Himachal Crypto Currency Scam: दुबई भागे मास्टरमाइंड कर रहे जूम मीटिंग, निवेशकों को कह रहे जारी रखें इन्वेस्टमेंट, न करें पुलिस में शिकायत

Himachal Crypto Currency Scam: दुबई भागे मास्टरमाइंड कर रहे जूम मीटिंग, निवेशकों को कह रहे जारी रखें इन्वेस्टमेंट, न करें पुलिस में शिकायत
Himachal Crypto Currency Scam: हिमाचल प्रदेश में दो हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के क्रिप्टो करेंसी स्कैम में मास्टरमाइंड दुबई पहुंच चुके हैं और वहां से हिमाचल में निवेशकों से बातचीत कर रहे हैं. शातिर लोगों को कह रहे हैं कि... पढ़ें पूरी खबर...
शिमला: हिमाचल में दो हजार करोड़ से अधिक के क्रिप्टो फ्रॉड में नित्त नए खुलासे हो रहे हैं. जनता के पैसे निवेश करवाने वाले मास्टर माइंड सुभाष शर्मा व जोगेंद्र सूद दुबई से जूम मीटिंग के जरिए हिमाचल में निवेशकों से संपर्क साध रहे हैं. हैरानी की बात है कि वे निवेशकों को पुलिस में न जाने की हिदायत दे रहे हैं. क्रिप्टो ठगी के ये शातिर कह रहे हैं कि निवेशकों का न केवल पैसा सुरक्षित है, बल्कि उनको निवेश की गई रकम का ब्याज भी खाते में आएगा. वे निवेशकों को निरंतर पैसे लगाने का लालच दे रहे हैं.
अब ये चर्चा चल पड़ी है कि बिना पुलिस के इन शातिरों का बाहर भागना संभव नहीं था. हैरत की बात है कि अभी तक गिरफ्तार हुए लोगों में चार पुलिस वाले हैं. उनमें एक महिला पुलिस कर्मी भी है. बेशक हिमाचल पुलिस शातिरों को वापिस भारत लाने के लिए इंटरपोल की मदद की बात कह रही है, लेकिन सवाल ये भी है कि सुभाष शर्मा व जोगेंद्र सूद विदेश कैसे भागे? बिना मदद के ये संभव नहीं था.
उल्लेखनीय है कि देहरा के विधायक होशियार सिंह ने ये मामला विधानसभा सत्र में उठाया था. उसके बाद राज्य सरकार ने जांच का भरोसा दिया और एसआईटी का गठन किया. आईपीएस अफसर अभिषेक दुल्लर एसआईटी की अगुवाई कर रहे हैं. एसआईटी ने बैंक डाटा भी रिकवर कर लिया है और पता लगा है कि ढाई लाख क्रिप्टो आईडी बनी थी. कुल निवेश 2300 करोड़ के आसपास का है. क्रिप्टो ठगी के इस हैरतअंगेज मामले में कुल 18 आरोपी गिरफ्त में आए हैं.
इनमें से पुलिस कर्मियों की गिनती देखकर हर कोई हैरान है. अगर पुलिस कर्मियों की बात की जाए तो हाल ही में एसआईटी ने कांगड़ा जिला के पुलिस थाना भवारना में तैनात नरेश कुमार को गिरफ्तार किया है. नरेश हमीरपुर के जोड़े अंब इलाके का रहने वाला है. जिला ऊना की बनगढ़ जेल के वार्डन सुनील कुमार के अलावा किशन दत्त, वन विभाग के कर्मचारी राम कुमार राणा को गिरफ्तार किया गया.
महिला पुलिसकर्मी ज्योति को भी एसआईटी ने गिरफ्तार किया है. जंगलबैरी में पुलिस बटालियन के कर्मचारी बलवीर सिंह, बद्दी के नील धीमान व मंडी के गुरदीप सिंह भी पकड़े गए हैं. एसआईटी की जांच में 2300 करोड़ रुपए की ट्रांजेक्शन के सबूत मिले हैं. इस ठगी के तीन मुख्य सरगना हैं. इनमें सुभाष शर्मा, अभिषेक व जोगेंद्र सूद का नाम आ रहा है. राज्य सरकार के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि किसी भी कीमत पर ठगों को बख्शा नहीं जाएगा, लेकिन जिस तरह से शातिर अभी भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे, उससे कई सवालिया निशान लग रहे हैं.
