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Himachal Shanan Project: शानन प्रोजेक्ट पर हिमाचल ने मांगा अपना हक, पंजाब ने भी जताई दावेदारी, सालाना होगी 200 करोड़ की कमाई

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 29, 2023, 7:46 AM IST

Himachal Shanan Project
हिमाचल शानन प्रोजेक्ट

हिमाचल शानन प्रोजेक्ट को पंजाब से वापस लेने की हर मुमकिन कोशिशों में लगा हुआ है. प्रदेश सरकार हर मंच से शानन प्रोजेक्ट को वापस लेने की बात कह रही है. मार्च 2024 में शानन प्रोजेक्ट पर पंजाब की लीज खत्म हो रही है. जबकि पंजाब अभी भी इस पर दावेदारी जता रहा है. (Himachal Shanan Project Dispute)

शिमला: हिमाचल शानन प्रोजेक्ट को पंजाब से वापस लेने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है. हिमाचल इस मुद्दे को कई बार पंजाब के सामने उठा चुका है और केंद्र सरकार से भी इसको हिमाचल वापस दिलाने के लिए भी सहयोग मांग चुका है. वहीं, पंजाब भी प्रॉजेक्ट पर अपनी दावेदारी जता रहा है. पंजाब ने इसको लेकर केंद्र सरकार को भी पत्र लिखा है.

2024 को खत्म हो रही लीज: दरअसल शानन बिजली प्रोजेक्ट की लीज मार्च 2024 में खत्म हो रही है. लीज खत्म होने के बाद इस पर हिमाचल का हक बनता है. यही वजह है कि हिमाचल हर मोर्चे पर इसकी लड़ाई लड़ने को तैयार है. वह पंजाब के साथ सीधी बातचीत में भी इस मसले को उठा रहा और केंद्र सरकार से भी प्रॉजेक्ट हासिल करने में सहयोग लेने की कोशिश कर रहा गई. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी में उत्तर क्षेत्रीय परिषद की हाल की बैठक में शानन प्रोजेक्ट का मुद्दा उठाया. प्रोजेक्ट की लीज मार्च 2024 में खत्म हो रही है. सीएम सुखविंदर सिंह ने पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान से इस प्रोजेक्ट को हिमाचल को वापस देने का आग्रह किया. यही नहीं उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी इस पर केंद्र का सहयोग मांगा है.

सुप्रीम कोर्ट तक जाने को तैयार हिमाचल! प्रोजेक्ट के हक को लेकर हिमाचल ने केंद्र से किया पत्राचार हिमाचल सरकार ने इस बारे में संबंधित मंत्रालयों से पत्राचार भी किया है. जरूरत पड़ने पर सुप्रीम कोर्ट भी जाना पड़े तो उसके लिए भी हिमाचल सरकार ने तैयारी की हुई है. हिमाचल ने अपने हक को हासिल करने के लिए दस्तावेज भी तैयार किए हुए हैं. केंद्र ने पत्र लिखकर शानन बिजली घर को लेकर पंजाब से अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा है.

Himachal Shanan Project
हिमाचल प्रदेश में स्थित शानन प्रोजेक्ट

2024 में हिमाचल को वापस मिलेगा प्रोजेक्ट! उल्लेखनीय है कि मार्च 2024 में शानन प्रोजेक्ट की 99 साल की लीज खत्म हो रही है. लीज के प्रावधानों के बाद ये प्रोजेक्ट हिमाचल को वापिस मिलना है. इस बिजलीघर से 200 करोड़ रुपए सालाना की कमाई होती है. इस कमाऊ पूत को छोडने के लिए पंजाब भी आसानी से तैयार नहीं होगा. फिलहाल, अब हिमाचल सरकार की नजरें केंद्र के रुख और पंजाब के जवाब पर टिक गई है. हिमाचल सरकार की मांग पर केंद्र सरकार के ऊर्जा मंत्रालय ने लीज अवधि से जुड़े कानूनी पहलुओं को लेकर विधि मंत्रालय से सलाह ली है. उसके बाद पंजाब सरकार से जवाब लिया जा रहा है. पंजाब पुनर्गठन एक्ट के तहत केंद्र सरकार अपना मत रखेगी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू शानन प्रोजेक्ट को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से चर्चा कर चुके हैं.

