शिमला: कोरोना संक्रमण के बीच हिमाचल को आर्थिक मोर्चे पर बड़ी राहत मिली है. हिमाचल प्रदेश की राजस्व प्राप्ति में 38 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की है. प्रदेश आबकारी और कराधान विभाग के सभी शीर्षों से जनवरी-2020 की तुलना में जनवरी-2021 में 38 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
पिछले वर्ष इसी अवधि के दौरान 562 करोड़ रुपये के मुकाबले इस वर्ष जनवरी-2021 तक 779 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया है. यह सकारात्मक रूझान पिछले पांच महीनों से निरंतर प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के संकेत दर्शा रहे हैं.
विभाग के राजस्व में वर्ष 2020 के दौरान अगस्त माह में 15 प्रतिशत, सितम्बर में 10 प्रतिशत, अक्तूबर में 37 प्रतिशत और नवम्बर-2020 में 9 प्रतिशत, जबकि दिसंबर में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि जनवरी, 2021 में वैट में 119 प्रतिशत, कराधान राजस्व में 32 प्रतिशत और जीएसटी में 19 प्रतिशत की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्ज की गई है.
राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि प्रभावी प्रशासन के कारण संभव - सीएम
उन्होंने कहा कि राजस्व प्राप्तियों में यह वृद्धि विरासतीय मामले समाधान योजना (एलसीआरएस), आर्थिक गतिविधियों की बहाली, सरकार की अनलॉक रणनीति, करदाताओं द्वारा बेहतर अनुपालन और विभाग के प्रभावी प्रशासन के कारण संभव हुई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के बावजूद वर्तमान वित्त वर्ष और पिछले वित्तीय वर्ष के संचयी राजस्व के बीच का अन्तर जनवरी, 2021 में घटकर तीन प्रतिशत रह गया, जो जुलाई, 2020 में 39 प्रतिशत था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा, प्रदर्शन कार्ड और अन्य सूचना प्रौद्योगिकी आधारित उपायों के माध्यम से फील्ड इकाइयों की निगरानी की नई पहल ने फील्ड अधिकारियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा कार्य का वातावरण तैयार किया है, जहां प्रत्येक प्राधिकरण निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित होता है.
इससे प्रदेश की राजस्व प्राप्तियों में वृद्धि लाने में सहायता मिली है. मुख्यालय स्तर पर बढ़ी हुई विश्लेष्णात्मक और डेटा संचालित क्षमताओं के कारण क्षेत्रीय इकाइयों के प्रयासों को और अधिक मजबूती मिली है.
जय राम ठाकुर ने कहा कि कर चोरी से संबंधित मामलों की पहचान और राज्य के राजस्व को बढ़ाने के लिए राज्य की राजस्व हानि के तरीकों की पहचान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
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