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शिवसेना के मुखपत्र सामना में सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्विनी कुमार की मौत पर उठाए सवाल

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Published : Oct 9, 2020, 2:39 PM IST

Updated : Oct 9, 2020, 2:44 PM IST

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्विनी कुमार की आत्महत्या पर सवाल खड़े किए है. शिवसेना ने बिना नाम लिए कंगना पर तंज कसते हुए कहा कि हिमाचल में रहने वाली ‘अभिनेत्री’ को कुछ कहना चाहिए. हिमाचल की अभिनेत्री सुशांत मामले को पकड़ कर बैठी है, लेकिन हिमाचल में सीबीआई के पूर्व निदेशक के आत्महत्या करने के बावजूद उन्होंने एक बयान भी जारी नहीं किया.

अश्विनी कुमार पर शिवसेना के सवाल
अश्विनी कुमार पर शिवसेना के सवाल

शिमला/मुंबई: सीबीआई के पूर्व निदेशक अश्विनी कुमार ने बुधवार को आत्महत्या कर ली. देश का सामाजिक, राजनीतिक माहौल बलात्कार व आत्महत्या जैसे मुद्दों से धुंधला गया है. ऐसे में अपने शिमला स्थित घर में अश्विनी कुमार की लाश लटका हुआ मिलना आश्चर्यजनक है. वहीं, शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में इस पर टिप्पणी की है.

कंगना पर कसा तंज

शिवसेना का कहना है कि सीबीआई के प्रमुख निदेशक पद पर काम कर चुका व्यक्ति निराश होकर आत्महत्या कर लेता है. इस पर सारे लोग आंख बंद करके विश्वास कर लेते हैं, इससे हम सहमत नहीं है. शिवसेना ने बिना नाम लिए कंगना पर तंज कसते हुए कहा कि हिमाचल में रहने वाली ‘अभिनेत्री’ को कुछ कहना चाहिए. हिमाचल की अभिनेत्री सुशांत मामले को पकड़ कर बैठी है, लेकिन हिमाचल में सीबीआई के पूर्व निदेशक के आत्महत्या करने के बावजूद उन्होंने एक बयान भी जारी नहीं किया.

अश्विनी की आत्महत्या को सुलझाने की मांग

मुखपत्र सामना में शिवसेना का कहना है हिमाचल जैसे छोटे पहाड़ी राज्य से सीबीआई के निदेशक पद तक पहुंचने वाले अश्विनी कुमार एकमात्र अधिकारी रहे होंगे. इसके बाद निराश होकर फांसी लगा लेने जैसा उनके जीवन में क्या घटा? यह जानना बहुत ही जरूरी है. शिवसेना ने अश्विनी कुमार की आत्महत्या के मामले को सुलझाने की मांग करते हुए कहा कि उनकी आत्महत्या का रहस्य वरिष्ठ पद पर काम करने वाले अधिकारियों की मानसिक स्थिति जानने के लिए लिए बहुत आवश्यक है.

पढ़ें: आईजीएमसी में हो रहा CBI के पूर्व निदेशक अश्विनी कुमार का पोस्टमार्टम

देश में आत्महत्या आम

शिवसेना का कहना है कि हमारे देश में आत्महत्या आम बात है. उन्होंने कहा कि गरीब जनता, किसान और बेरोजगार लोग जीवन से निराश होकर रोज आत्महत्या करते रहते हैं. उन्हें अपना जीवन जीने को लेकर चिंता रहती है, जिसके चलते वह मौत का रास्ता चुन लेते है. उन्होंने कहा कि मुंबई में सुशांत और शिमला में अश्विनी कुमार के मामले में ऐसा कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि सुशांत की आत्महत्या के बाद खड़े किए सभी सवाल और संदेह अश्विनी कुमार के बारे में भी हो सकते है.

सरकार की मंशा पर भी किया सवाल

मुखपत्र में लिखा गया है कि सुशांत पर्दे का हीरो थे और अश्विनी कुमार पुलिस प्रशासन के ‘नायक’ थे. शिवसेना का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी किए गए सबूत के बावजूद कुछ लोग मानने को तैयार नहीं है. उन्होंने हाथरस मामले में भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए है. अश्विनी कुमार की लाश लटकी हुई हालत में मिली, लेकिन किसी ने इसे जानने की कोशिश नहीं की.

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Last Updated : Oct 9, 2020, 2:44 PM IST
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