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Electric Charging Station: इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन खोलने पर मिलेगी 50 फीसदी सब्सिडी, सरकार बनाएगी पॉलिसी

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 4, 2023, 2:46 PM IST

सुक्खू सरकार हिमाचल में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन को बढ़ावा दे रही है. राज्य में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए सरकार 50 फीसदी सब्सिडी देगी. पढ़िए पूरी खबर...(Electric Charging Station) (50 percent subsidy on Electric Charging Station)

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शिमला: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा हिमाचल सरकार राज्य में विद्युत वाहनों के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन विकसित करने के लिए एक प्रभावी नीति बनाएगी. सीएम सुक्खू ने इसको लेकर उच्च स्तरीय बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा इस नीति में चार्जिंग स्टेशन में सुलभता, सुविधा और रोजगार सहित विभिन्न पहलुओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा. निजी ऑपरेटरों को चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत की दर से सब्सिडी भी दी जाएगी.

सीएम सुक्खू ने अधिकारियों से प्रदेश में स्थापित और वर्तमान में निर्माणाधीन चार्जिंग स्टेशनों के बारे में विस्तृत जानकारी भी ली. उन्होंने कहा प्रदेश को विद्युत वाहनों के लिए आदर्श राज्य के रूप में विकसित किया जा रहा है. पर्यावरण संरक्षण के लिए कार्बन उत्सर्जन कम करने के उद्देश्य से राज्य में निजी एवं सरकारी क्षेत्र के सहयोग से विद्युत वाहनों को प्रोत्साहन प्रदान किया जा रहा है. प्रदेश में प्रथम चरण में राष्ट्रीय एवं राज्य उच्च मार्गों को विद्युत वाहनों के माध्यम से छह ग्रीन कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है. इन मार्गों की लंबाई 2137 किलोमीटर है.

सीएम ने कहा हिमाचल पथ परिवहन निगम में चरणबद्ध तरीके से विद्युत बसों की संख्या बढ़ाई जा रही है. उन्होंने हिमाचल पथ परिवहन निगम को विद्युत बसों के परिचालन के लिए रूट चिन्हित करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक परिवहन को विद्युत परिवहन के रूप में विकसित करने से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी. प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने के लिए विकसित किए जाने वाले आधारभूत ढांचे के लिए चिह्नित की जाने वाली भूमि, संरचना निर्माण के लिए उपयुक्त होनी चाहिए. भूमि का मौके पर अध्ययन कर ही निर्माण कार्य आरंभ किया जाना चाहिए. इस प्रक्रिया में व्यावहारिक पहलुओं का अध्ययन नितांत आवश्यक है.

मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माण की वस्तु स्थिति की समीक्षा भी की. उन्होंने इन परियोजनाओं के निर्माण के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए. उन्होंने ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए ग्रीन अमोनिया और बायोगैस संयंत्र स्थापित करने की संभावना तलाश करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने इसके लिए पायलट आधार पर संयंत्र स्थापित करने के लिए 31 अक्तूबर तक एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने को भी कहा. उन्होंने कहा कि हरित हाइड्रोजन भविष्य के लिए स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत है. यह पानी के इलेक्ट्रोलिसिस से पर्यावरण को बिना किसी नुकसान तथा प्रदूषण रहित ढंग से बनती है.

हिमाचल प्रदेश को ग्रीन हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रदेश सरकार ग्रीन हाइड्रोजन को बढ़ावा देगी. उन्होंने कहा कि हरित ऊर्जा के रूप में जल ऊर्जा के दोहन में भी तेजी लाई जाएगी. वर्ष 2023-24 में 1000 मेगावाट क्षमता की पनविद्युत परियोजनाओं को पूर्ण कर लिया जाएगा.

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