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पुलिस थानों और चौकियों में CCTV कैमरे लगाने का मामला, हाई कोर्ट का मुख्य सचिव व अन्य अफसरों को नोटिस

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Published : Mar 7, 2023, 9:17 PM IST

हिमाचल हाई कोर्ट
हिमाचल हाई कोर्ट

पुलिस थानों और चौकियों में CCTV कैमरे लगाने का मामला में हिमाचल हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव व अन्य अफसरों को नोटिस दिया है. हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की तरफ से दाखिल याचिका पर यह आदेश पारित किया. याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार हर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरे लगाने के अपने कर्तव्य को निभाने में असफल रही है.

शिमला: हिमाचल प्रदेश के सभी पुलिस थानों सहित पुलिस चौकियों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के मामले में हिमाचल हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव सहित अन्य अफसरों को नोटिस जारी किया है. इस संदर्भ में हाई कोर्ट में दाखिल याचिका की सुनवाई पर हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव सहित गृह विभाग के प्रधान सचिव, राज्य स्तरीय निरीक्षण समिति, जिला स्तरीय निरीक्षण समिति व एसपी शिमला को नोटिस दिया है.

हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान व न्यायमूर्ति वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की तरफ से दाखिल याचिका पर यह आदेश पारित किया. याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार हर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरे लगाने के अपने कर्तव्य को निभाने में असफल रही है. याचिकाकर्ता ने अदालत के समक्ष दलील दी कि परमवीर सिंह सैनी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को हर थाने में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया है, लेकिन इन निर्देशों का पालन नहीं हुआ है.

इस संबंध में याचिकाकर्ता के सीनियर एडवोकेट रजनीश मानिकताला ने अदालत के समक्ष कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस स्टेशनों और कार्यालयों में हिरासत में होने वाली मौतों की बढ़ती दर और मानवाधिकारों के उल्लंघन को देखते हुए उक्त निर्देश जारी किए हैं. प्रमुख सचिव (गृह) की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय निगरानी समिति और मंडल आयुक्त की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय निगरानी समिति का कर्तव्य हर पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरा स्थापित करना है. साथ ही समितियों का कर्तव्य है कि वे उनका रखरखाव भी करें. तर्क दिया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार प्रत्येक पुलिस स्टेशन में सभी प्रवेश और निकास बिंदुओं, पुलिस स्टेशन के मुख्य द्वार, सभी लॉक-अप, सभी गलियारों, लॉबी/रिसेप्शन एरिया में कैमरे लगाए जाने जरूरी हैं.

इसके अलावा सभी आउटहाउस, इंस्पेक्टर का कमरा, सब इंस्पेक्टर का कमरा, लॉक-अप रूम के बाहर का क्षेत्र, स्टेशन हॉल, पुलिस स्टेशन परिसर के सामने, वॉशरूम के बाहर, ड्यूटी ऑफिसर का कमरा और पुलिस स्टेशन के पीछे का हिस्सा भी सीसीटीवी की निगरानी में आने है. अदालत ने इस मुद्दे पर चिंता जताते हुए संंबंधित सभी अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर अपना अलग-अलग जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले पर सुनवाई 21 मार्च को होगी.

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