ETV Bharat / state

बागवानों के पक्ष में आया हाई कोर्ट का फैसला, नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड की सब्सिडी जारी करने के आदेश

author img

By

Published : Mar 9, 2023, 7:49 PM IST

Updated : Mar 9, 2023, 8:41 PM IST

हिमाचल हाई कोर्ट ने बागवानों के पक्ष में फैसला लिया है. हाई कोर्ट ने नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड को बागवानों की सब्सिडी जारी करने के आदेश दिए हैं. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal High Court
Himachal High Court

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट से तीन बागवानों के पक्ष में फैसला आया है. मामला नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड की एक योजना से जुड़ा है. तीन बागवानों ने बोर्ड की एक योजना के तहत पैकिंग यूनिट के लिए लोन लिया था. योजना के प्रावधानों के अनुसार बागवानों ने तय सब्सिडी के लिए आवेदन किया, लेकिन बोर्ड ने उसे खारिज कर दिया. बोर्ड के इस फैसले को याचिका के माध्यम से हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी.

हिमाचल हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के बाद नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड की योजना के तहत सब्सिडी बोर्ड प्रबंधन को तीनों बागवानों को सब्सिडी देने के आदेश पारित किए. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर ने ये आदेश जारी किए है. अदालत ने ऊपरी शिमला के तीन बागवानों सुधीर खिम्टा, ज्योतिलाल मेहता व राजेंद्र सिंह की तरफ से उनके क्लेम को गलत तरीके से निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया.

याचिका में दर्ज किए गए तथ्यों के अनुसार नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड को केंद्र सरकार ने वर्ष 1984 में स्थापित किया था. यह बोर्ड बागवानी के विकास और प्रोत्साहन के लिए कई तरह की योजनाओं को लागू कर रहा है. इन योजनाओं में बागवानों को सहायता प्रदान करने के लिए सब्सिडी का प्रावधान भी रखा गया है. नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड की तरफ से किसी प्रोजेक्ट की कुल लागत 50 लाख तक होने पर 35 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान रखा गया है.

इसके अलावा 72.50 लाख की लागत वाले प्रोजेक्ट पर सब्सिडी की राशि 50 प्रतिशत तक रखी गई है. याचिकाकर्ताओं ने सेब के फलों की पैकिंग व ग्रेडिंग यूनिट को स्थापित करने के लिए बैंक से लोन लिया था. फिर उन्होंने सब्सिडी के लिए बोर्ड के समक्ष आवेदन दाखिल किया. नेशनल बोर्ड ने सब्सिडी देने के लिए बागवानों के क्लेम को यह कहकर रद्द कर दिया कि उनके स्थापित किए जाने वाला प्रोजेक्ट कंप्लीट नहीं हुआ है.

हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान पाया कि सब्सिडी दिए जाने वाले आवेदन को गलत तरीके से खारिज किया गया, जबकि संयुक्त निरीक्षण टीम की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने यूनिट का कार्य पूरा कर लिया था. यही नहीं, काम पूरा करने में हुई देरी के लिए जारी स्पष्टीकरण को भी नेशनल हार्टीकल्चर बोर्ड ने गलत तरीके से नजरअंदाज कर दिया था. प्रदेश उच्च न्यायालय ने तीनों याचिकाकर्ताओं सुधीर खिम्टा, ज्योतिलाल मेहता व राजेंद्र सिंह को 13 अप्रैल से पहले पहले सब्सिडी जारी करने के आदेश पारित किए.

ये भी पढ़ें: हाई कोर्ट में कॉलेज छात्रा अश्मिता सिंह की याचिका, कहां- भिखारियों और बच्चों की हालत खराब, सुनवाई 26 अप्रैल को

Last Updated : Mar 9, 2023, 8:41 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.