केंद्र के हस्तक्षेप की मांग: हिमाचल सरकार ने इस बारे में पंजाब सरकार को भी कई पत्र लिखे हैं, लेकिन इनका कोई लिखित जवाब अभी तक पड़ोसी राज्य से नहीं मिला है. उसके बाद हिमाचल सरकार ने केंद्र से इस मामले में हस्तक्षेप के लिए कहा और सारा रिकार्ड केंद्रीय मंत्रालय को भेजा है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद इस मामले में रुचि ले रहे हैं, ताकि हर हाल में लीज अवधि पूरी होते ही हिमाचल को उसका हक मिल जाए.

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से भी की चर्चा: सीएम सुखविंदर सिंह ने पहले दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से चर्चा की. फिर आरके सिंह जून 2023 में हिमाचल दौरे पर आए और उनकी सीएम सुक्खू से बैठक भी हुई. आरके सिंह किन्नौर दौरे पर आए थे. उस समय भी आरके सिंह को राज्य सरकार ने इस बिजली प्रोजेक्ट को लेकर सारी वस्तुस्थिति समझाई थी. हिमाचल ने अपने हक में तर्क दिए थे. फिर ऊर्जा क्षेत्र में सीएम सुखविंदर सिंह के प्रधान सलाहकार रामसुभग सिंह भी आरके सिंह से मुलाकात करने के लिए दिल्ली पहुंचे थे.

पंजाब ने केंद्र को लिखा पत्र, प्रोजेक्ट पर जताई दावेदारी: इस बीच पंजाब के सीएम भगवंत मान ने पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 का का हवाला देते हुए केंद्र को पत्र लिखकर शानन प्रोजेक्ट पंजाब सरकार के पास रखने की मांग की है. उन्होंने लिखा कि पंजाब पुनर्गठन एक्ट संसद में बना कानून है, जिसके आधार पर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश राज्यों का गठन हुआ. भगवंत मान ने केंद्र को लिखे पत्र पत्र में कहा कि पंजाब बिजली बोर्ड ने साल 1975 से 1982 तक अपने खर्चे पर शानन प्रोजेक्ट का विस्तार किया. पहले इसकी बिजली उत्पादन की क्षमता 48 मेगावाट थी, जिसे बढ़ाकर 110 मेगावाट किया गया. उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में पूर्व निर्धारित स्थिति बरकरार रखते हुए शानन पावर किया जमीनी हक पंजाब को देने की मांग की है.

Himachal Shanan Project
शानन पावर प्रोजेक्ट

राजा जोगेंद्र सेन ने लीज पर दी थी जमीन: शानन प्रोजेक्ट के लिए मंडी रियासत के राजा जोगेंद्र सेन ने जमीन लीज पर उपलब्ध करवाई थी. समझौते के अनुसार 99 साल बाद ये प्रोजेक्ट उसी धरती की सरकार को मिलना था, जहां पर ये स्थापित है. आजादी के बाद हिमाचल प्रदेश पंजाब का ही हिस्सा था. बाद में पंजाब पुनर्गठन एक्ट के दौरान शानन प्रोजेक्ट पंजाब सरकार के स्वामित्व में ही रहा. पंजाब पुनर्गठन एक्ट-1966 के तहत इस बिजली प्रोजेक्ट को प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार को ट्रांसफर किया था.

हिमाचल लड़ेगा कानूनी लड़ाई! ऊहल नदी पर बना शानन प्रोजेक्ट अंग्रेजों के समय 1932 में सिर्फ 48 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाला था. बाद में इसकी कैपेसिटी को पंजाब बिजली बोर्ड ने बढ़ाया. शुरू होने के पचास साल बाद यानी वर्ष 1982 में शानन प्रोजेक्ट 60 मेगावाट उत्पादन वाला बनाया गया. फिर इसकी क्षमता पचास मेगावाट और बढ़ाई गई. अब ये 110 मेगावाट का है. करीब 200 करोड़ की सालाना कमाई वाले इस प्रोजेक्ट को हासिल करने के लिए हिमाचल के पास कानूनी लड़ाई का भी विकल्प है.

भारत सरकार से मदद की उम्मीद: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि शानन प्रोजेक्ट की लीज मार्च 2024 में खत्म हो रही है. उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में उन्होंने मांग की है कि जल्द ही लीज खत्म होने के बाद इस प्रोजेक्ट को वापस दिया जाए. उन्होंने कहा कि इस संबंध में उन्होंने देश के गृह मंत्री अमित शाह और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवत सिंह मान से बात की है. उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में भारत सरकार को फैसला करना है.

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