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IIAS अकादमिक उत्कृष्टता और बौद्धिक दृढ़ता का प्रतीक: राज्यपाल

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Published : May 21, 2023, 8:31 PM IST

Updated : May 21, 2023, 9:05 PM IST

राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला आज आईआईएएस शिमला में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे. जहां उन्होंने आईआईएएस की अकादमिक और अनुसंधान उपलब्धियों की जमकर तारीफ की.

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शिमला: हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने भारतीय उन्नत अध्ययन संस्थान (आईआईएएस) शिमला की अकादमिक और अनुसंधान उपलब्धियों के साथ अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए उसकी सराहना की. शुक्ला ने कहा किसी भी संस्था की असली पहचान न तो उसकी इमारत होती है और न ही उसकी दीवारें, बल्कि उसके काम होते हैं.

आईआईएएस के साथियों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा यह संस्थान भारत में ज्ञान और सीखने की प्राचीन परंपरा को बहाल करने के पूर्व राष्ट्रपति डॉ एस राधाकृष्णन के सपने को साकार कर रहा है.

राज्यपाल ने कहा यह हमारे देश पर गर्व करने का अवसर प्रदान कर रहा है. लंबे समय से विषय अनुसंधान और महत्वपूर्ण सोच को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है और नवाचार के लिए उत्प्रेरक रहा है. उन्होंने कहा संस्थान मानविकी और सामाजिक विज्ञान में गहन सैद्धांतिक शोध के लिए समर्पित है.

राज्यपाल शुकला ने कहा संस्थान ने बौद्धिक जिज्ञासा और अकादमिक जांच की भावना को बढ़ावा दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसंधान को बढ़ावा देने के सपने को साकार करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहा है. उन्होंने कहा लगभग दो लाख प्रतिष्ठित विद्वानों द्वारा पुस्तकों से सुसज्जित संस्थान का पुस्तकालय एक खजाना है.
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राज्यपाल ने संस्थान द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों 'बियॉन्ड द सर्किल ऑफ वॉयलेंस एंड प्रोग्रेस' के लेखक पूर्व फेलो डॉ. टाड ग्राहम फर्नी और 'द टोपोग्राफी ऑफ भक्ति' का संपादन रविंदर सिंह और केंद्रीय हिंदी निदेशालय द्वारा प्रकाशित दो अन्य पुस्तकों का विमोचन किया.

इस अवसर पर, राज्यपाल ने पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित और आईआईएएस शासी निकाय के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर कपिल कपूर को सम्मानित किया और एक चित्र प्रदर्शनी, पुस्तकालय, वायसराय के कार्यालय का दौरा भी किया.

आईआईएएस की चेयरपर्सन प्रोफेसर शशिप्रभा ने कहा कि 'अमृत' की इच्छा भारत में वेदों से उत्पन्न हुई है. 'अमृत' का अर्थ उच्च विचारों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को आने वाली पीढ़ियों के लिए बदलना है. प्रोफेसर नागेश्वर राव, निदेशक, आईआईएएस ने कहा संस्थान ने इस साल 13 शोध पुस्तकें प्रकाशित की हैं, जबकि सात अन्य प्रकाशन के अधीन हैं.

(सौजन्य: पीटीआई)

Last Updated : May 21, 2023, 9:05 PM IST
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