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बिजली की जरूरत के लिए बैंकिंग पर निर्भर ऊर्जा राज्य हिमाचल, डिमांड 325 लाख यूनिट, प्रोडक्शन 194 लाख यूनिट

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Published : Nov 28, 2022, 5:07 PM IST

हिमाचल प्रदेश में हाईड्रो पावर सेक्टर में भारी बिजली उत्पादन की क्षमता है. हिमाचल प्रदेश का कुल बिजली उत्पादन 10600 मेगावाट से अधिक है. प्रदेश में 27 हजार मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन की क्षमता है. गर्मियों में जब हिमाचल में ऊर्जा उत्पादन पीक पर होता है तब हिमाचल प्रदेश देश के कई राज्यों को सरप्लस बिजली सप्लाई करता है. लेकिन हिमाचल में सर्दियों में बिजली का उत्पादन गिर गया है.( Electricity Generation in Himachal)

power production in himachal
power production in himachal

शिमला: विंटर सीजन में ऊर्जा राज्य हिमाचल का बिजली उत्पादन गिर गया है. हिमाचल को रोजाना 325 लाख यूनिट बिजली चाहिए, जबकि इन दिनों उत्पादन 194 लाख यूनिट प्रतिदिन हो रहा है. यानी रोजाना 131 लाख यूनिट बिजली की कमी है. हिमाचल इस कमी को बैंकिंग सिस्टम से पूरा कर रहा है. गर्मियों में जब हिमाचल में ऊर्जा उत्पादन पीक पर होता है तब हिमाचल प्रदेश देश के कई राज्यों को सरप्लस बिजली सप्लाई करता है.

पहले हिमाचल, गर्मियों में सरप्लस बिजली की बिक्री भी करता था, लेकिन उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों में पेमेंट फंसने पर यह प्रक्रिया बंद कर दी गई. अब हिमाचल ने ऊर्जा के लेन-देन का बैंकिंग सिस्टम अपनाया है. इस सिस्टम के तहत हिमाचल गर्मियों में सरप्लस बिजली पड़ोसी राज्यों को देता है और सर्दियों में उतनी ही पावर वापस ले लेता है. बेशक इस समय हिमाचल में विद्युत उत्पादन कम हो रहा है. लेकिन बिजली के कट लगने की नौबत नहीं आई है.

देश का सबसे बड़ा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट संचालित कर रही एसजेवीएनएल: हिमाचल में सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) ऊर्जा सेक्टर में देश ही नहीं दुनिया का बड़ा नाम है. एसजेवीएनएल हिमाचल प्रदेश में देश का सबसे बड़ा नाथपा झाकड़ी हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट संचालित करती है. डेढ़ हजार मेगावाट के नाथपा झाकड़ी जलविद्युत स्टेशन से शुरूआत करके इसने हिमाचल प्रदेश में 412 मेगावाट का रामपुर जलविद्युत स्टेशन व महाराष्ट्र में 47.6 मेगावाट की खिरवीरे पवन विद्युत परियोजना को कमीशन किया है. एसजेवीएन वर्तमान में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, गुजरात, राजस्थान तथा अरूणाचल प्रदेश के अलावा पड़ोसी देशों नेपाल तथा भूटान में भी विद्युत परियोजनाएं चला रहा है. हिमाचल सरकार का इस जलविद्युत कंपनी में 25.51 फीसदी का शेयर है. इससे कंपनी के लाभ का हिस्सा प्रदेश सरकार को भी मिलता है. इस कंपनी की स्थापना मई 1988 में हुई थी. कंपनी की नेटवर्थ इस समय 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक है. (Country largest hydro power project SJVNL)

बैंकिंग आधार पर पंजाब और दिल्ली को बिजली दे रहा हिमाचल: हिमाचल गर्मियों में सरप्लस बिजली को पंजाब और दिल्ली को दे रहा है. दिल्ली में दो कंपनियों, बीएसईएस राजधानी पावर लि. और बीएसईएस यमुना पावर लि. को बैंकिंग आधार पर करीब 65 लाख यूनिट बिजली हिमाचल ने गर्मियों में दे रखी है. इसके अलावा पंजाब स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन को करीब 70 लाख यूनिट बिजली गर्मियों में मार्च से लेकर अक्टूबर तक दी गई है. इसके बाद अब इस बिजली को वापस लिया जा रहा है.

