का रिश्ता जुड़ गया. मृदुला ठाकुर पूर्व में हिमाचल में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रमुख चेहरों में से एक रही हैं. हालांकि 1994 में वे केंद्रीय छात्र संघ के महासचिव पद का चुनाव बेहद कम अंतर से हार गई थीं, लेकिन उनके द्वारा हासिल वोट का आंकड़ा आज भी एबीवीपी के किसी भी छात्र नेता से अधिक है. मृदुला के मां-पिता दोनों शिक्षक रहे हैं. विवाह के बाद मृदुला पूरी तरह से गृहस्थी को समर्पित हैं और अपने पति को राजनीति में सहयोग करती हैं.

धर्मेंद्र प्रधान हिमाचल की बेटी मृदुला ठाकुर के आगे दिल हार गए थे.
धर्मेंद्र प्रधान हिमाचल की बेटी मृदुला ठाकुर के आगे दिल हार गए थे.

मंडी जिले के छोटे से गांव कोठुवां की रहने वाली मृदुला ठाकुर नब्बे के दशक में हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की नेता थीं. मुंबई में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के एक अधिवेशन में धर्मेंद्र प्रधान की मुलाकात मृदुला ठाकुर से हुई थी. उसी अधिवेशन में धर्मेंद्र प्रधान मृदुला ठाकुर के मुरीद बन गए. प्रधान को मृदुला ठाकुर की छात्र राजनीति की समझ इस कदर भा गई कि उन्होंने उसे को जीवनसाथी बनाने का फैसला कर लिया. दोनों 1998 में विवाह के बंधन में बंधे थे. राजनीति में अति व्यस्त होने के कारण धर्मेंद्र प्रधान ना के बराबर हिमाचल आ पाते हैं.

जेपी नड्डा और मल्लिका बनर्जी.
जेपी नड्डा और मल्लिका बनर्जी.

जेपी नड्डा और मल्लिका बनर्जी- इस कड़ी में एक और बड़ा नाम जेपी नड्डा का है. दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के मुखिया जेपी नड्डा का प्रेम विवाह हुआ है. वे मध्य प्रदेश के जबलपुर की मल्लिका बनर्जी के प्रेम पाश में बंध गए थे. जेपी नड्डा के सियासी जीवन में मल्लिका नड्डा का सहयोग रहा है. सियासी व पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करें तो जेपी नड्डा हिमाचल के बिलासपुर जिले के हैं.

जेपी नड्डा और मल्लिका नड्डा के दो बेटे हैं.
जेपी नड्डा और मल्लिका नड्डा के दो बेटे हैं.

सियासत की गलियों से गुजरते हुए ही मल्लिका और जेपी नड्डा का रिश्ता शादी के के हसीन मोड़ तक पहुंचा था. दोनों का छात्र राजनीति के जरिए ही एक-दूसरे के परिचय हुआ. उनकी पत्नी मल्लिका नड्डा जबलपुर में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में सक्रिय थीं. छात्र जीवन में वे भी तेजतर्रार नेता रही हैं. जेपी नड्डा हिमाचल यूनिवर्सिटी में सक्रिय थे और कुशल वक्ता के रूप में पहचान रखते हैं. वे हिमाचल यूनिवर्सिटी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बैनर तले पहले केंद्रीय छात्र संघ अध्यक्ष रहे हैं. मल्लिका नड्डा अध्यापन से जुड़ी हैं.

जयराम ठाकुर और साधना ठाकुर की दो बेटियां हैं.
जयराम ठाकुर और साधना ठाकुर की दो बेटियां हैं.

जयराम ठाकुर और साधना ठाकुर- इसी तरह मंडी जिले के सिराज से विधायक जयराम ठाकुर भी छात्र राजनीति के जरिए ही आगे बढ़े हैं. उनकी पत्नी डॉ. साधना जयपुर से हैं. डॉ. साधना भी छात्र राजनीति में जाना-पहचाना नाम रही हैं. संघ परिवार की पृष्ठभूमि से आने वाली संध्या ठाकुर और जयराम ठाकुर का प्रेम विवाह हुआ है. ये दोनों भी राजनीति के जरिए ही संपर्क में आए थे. जयराम ठाकुर हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष रहने के साथ-साथ प्रेम कुमार धूमल सरकार में कैबिनेट मंत्री थे. साल 2017 में वे सीएम बने थे. जयराम ठाकुर छात्र राजनीति के दौरान ही पेशे से डॉ. संध्या ठाकुर के संपर्क में आए थे. संध्या ठाकुर वैसे तो कर्नाटक से हैं, लेकिन उनका परिवार जयपुर में सैटल हो गया था.

जयराम ठाकुर और साधना ठाकुर
जयराम ठाकुर और साधना ठाकुर.

जयराम ठाकुर व साधना ठाकुर दोनों ही संघ की पृष्ठभूमि से हैं. उनकी मुलाकात छात्र राजनीति व संघ के कार्यक्रमों के दौरान हुई थी. जयराम ठाकुर याद करते हैं कि उन्होंने डॉ. साधना के परिजनों को पहले ही बता दिया था कि पहाड़ का जीवन कितना संघर्षपूर्ण होता है. उसके बावजूद साधना ठाकुर ने इस रिश्ते में आगे बढ़ने का फैसला लिया था. ठाकुर दंपत्ति की दो बेटियां हैं और वे भी दोनों डॉक्टरी की पढ़ाई कर रही हैं.

मुकेश अग्निहोत्री और सिम्मी अग्निहोत्री.
मुकेश अग्निहोत्री और सिम्मी अग्निहोत्री.

मुकेश अग्निहोत्री और सिम्मी अग्निहोत्री- हिमाचल सरकार के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का भी प्रेम विवाह हुआ है. मुकेश अग्निहोत्री की पत्नी सिम्मी अग्निहोत्री हैं. वे यूनिवर्सिटी में अध्यापन करती रही हैं. राजनीति में आने से पहले हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री पत्रकारिता में सक्रिय थे. सिम्मी ने भी कुछ समय पत्रकारिता की है. मूल रूप से मंडी जिला की रहने वाली सिम्मी लोक प्रशासन में पीएचडी डिग्री होल्डर हैं. दोनों की मुलाकात पत्रकारिता के दिनों की है. बाद में वे विवाह बंधन में बंधे.
इसी तरह भाजपा नेता राजीव प्रताप रूड़ी भी हिमाचल के कांगड़ा जिला की रहने वाली नीलम के साथ विवाह बंधन में बंधे हैं. इसी तरह देश की सियासत में कई चेहरे हैं जो प्रेम पाश के सामने हथियार डाल चुके हैं.

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Last Updated : Feb 14, 2023, 1:36 PM IST
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