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IGMC में 'पेन एंड पेलिएटिव केयर यूनिट' स्थापित, कैंसर के मरीजों को दर्द से मिलेगा छुटकारा

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Published : Sep 20, 2019, 5:15 PM IST

Updated : Sep 20, 2019, 6:32 PM IST

आईजीएमसी कैंसर अस्पताल में प्रदेश की पहली पेन एंड पेलिएटिव केयर यूनिट स्थापित की गई है. इससे कैंसर मरीजों को इलाज के दौरान होने वाले दर्द को कम किया जा सकेगा.

IGMC Cancer Hospital

शिमला: आईजीएमसी कैंसर अस्पताल में प्रदेश की पहली 'पेन एंड पेलिएटिव केयर यूनिट' स्थापित की गई है. गुरुवार को रेडियोथैरेपी और ऑन्कोलॉजी विभाग के तहत यह सुविधा शुरू की गई है. 'पेन एंड पेलिएटिव केयर यूनिट' स्थापित होने से कैंसर पीड़ित मरीजों को उपचार के दौरान होने वाले असहनीय दर्द से छुटकारा मिलेगा.

पेन एंड पेलिएटिव केयर यूनिट हिमाचल में पहली बार शुरू की गई है. यूनिट में मौजूद अत्याधुनिक मशीनरी, दवाइयों और इंजेक्शन से कैंसर के मरीजों के दर्द को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इस उपचार की तकनीक सीखने के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनय सौम्या को एक साल प्रशिक्षण लेने के लिए वाराणसी भेजा गया था. अब उनकी देखरेख में कैंसर मरीजों का यह उपचार होगा.

इससे पहले आईजीएमसी में 'पेन एंड पेलिएटिव केयर यूनिट' न होने से मरीजों को उपचार के लिए पीजीआई चंडीगढ़ या दिल्ली स्थित एम्स ले जाना पड़ता था. आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज से हर महीने दर्जनों मरीज उपचार के लिए बाहरी राज्यों के अस्पताल में जाते हैं. आईजीएमसी कैंसर अस्पताल के अलावा टांडा में कैंसर मरीजों का उपचार हो रहा है.

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Intro:
केंसर अस्पताल में पहली पेन एंड पेलिएटिव केयर यूनिट स्थापित
शिमला।
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के कैंसर अस्पताल में प्रदेश की पहली पेन एंड पेलिएटिव केयर यूनिट स्थापित की गई है।
Body:
अब कैंसर से ग्रस्त मरीजों की कीमोथैरेपी या अन्य उपचार के दौरान होने वाले दर्द को अत्याधुनिक मशीनरी और दवाइयां-इंजेक्शन काफी हद तक कम कर देंगे। गुरुवार से रेडियोथैरेपी और ऑनकोलॉजी विभाग के तहत यह सुविधा शुरू की गई है।

इससे पहले मरीजों को उपचार के लिए पीजीआई चंडीगढ़ या एम्स दिल्ली ले जाना पड़ता था। आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज से हर महीने दर्जनों मरीज उपचार के लिए बाहरी राज्यों के अस्पताल में जाते हैं।।

शिमला कैंसर अस्पताल के अलावा टांडा में कैंसर मरीजों का उपचार हो रहा है, लेकिन पेन एंड पेलिएटिव केयर यूनिट हिमाचल में पहली बार शुरू की गई है।

Conclusion:
उपचार की तकनीक सीखने के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विनय सौम्या को प्रशिक्षण लेने के लिए हिंदू वाराणसी भेजा गया था। यहां एक साल का प्रशिक्षण लिया गया। उनकी देखरेख में यह उपचार होगा।
Last Updated : Sep 20, 2019, 6:32 PM IST
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