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हिमाचल की वादियों में बढ़ी 'हरियाली', प्रदूषण मुक्त भारत में अहम योगदान दे रही देवभूमि

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Published : Oct 30, 2020, 8:29 PM IST

55 हजार 673 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल वाले छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल के वन आवरण क्षेत्र में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऊंचे-ऊंचे देवदार और हजारों किस्म के पेड़ों की संख्या में बढ़ोतरी से ही देवभूमि की हवा में शुद्धता घुल रही है. भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून की भारत वन स्थिति रिपोर्ट 2019 के अनुसार हिमाचल प्रदेश में वनों का आवरण पहले से कहीं अधिक बढ़ा है.

Forest cover in himachal
डिजाइन फोटो.

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कुल क्षेत्रफल 55 हजार 673 वर्ग किमी है, जिसमें फॉरेस्ट एरिया करीब 37 हजार 948 वर्ग किमी है. कानूनी तौर पर ये क्षेत्र वन आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया है और कुल क्षेत्रफल का 68 प्रतिशत है. वास्तविक फॉरेस्ट एरिया की बात करें तो फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार ये क्षेत्र 15 हजार 433 वर्ग किमी है, जो 2017 की तुलना में 337.52 वर्ग किमी ज्यादा है.

वन आवरण क्षेत्र बढ़ने की वजह प्रदेश में पौधारोपण अभियान में तेजी लाना है. पौधरोपण बढ़ाने के लिए सरकार और विभाग कई प्रयास कर रहा है. इसी कड़ी में पिछले साल सरकार ने 25 लाख से अधिक पौधे रोपने का लक्ष्य पूरा किया, जिसे इस बार दो गुणा करने की तैयारी है. साथ ही लगाए जाने वाले पौधे सुरक्षित रहें, इस पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है. अब सरकार की कई एजेंसियां साल भर पौधे रोपने का अभियान चला रही है. ऐसे में यहां वनों का आवरण बढ़ा है, जो कि भारतीय वन सर्वेक्षण देहरादून की रिपोर्ट में सामने आया है.

वीडियो.

सरकार ने हिमाचल प्रदेश में फॉरेस्ट कवर को 30 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है. अभी तक प्रदेश का 27.72 प्रतिशत क्षेत्र फॉरेस्ट कवर के तहत आता है और अगले 10 साल में इस लक्ष्य को पूरा को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. फॉरेस्ट कवर बढ़ाने के लिए वन विभाग घने वनों वाले 15 प्रतिशत क्षेत्र को और अधिक बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. वन विभाग 8 हजार से 9 हजार वर्ग किमी क्षेत्र को पौधारोपण योजना के तहत लाता था, लेकिन इस बार वर्ष 2020-21 के लिए इसे बढ़ाकर 12 हजार हेक्टेयर कर दिया है और विभाग ने मानसून तक ही 12 हजार 351 वर्ग किमी क्षेत्र में पहले से ही पौधरोपण कर दिया है. पौधारोपण के लिए अधिक ध्यान वहां दिया जाता है, जहां पर औद्योगिक या अन्य गतिविधियों के कारण वन कटान अधिक हो रहा होता है.

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हिमाचल प्रदेश वन विभाग पेरिस समझौते में पीएम मोदी के वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रहा है. केंद्र द्वारा हिमाचल के लिए 30 प्रतिशत वन क्षेत्र को पूरा करने लक्ष्य दिया गया है, जिसे पूरा करने के लिए वन विभाग ने आने वाले सालों में हर साल 15 हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधारोपण करने की योजना बनाई है.

प्रदेश सरकार और वन विभाग के साथ-साथ हिमाचल के लोग राज्य में हरियाली बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं. विभाग के प्रयासों से उम्मीद की जा सकती है कि साल 2030 तक तय लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा और हिमाचल की हरी-भरी वादियों के खूबसूरत नजारों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी.

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