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अभिभावक संघ की सरकार से मांग, मानसून सत्र में फीस विनियमन बिल पेश कर बनाया जाए कानून

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Published : Jul 4, 2021, 4:04 PM IST

Updated : Jul 4, 2021, 5:09 PM IST

अभिभावक संघ शिमला प्रदेश सरकार से प्रस्तावित फीस विनियमन कानून (Fee Regulation Law) लाए जाने के पक्ष में लगातार मांग करता आ रहा है. इस संबंध में अभिभावक संघ शिमला ने प्रेसवार्ता कर प्रदेश सरकार (State Government) के सामने जल्द से जल्द विनियमन कानून लाने की मांग की है.

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शिमलाः कोरोना काल में निजी स्कूल की ओर से बढ़ाई जा रही फीस का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में रहा है. अभिभावक संघ शिमला (Parents Association Shimla) प्रदेश सरकार से प्रस्तावित फीस विनियमन कानून (Fee Regulation Law) लाए जाने के पक्ष में लगातार मांग करता आ रहा है.

इस संबंध में अभिभावक संघ शिमला ने प्रेसवार्ता कर प्रदेश सरकार (State Government) के सामने जल्द से जल्द विनियमन कानून लाने की मांग की है. अभिभावक संघ शिमला ने प्रदेश सरकार से विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon Session) में विनियमन बिल लाकर जल्द से जल्द कानून बनाने की मांग उठाई है.

निजी स्कूलों की ओर से बढ़ाई गई फीस हो वापस

अभिभावक संघ शिमला के अध्यक्ष रमेश ने कहा कि कोरोना संकटकाल (Corona Crisis) के बीच कई निजी स्कूल (Private Schools) की ओर से फीस बढ़ोतरी की गई है. उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की है कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश सरकार (Himachal Pradesh Government) इन बढ़ी हुई फीस को जल्द से जल्द वापस लेने का फैसला ले.

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स्कूलों में हो पीटीए का गठन

इसके अलावा अभिभावक मंच शिमला ने प्रदेश स्तर पर शिक्षा सचिव और जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में सभी स्कूल के लिए पीटीए (PTA) के गठन की मांग की है. उन्होंने मांग की है यह पीटीए प्रदेश सरकार के सामने फीस का तिमाही ब्यौरा रखे. उन्होंने इस बिल में हर साल केवल अधिकतम 3 फीसदी तक फीस बढ़ोतरी का सुझाव भी सरकार को दिया है.

सरकार से राहत की मांग

संघ के अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना की वजह से कई अभिभावकों का रोजगार प्रभावित हुआ है. ऐसे में सरकार की ओर से फीस को लेकर इन्हें राहत के बारे में सोचा जाना चहिए. उन्होंने सभी निजी स्कूलों से वार्षिक शुल्क के बारे में स्थिति स्पष्ट करने और लेखा-जोखा विभाग के सामने रखने की बात कही है. इसके अलावा नियमों का उल्लंघन करने पर विद्यालयों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई के प्रावधान के साथ आर्थिक दण्ड लगाने की भी मांग रखी है.

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Last Updated : Jul 4, 2021, 5:09 PM IST
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