सर्दियों में बिजली उत्पादन 194 लाख तक यूनिट गिरा: हिमाचल में सर्दियों में बिजली का उत्पादन गिर गया है. सर्दियों में बर्फ जम गई है. नदियों और झीलों में पानी भी जमने लग गया है जिससे पन विद्युत परियोजनाओं को कम पानी मिल रहा है. इसका सीधा असर बिजली के उत्पादन पर पड़ रहा है. यही वजह है कि इन दिनों करीब 194 लाख यूनिट तक बिजली का उत्पादन राज्य में हो रहा है. इसके विपरीत गर्मियों में गलेश्यिर पिघलने लगते हैं और इससे पानी का फ्लो भी बढ़ जाता है. इससे बिजली उत्पादन भी परियोजनाओं में बढ़ जाता है. यही वजह है कि गर्मियों में हिमाचल में 521 लाख यूनिट तक बिजली उत्पादन पहुंच जाता है. जबकि गर्मियों में बिजली की डिमांड करीब 280 लाख यूनिट के करीब रहती है और इसके बाद बची सरप्लस बिजली को हिमाचल बैंकिंग आधार देता है.

सर्दियों में 325 लाख यूनिट पहुंच गई बिजली की डिमांड: हिमाचल में एक ओर जहां बिजली का उत्पादन कम हो रहा है वहीं, सर्दियों में ठंड बढ़ने से बिजली की मांग भी बढ़ गई है. हिमाचल में 325 लाख यूनिट बिजली की डिमांड बढ़ गई है. इसके विपरीत उत्पादन में काफी कमी आ गई है. हिमाचल बिजली बोर्ड का बिजली उत्पादन गर्मियों में 106 लाख यूनिट से गिरकर 35 लाख यूनिट तक आ गया है. इसी तरह स्वतंत्र बिजली उत्पादकों, केंद्र सरकार के प्रोजेक्टों में भी कमी गई है. स्वतंत्र बिजली उत्पाकों की परियोजनाओं से करीब 50 लाख यूनिट और केंद्र सरकार के प्रोजेक्टस से करीब 72 लाख यूनिट बिजली मिल रही है. इसके अलावा सरकार को करीब 37 लाख यूनिट अपने शेयर की मिल रही है. इस तरह इन दिनों करीब 194 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है और बढ़ी हुई जरूरत पूरा करने के लिए 136 लाख यूनिट बिजली ली जा रही है.

सर्दियों में बिजली की मांग- 325 लाख यूनिट रोजाना
बिजली बोर्ड की परियोजनाओं में उत्पादन - 35 लाख यूनिट
स्वतंत्र ऊर्जा उत्पादकों से ली जा रही बिजली 50 लाख यूनिट
सेंट्रल सेक्टर के प्रोजेक्टस से मिल रही बिजली -72 लाख यूनिट
हिमाचल सरकार के शेयर से मिल रही बिजली - 37 लाख यूनिट
बैंकिंग आधार पर पंजाब और दिल्ली से ली जा रही बिजली- 136 लाख यूनिट

गर्मियों में बिजली की उपलब्धता- 521 लाख यूनिट
बिजली बोर्ड के परियोजनाओं की बिजली - 106 लाख यूनिट
स्वतंत्र बिजली उत्पादकों की परियोजनाओं की बिजली -150 लाख यूनिट
सेंटर सेक्टर के प्रोजेक्टस की बिजली -100 लाख यूनिट
हिमाचल सरकार के शेयर की बिजली 165 लाख यूनिट

हिमाचल में कुल बिजली उत्पादन 10600 मेगावाट से अधिक: हिमाचल प्रदेश में हाईड्रो पावर सेक्टर में भारी बिजली उत्पादन की क्षमता है. हिमाचल प्रदेश का कुल बिजली उत्पादन 10600 मेगावाट से अधिक है. प्रदेश में 27 हजार मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन की क्षमता है. गर्मियों के समय में जब देश के मैदानी राज्य जैसे पंजाब, राजस्थान, दिल्ली आदि बिजली कट की समस्या से जूझ रहे होते हैं तो हिमाचल के पास सरप्लस पावर मौजूद रहती है. अपनी सरप्लस पावर को हिमाचल बैंकिंग अधार पर देता है ताकि सर्दियों में बिना शुल्क चुकाए यह बिजली वापस मिले.(Electricity Generation in Himachal)

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