IGMC में जीवन रक्षक दवा सहित अन्य उपकरणों की किल्लत! मरीज भटकने को मजबूर

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Published : May 18, 2023, 5:29 PM IST

life saving medicine Shortage in IGMC

आईजीएमसी शिमला में इन दिनों निशुल्क दी जाने वाली जीवन रक्षक इंजेक्शन से लेकर अन्य उपकरणों की किल्लत देखने को मिल रही है. जिसकी वजह से यहां आने वाले मरीज और उनके तीमारदार भटकने को मजबूर हैं. मरीजों को इलाज कराने के लिए बाहरी मेडिकल शॉप से दवाइयां खरीदनी पड़ रही है.

शिमला: इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. आपातकालीन वार्ड में जो इंजेक्शन और सर्जिकल सामान मरीजों को निशुल्क उपलब्ध होता है, उस सामान की सप्लाई ही नहीं हो रही है. जिसके चलते मरीजों को निजी दुकानों से रुपये खर्च कर जीवन रक्षक इंजेक्शन और सर्जिकल सामान खरीदना पड़ रहा है.

हैरानी की बात है कि प्रशासनिक अधिकारी को इसकी जानकारी है, लेकिन फिर भी इसकी अनदेखी की जा रही है. सरकार और स्वास्थ्य विभाग एक तरफ दावे कर रहा है कि अस्पताल में मरीजों को आपातकालीन वार्ड में कई दवा निशुल्क उपलब्ध करवाई गई है, लेकिन अधिकारियों द्वारा सभी दावों की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

इन इंजेक्शनों की नहीं हो रही सप्लाई: आईजीएमसी में जिन इंजेक्शनों की सप्लाई नहीं हो रही है, उनमें एडीआर-एनएस, एनओआर-एडीआर, बसकोपैन एनएस, कैलशियम गलूकोमेट एनएस, सोडा बीकारब एनएस, एपटोइन एनएस, केसीएल एनएस, आईवीएफ डी 25 प्रतिशत एनएस, नालोक्सेन, डोपामाइन, डोबूटामाइन शामिल है.

चिट्टा मरीजों के इलाज में भी परेशानी: इनमें एक इंजेक्शन तो चिट्टा के मरीजों को दिया जाने वाला है. चिट्टा के मामले आपातकालीन वार्ड में काफी आते हैं. ऐसे में जब भी कोई मरीज चिट्टे का आता है तो उसके तीमारदारों को तुरंत निजी दुकान के लिए इंजेक्शन लाने के लिए दौड़ाया जाता है. इसके अलावा तीन इंजेक्शन तो हार्ट की बीमारी से संबंधित है. वहीं, सर्जिकल का भी काफी सामान ऐसा है जो आपातकालीन वार्ड में मिलता ही नहीं है.

डॉक्टरों को भी हो रही परेशानी: यहां पर जब भी कोई एक्सीडेंट केस आता है तो डॉक्टरों को एकदम से सामान नहीं मिल पाता है. जिससे डॉक्टर को भी काफी दिक्कतें आती है. प्रशासन को इसको लेकर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है. ताकि मरीज को निशुल्क मिलने वाले इंजेक्शन और सर्जिकल सामानों का लाभ मिल सके.

'पेन किलर दवा भी नहीं मिलती': आईजीएमसी में जब कोई मरीज दर्द के चलते आपातकालीन वार्ड में जाता है तो, उसे पेन किलर दवा तक नहीं मिलती. पेन किलर के लिए भी तीमारदारों को केमिस्ट की दुकानों पर दौड़ाया जाता है. आईजीएमसी के आपातकालीन वार्ड में प्रदेश भर के गंभीर मरीजों को लाया जाता है. इस अस्पताल में मरीजों को सुविधा के नाम पर कोई भी दवा और अन्य उपकरण मुहैया नहीं कराया जा रहा है. आपातकालीन वार्ड राम भरोसे चलाया जा रहा है.

'लैब में सैंपल टेस्टिंग में परेशानी': इन दिनों सरकारी और कृष्णा लैब में भी काफी सारे टेस्ट नहीं हो रहे है. इसका मुख्य कारण है कि सैंपलों की जांच के लिए काफी सारी चीजों की सप्लाई नहीं हो रही है. ऐसे में मरीजों को निजी लैब में टेस्ट करवाने के लिए भेजा रहा है. कर्मचारियों का एक ही जवाब है कि मशीनें खराब है. यहां मरीजों को टेस्ट तक की सुविधा उपलब्ध नहीं हो पा रही है. आईजीएमसी के डिप्टी एमएस डॉ. प्रवीण एस भाटिया ने कहा जल्द ही सारी दवा और उपकरणों को उपलब्ध करवा लिया जाएगा.
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