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Shimla MC Election 2023: नगर निगम चुनाव में स्मार्ट सिटी सबसे बड़ा मुद्दा, भाजपा-कांग्रेस और माकपा के अपने-अपने दावे

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Published : Apr 21, 2023, 9:46 AM IST

शिमला नगर निगम चुनाव में इस बार सबसे बड़ा मुद्दा स्मार्ट सिटी के विकास को लेकर है. तीनों प्र्मुख दल भाजपा-कांग्रेस और माकपा अपने-अपने समय में स्मार्ट सिटी को लेकर अगल-अलग दावों कर जनता के बीच जा रहे हैं. (Shimla MC Election 2023)

Shimla MC Election 2023
Shimla MC Election 2023

शिमला: नगर निगम चुनाव में शहर में विकास कार्य एक बड़ा मुद्दा है. शिमला शहर में अधिकतर काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत ही हुए हैं. यही वजह है कि राजनीतिक दल इसके सहारे भी चुनाव में लोगों से वोट मांग रहे हैं. भाजपा जहां स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने का श्रेय ले रही. वहीं, कांग्रेस अपनी सरकार के समय में इस प्रोजेक्ट को मंजूर करवाने की बात कर रही है. यही नहीं माकपा भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का श्रेय ले रही है, क्योंकि इसकी डीपीआर बनाने से लेकर मंजूरी मिलने तक तब नगर निगम में माकपा के मेयर और डिप्टी मेयर थे.

शिमला स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चल रहा काम
शिमला स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में चल रहा काम

शिमला स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मार्च 2017 में मंजूर: शिमला स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट मार्च 2017 को केंद्र सरकार ने मंजूर किया था. करीब 2900 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को केंद्र और राज्य सरकार के साथ-साथ पीपीपी मोड के तहत लागू किया जाना था. हालांकि, एनजीटी के शिमला शहर में भवनों के निर्माण के संबंध में दिए गए आदेशों के बाद प्राइवेट सेक्टर इस प्रोजेक्ट में शामिल नहीं हुआ. इसके बाद केंद्र सरकार की मदद से ही इस प्रोजेक्ट को किया जा रहा है.

शिमला स्मार्ट सिटी चुनाव का मुद्दा: यह प्रोजेक्ट भी वर्तमान में चुनावी मुद्दा है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करवाते समय नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर माकपा के थे और राज्य में कांग्रेस की सरकार थी. इस प्रोजेक्ट को मार्च 2017 में केंद्र ने मंजूरी दी. इसके बाद भाजपा हिमाचल में सत्ता में आई और इसके समय इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने का काम शुरू हुआ. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां इस प्रोजेक्ट का श्रेय लेने में लगी हुई है.

भाजपा शिमला स्मार्ट सिटी पर मांग रही वोट: भाजपा नगर निगम चुनाव में शिमला में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किए गए कार्यों को लेकर जा रही है. इसकी वजह यह भी है कि प्रदेश में सरकार होने के साथ -साथ नगर निगम पर भाजपा का ही शासन था. यही वजह है कि भाजपा नगर निगम और प्रदेश सरकार के समय शिमला शहर में हुए विकास कार्यों को लेकर वोट मांग रही है. पूर्व शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज और भाजपा के अन्य नेता स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में हुए कार्यों का श्रेय अपनी सरकार को देते रहे हैं.

कांग्रेस और माकपा प्रोजेक्ट मंजूर कराने का ले रहे श्रेय: वहीं, कांग्रेस और माकपा भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का श्रेय ले रही है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की डीपीआर बनाते समय नगर निगम पर माकपा का कब्जा था. नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के पदों पर माकपा ही थी. डीपीआर तैयार करवाने में नगर निगम की बड़ी भूमिका रही है. यही वजह है कि पूर्व मेयर संजय चौहान कई बार इस प्रोजेक्ट का श्रेय अपनी पार्टी को दे चुके हैं. यही नहीं पार्टी चुनावों में इसका प्रचार प्रसार भी कर रही है. उधर कांग्रेस इस प्रोजेक्ट को केंद्र से मंजूर करवाने का श्रेय ले रही है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की रूपरेखा तय करने से लेकर इसको मंजूरी मिलने तक हिमाचल में कांग्रेस की सरकार थी. हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह कह चुकी हैं कि शिमला व धर्मशाला को स्मार्ट सिटी परियोजना पूर्व कांग्रेस सरकार के अथक प्रयासों से ही मिली और इसको कांग्रेस ही पूरा करेगी.

स्मार्ट सिटी पर 700 करोड़ खर्च होगा: इस प्रोजेक्ट के तहत करीब 700 करोड़ रुपए के कार्य किए जाने हैं, इनमें से कई प्रोजेक्ट पूरे हो चुके हैं, जबकि करीब 300 करोड़ के काम अभी चल रहे है. शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में सर्कुलर रोड की वाइंडिंग और इसके साथ फुटपाथ बनाने का काम किया चुका है, इसके अलावा सब्जी मंडी में प्री-फैब स्ट्रक्चर की दुकानें, विकासनगर में प्री-प्रैब स्ट्रक्चर से वेंडर के लिए दुकानें बनाने का काम भी किया गया है. वहीं ,शहर में कुछ जगह फुट ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा किया चुका है. संजौली-आईजीएमसी स्मार्ट फुटपाथ का अधिकांश कार्य किया जा चुका है. बालूगंज और छोटा शिमला में रोड वाइंडिंग और कॉम्प्लेक्स बनाने का काम किया गया है.

इन जगहों पर हो रहा काम: आईजीएमसी के पास पार्किंग का निर्माण सहित कई कार्य किए जा रहे हैं. जाखू मंदिर के लिए एस्केलेटर और लक्कड़ बाजार से रिज के लिए एस्केलेटर, ऑकलैंड से लक्कड़ बाजार के लिए लिफ्ट, संजौली चौक के जंक्शन को चौड़ा करना और फुट ओवरब्रिज बनाने का काम भी किया जा रहा है. संजौली को ढली से जोड़ने के लिए एक डबल लेन टनल का निर्माण भी आखिरी चरण में है. यह काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है और इसके साथ ही टनल से लेकर ढली तक रोड की वाइडनिंग का काम भी किया गया है.

अंतिम फैसला जनता का: हालांकि, सभी राजनीतिक दल स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का श्रेय लेने में लगे हुए हैं.राजनीतिक पार्टियों के लिए शहर में विकास कार्य एक बड़ा मुद्दा है. राजनीतिक दल अपने घोषणा पत्र में भी आने वाले शहर के विकास की रूपरेखा जनता के सामने रखेंगे. ऐसे में यह आने वाला समय ही बताया कि शहर की जनता नगर निगम के लिए किसे चुनती है.

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