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National Naturopathy Day: क्या है नेचुरोपैथी, गंभीर बीमारियों से कैसे छुटकारा दिलाएगी प्राकृतिक चिकित्सा, जानें फायदे और नुकसान

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 18, 2023, 10:50 AM IST

Updated : Nov 18, 2023, 12:26 PM IST

National Naturopathy Day 2023: आज 18 नवंबर को प्राकृतिक चिकित्सा दिवस है. प्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसी प्राचीन पद्धति है जिससे गंभीर से गंभीर बीमारियों का इलाज प्राकृतिक रूप से किया जाता है. इसमें कई प्रकार की विधियां, थेरेपी शामिल है.

National Naturopathy Day 2023
प्राकृतिक चिकित्सा दिवस 2023

आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा, रामपुर बुशहर

रामपुर: आज 18 नवंबर को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया जा रहा है. प्राकृतिक चिकित्सा को नेचुरोपैथी और नेचुरोपैथी मेडिसिन के नाम से भी जाना जाता है. ये एक बेहद प्राचीन चिकित्सा प्रणाली है, जो स्वास्थ्य देखभाल के लिए अलग-अलग पारंपरिक विधियों से विकसित हुई है. समय- समय पर नेचुरोपैथी चिकित्सा में काफी बदलाव होते रहते हैं. कई प्रकार की नई विधियों को इसमें शामिल किया जाता है. आज भी दुनिया के कई हिस्सों में नेचुरोपैथी चिकित्सा के जरिए ही इलाज किया जाता है. मौजूदा समय में भी नेचुरोपैथी बेहद कारगर चिकित्सा पद्धति है, जिससे बीमारियों का इलाज प्राकृतिक ढंग से किया जाता है.

बढ़ रहा नेचुरोपैथी का प्रचलन! नेचुरोपैथी के तहत विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का इलाज किया जाता है. हालांकि इस पद्धति में मुख्य रूप से समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जाता है. जिसमें आमतौर पर शरीर को सभी प्रकार के रोगों से मुक्त रखना और स्वस्थ जीवन प्रदान करना शामिल है. मौजूदा समय में दुनियाभर के कई देशों में प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली का प्रचलन बढ़ रहा है. नेचुरोपैथी मेडिसिन के अनुभवी चिकित्सकों को नेचुरोपैथी फिजिशियन और ट्रेडिशनल नेचुरोपैथी कहा जाता है. ये नेचुरोपैथी फिजिशियन प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली के अनुसार ही मरीजों का इलाज करते हैं.

नेचुरोपैथी में थेरेपी और व्यायाम शामिल: रामपुर बुशहर के आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि प्राचीन चिकित्सा प्रणालियों की तरह नेचुरोपैथी में भी उन दवाओं व थेरेपियों को महत्व दिया जाता है, जो शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं. प्राकृतिक चिकित्सा में भी विशेष रूप से ऐसी औषधियां होती हैं, जो शरीर के लिए कम से कम विषाक्त हों. इसमें व्यायाम भी शामिल होता है, जो कि शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है.

प्रकृति से स्वास्थ्य तक: डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा ने बताया कि नेचुरोपैथी के तहत किसी भी रोग या शारीरिक समस्या को ठीक करने के लिए प्रकृति की मदद ली जाती है. नेचुरोपैथी में न सिर्फ प्रकृति से प्राप्त पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है, बल्कि इसके साथ-साथ यह एक विशेष प्राकृतिक वातावरण बनाती है, जो स्वास्थ्य ठीक करने में मदद करता है. नेचुरोपैथी के डॉक्टर सबसे पहले शरीर की अंदरूनी तासीर को पहचानते हैं, जिससे उन्हें बाकि स्वास्थ्य समस्याओं का पता लगाने में मदद मिलती है.

कारण की पहचान व उपचार: नेचुरोपैथी मेडिसिन में किसी भी रोग व स्वास्थ्य समस्या का इलाज करने से पहले उस समस्या के कारण का पता लगाया जाता है. प्राकृतिक चिकित्सा में रोग का इलाज करने और उसके लक्षणों को दूर करने की प्रक्रिया अलग-अलग होती हैं. हालांकि, कई बार समस्याओं का इलाज करने के लिए बीमारी के लक्षणों और अंदरूनी कारणों को दूर करना जरूरी होता है.

सकारात्मक भावनाओं का विकास: डॉ. प्रदीप ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा एक ऐसी प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जो मरीज को न सिर्फ रोगों और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करती है. बल्कि इसके साथ ही सकारात्मक भावनाओं का भी विकास करती है. सकारात्मक भावनाएं तनाव, चिंता और अवसाद जैसी स्थितियों को कम करने में मदद करती हैं और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करती है.

पंच महाभूतत्वों पर आधारित नेचुरोपैथी: डॉ. प्रदीप ने बताया कि नेचुरोपैथी यानी प्राकृतिक चिकित्सा उपचार के लिए पंच तत्वों आकाश, जल, अग्नि, वायु और पृथ्वी को आधार मानकर चिकित्सा सम्पन्न की जाती है. प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पंच महाभूतत्वों (मिट्टी, पानी, धूप, हवा व आकाश) पर आधारित है. डॉक्टर से सलाह लेकर घर पर ही इसका इलाज संभव है. उन्होंने बताया कि इसमें किसी भी प्रकार का कोई खर्च नहीं आता है. स्वस्थ होने में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है, लेकिन यह काफी फायदेमंद होता है.

नेचुरोपैथी से इन बीमारियों का इलाज संभव: नेचुरोपैथी के तहत जोड़ों का दर्द, आर्थराइटिस, स्पॉन्डिलाइटिस, साइटिका, पाइल्स, कब्ज, गैस, एसिडिटी, पेप्टिक अल्सर, फैटी लिवर, कोलाइटिस, माइग्रेन, मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, श्वास रोग, दमा, ब्रॉनकाइटिस, सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज) व त्वचा संबंधी रोगों का सफलतम उपचार किया जाता है. डॉ प्रदीप ने बताया कि पहले रामपुर आयुर्वेदिक अस्पताल में भी प्राकृतिक नेचुरोपैथी से लोगों का इलाज किया जाता था. इसमें कई प्रकार की मिट्टी का प्रयोग किया जाता था. अब विभिन्न प्रकार की मिट्टी न मिलने के कारण इससे इलाज करना फिलहाल बंद कर दिया गया है. यदि उन्हें यहां पर मिट्टी मिल जाती है तो फिर से यहां पर नेचुरोपैथी से इलाज शुरू किया जा सकता है.

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Last Updated : Nov 18, 2023, 12:26 PM IST
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