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'पहाड़ों की रानी' इस गर्मी नहीं रहेगी प्यासी, ऐसे दूर करेगी पानी की किल्लत

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Published : Apr 1, 2019, 11:29 PM IST

Updated : Apr 2, 2019, 12:15 AM IST

अमृत योजना

शिमला शहर में 43 बावड़ियों का जीर्णोद्धार अमृत योजना के तहत किया जाना है. शिमला जल प्रबंधन निगम का दावा है कि शहरवासियों को इस बार पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा.

शिमला:पहाड़ों की रानी शिमला को इस सालगर्मियों में पानी की किल्लत से नहीं जूझना पड़ेगा. शहर के प्राकृतिक जल स्त्रोतों को गर्मियों से पहले ही दुरुस्त किया जा रहा है और इन स्त्रोतों के पानी को पीने योग्य बनाया जा रहा है.

Natural Water resource in shimla
शिमला में पानी भरते लोग

शहर में पानी का जिम्मा संभाल रही शिमला जल प्रबंधन निगम का दावा है कि शहरवासियों को इस बार पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. इस बार सभी पेयजल स्त्रोतों में पर्याप्त पानी की मात्रा है. साथ ही निगम गिरी और गुम्मा पेयजल परियोजनाओं में नए पंप स्थापित कर पानी की मात्रा को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है. वहीं, शहर की 43 बावड़ियों का जीर्णोद्धार कर उसके पानी को भी पीने योग्य बनाया जाएगा.

amrut project in shimla
अमृत योजना

जल निगम के अधिकारी विजय गोयल ने बताया कि शहर में 43 बावड़ियों का जीर्णोद्धार अमृत योजना के तहत किया जाना है. जिसके तहत अभी तक 13 बावड़ियों का पानी पीने योग्य बनाया गया है. इन बावड़ियों मे कार्बन फिल्टर लगाकर शहरवासी पानी का प्रयोग पीने के लिए कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि बाकी बची बावड़ियों के लिए डीपीआर तैयार कर दी है और जल्द ही इन बावड़ियों के पानी को भी पीने योग्य बनाया जाएगा.

अमृत योजना

शिमला जल प्रबंधन निगम का कहना है कि शहरवासियों को स्वच्छ पानी देने के लिए वाटर एटीएम भी स्थापित किए गए हैं. जिसमें से अभी 12 वाटर एटीएम को चालू कर दिया गया है. जल्द ही सभी वाटर एटीएम को भी लोगों के लिए मुहैया करवाया जाएगा. निगम का दावा है कि चाबा पेयजल योजनासे भी पानी की मात्रा बढ़ाई जाएगी. साथ ही सतलुज से भी पानी लाने की योजना पर काम किया जा रहा है.

amrut project in shimla
अमृत योजना

गौर हो कि शिमलावासियों को हर साल खास कर गर्मियों में पानी की किल्लत से दो चार होना पड़ता है. गर्मियों में लोग पानी की एक एक बूंद के लिए तरस जाते हैं. शहर में कई जगहों पर प्राकृतिक जल स्त्रोत भी हैं, लेकिन इन स्त्रोतों का पानी दूषित होने के चलते इसका पानी प्रयोग में नहीं लाया जा रहा.

water crisis
पानी भरने के लिए कतार में खड़े लोग (फाइल फोटो)

राजधानी के दूषित जल स्त्रोतों को साफ कर उसे पीने योग्य बनाया जा रहा है. मौजूदा बावड़ियों का जीर्णोद्धार करने के लिए अमृत योजना के तहत कार्य किया जाना है, लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी निगम द्वारा मात्र 13 ही बावड़ियों में कार्बन फिल्टर स्थापित कर उसके पानी को पीने योग्य बनाया गया है.

शिमला शहर में इस बार  गर्मियों   में पानी की किल्लत होगी दूर, प्राकृतिक बाबड़ियों का पानी भी कर सकेंगे इस्तेमाल,शिमला जल प्रबंधन निगम ने शहर की 43 बाबड़ियों में से 13 बाबड़ियों में लगाया कार्बन फिल्टर, 

शिमला।  पहाड़ो की रानी शिमला में इस साल  पानी की किल्लत से नही झूझना पड़ेगा है ।शहर कर प्राकृतिक जल स्त्रोतों को गर्मियों से पहले ही दरुस्त किया जा रहा है और इन स्त्रोतों के पानी को पीने योग्य बनाया जा रहा है। शहर में पानी का जिम्मा सम्भाल रही शिमला जल प्रबंधन निगम का दावा है कि शहरवासियों को इस बार पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस बार सभी पेयजल स्त्रोतों में पर्याप्त पानी की मात्र है साथ ही निगम गिरी और गुम्मा पेयजल परियोजनाओं में नए पम्प स्थापित कर पानी की मात्रा को बढ़ाया जा रहा है।  इसके अलावा शहर की 43 बाबड़ियों का जीर्णोद्धार कर पानी को पीने योग्य बनाया जाएगा। जल निगम के अधिकारी विजय गोयल ने बताया कि शहर में 43 बाबड़ियों का जीर्णोद्धार अम्रुत योजना के तहत किया जाना है जिसके तहत अभी तक 13 बाबड़ियों का पानी पीने योग्य बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इन बाबड़ियों मे कार्बन फिल्टर लगाकर शहरवासी पानी का प्रयोग पीने के लिए कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि बाकी बची बाबड़ियों के लिए डीपीआर तैयार कर दी है अब जल्द ही इन बाबड़ियों का पानी भी पीने योग्य बनाया जाएगा। उन्होंने कहा इसके अलावा शहरवासियों को स्वच्छ पानी देने के लिए वॉटर एटीएम भी स्थापित कर दिए हैं जिसमें अभी 12 वॉटर एटीएम को चालू कर दिया है और जल्द ही सभी वॉटर एटीएम को भी लोगों के लिए मुहैया करवाया जाएगा। निगम का दावा है कि चाबा पेयजल योजना  से भी पानी की मात्रा बढ़ाई जाएगी साथ ही सतलुज से भी पानी लाने की योजना पर कार्य किया जा रहा है।
बता दे   कि शहर में हर साल लोगो को पानी की किल्लत से दो चार होना पड़ता है। गर्मियों में लोगो को पानी की एक एक बूंद के लिए तरसना पड़ता है। शहर में कई जगहों पर प्रकृतिक जल स्त्रोत भी है लेकिन दूषित पानी के चलते इसका पानी प्रयोग में नही लाया जा रहा है । लेकिन अब इन स्त्रोतों को भी सही किया जा रहा है।मौजूद बाबड़ियों का जीर्णोद्धार करने के लिए अम्रुत योजना के तहत कार्य किया जाना है लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी निगम द्वारा मात्र 13 ही बाबड़ियों में कार्बन फ़िल्टर स्थापित कर पानी को पीने योग्य बनाया है। 
Last Updated :Apr 2, 2019, 12:15 AM IST
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