पर्यटन उद्योग को बर्बाद कर देगा एसआरटी, पर्यटक क्यों घूमने आएंगे हिमाचल: जयराम ठाकुर
Published: Nov 2, 2023, 2:08 PM


पर्यटन उद्योग को बर्बाद कर देगा एसआरटी, पर्यटक क्यों घूमने आएंगे हिमाचल: जयराम ठाकुर
Published: Nov 2, 2023, 2:08 PM

हिमाचल प्रदेश में दूसरे राज्यों की आने वाली गाड़ियों पर स्पेशल रोड टैक्स लगाने को लेकर जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा एसआरटी से हिमाचल का टूरिज्म इंडस्ट्रीज बर्बाद हो जाएगा. पढ़िए पूरी खबरें...(Jairam Thakur on Himachal Special Road Tax) (Jairam Thakur slams Sukhu Government)
शिमला: हिमाचल में बाहरी राज्यों की गाड़ियों पर स्पेशल रोड टैक्स लगाए जाने को लेकर नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा है. पूर्व सीएम ने कहा यह टैक्स हिमाचल प्रदेश के पर्यटन क्षेत्र को पूरी तरह से तबाह कर देगा. उन्होंने बताया कि वे बीते दिनों में जम्मू कश्मीर में थे, जहां पर भारी तादाद में पर्यटक पहुंच रहे हैं. ऐसे में जब हिमाचल आना लोगों के लिए महंगा हो जाएगा तो वह यहां क्यों आएंगे?
जयराम ठाकुर ने कहा सुखविंदर सुक्खू सरकार को आय के स्रोत बढ़ाने के लिए उन क्षेत्रों को खोजे, जहां टैक्स लगाने की जरूरत है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस जब से सत्ता में आई है, लगातार झूठ बोल रही है. सरकार केवल घोषणाएं किए जा रही है.
वहीं, जयराम ठाकुर ने कहा कि वाटर सेस को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच तनातनी देखने को मिल रही है. बीते दिनों जब केंद्र की ओर से वाटर सेस हटाने के लिए सुझाव पत्र भेजा गया. इस पर उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इसे राजनीति से प्रेरित पत्र बता दिया. जिसके जवाब में नेता विपक्ष ने कहा कि पत्र न केवल हिमाचल को भेजा गया है, बल्कि हिमाचल के अलावा उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर को भी भेजा गया है.
उन्होंने कहा केंद्र सरकार प्रदेश सरकार के डिक्टेशन के हिसाब से नहीं चलेगी. नेता विपक्ष ने कहा कि कानून के अनुसार मिनरल और माइन के जो प्रावधान है, केंद्र ने इस हिसाब से पत्र भेजा है, लेकिन सरकार कमीशन बनाने के बावजूद केवल फिजूल खर्ची में लगी है. उन्होंने कहा कमीशन गठित हो गया है. अधिकारी गाड़ियों में घूम रहे हैं, लेकिन काम अभी कुछ नहीं हुआ है.
वहीं, प्रदेश में पिछले दिनों आई आपदा को लेकर पूर्व सीएम जयराम ठाकुर ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा आपदा प्रभावितों के साथ राजनीति करना उचित नहीं है. आपदा में प्रदेश के बहुत सारे लोगों ने अपने घर गवाएं है, जिसके लिए सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में 5000 और शहरी क्षेत्र में 10,000 किराए देने की बात कही, लेकिन अभी तक किसी को राहत नहीं दी गई है.
उन्होंने कहा लोग टेंट शेल्टर में रिश्तेदारों के घर रहने में मजबूर हैं. इसके अलावा आपदा प्रभावित लोग डोगरी तक में रहने को मजबूर हैं, जहां जानवरों को रखा जाता है. वहां रहने को मजबूर हो गए हैं.
