शिमला: कर्ज के बोझ तले डूबी हिमाचल सरकार फिर से एक हजार करोड़ रुपये का लोन लेने जा रही है. साल के अंतिम महीने में लिए जा रहे इस कर्ज के साथ ही हिमाचल पर अब 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज होने जा रहा है.
वित्त वर्ष में सरकार ने लिया 4 हजार करोड़ का लोन
इस वित्त वर्ष में जयराम सरकार ने तीन हजार करोड़ रुपये का लोन लिया है. अब ये बढ़कर चार हजार करोड़ हो जाएगा. वित्त विभाग 22 दिसम्बर को कर्ज के लिए आवेदन करेगा. पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 6600 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था.
ये है वित्त वर्ष 2019-20 में कर्ज का लेखा-जोखा
महीना | कुल कर्जा | वापस चुकाया | बकाया कर्ज |
जनवरी | 1552 करोड़ | 397 करोड़ | 1155 करोड़ |
फरवरी | 1592 करोड़ | 83 करोड़ | 1509 करोड़ |
मार्च | 1923 करोड़ | 1200 करोड़ | 723 करोड़ |
कुल | 5067 करोड़ | 1680 करोड़ | 3387 करोड़ |
वित्त वर्ष 2020-21में कर्ज का लेखा-जोखा
महीना | कुल कर्जा | वापस चुकाया | बकाया कर्ज |
अप्रैल | 22 करोड़ | 9 करोड़ | 13 करोड़ |
मई | 35 करोड़ | 27 करोड़ | 8 करोड़ |
जून | 911 करोड़ | 43 करोड़ | 868 करोड़ |
जुलाई | 531 करोड़ | 76 करोड़ | 455 करोड़ |
कुल | 1044 करोड़ | 610 करोड़ | 434 करोड़ |
अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना का कहना है कि सरकार तय प्रावधानों के अनुसार ही कर्ज उठाती है. जब शुरू के तीन माह के दौरान कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ी तो सरकार ने कर्ज नहीं लिया था. आवेदन होने वाला एक हजार करोड़ का कर्ज मिलते ही राज्य पर कुल कर्ज का आंकड़ा 60 हजार करोड़ रुपये के करीब हो जाएगा.