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HP Election: कर्मचारियों के फाइनेंशियल बेनिफिट्स चुनावी आचार संहिता में फंसे, पांच लाख कर्मचारी प्रभावित

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Published : Oct 25, 2022, 8:39 PM IST

code of conduct in Himachal
कर्मचारियों के फाइनेंशियल बेनिफिट्स

हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं. ऐसे में प्रदेश के करीब 5 लाख कर्मचारियों के फाइनेंशियल बेनिफिट्स चुनावी आचार संहिता के फेर में फंस गए हैं. मंहगाई भत्ते (डीए) की दो किश्तें भी देय हैं. संशोघित वेतनमान का एरियर भी लटक गया है. ऐसे में कर्मचारियों की सरकार से मांग की है कि डीए की किश्त को निवार्चन आयोग से अनुमति लेकर जल्द से जल्द जारी करे. (Financial benefits of employees) (Employees financial benefits) (code of conduct in Himachal)

शिमला: हिमाचल में लाखों कर्मचारियों के फाइनेंशियल बेनिफिट्स चुनावी आचार संहिता के फेर में फंस गए हैं. हिमाचल में कर्मचारियों की मंहगाई भत्ते (डीए) की दो किश्तें देय हैं, जो कि अब चुनाव आचार संहिता में फंस गई हैं. इसी तरह कर्मचारियों के संशोघित वेतनमान का एरियर भी लटक गया है. जिस तरह के हालात बन गए हैं, उससे अब नई सरकार बनने पर ही कर्मचारियों के ये सभी फाइनेंशियल बेनिफिट्स मिल पाएंगे. हिमाचल में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और चुनावी आचार संहिता लागू है, ऐसे में फिलहाल इन बैनिफिट्स के मिलने की संभावना धूमिल हो गई है. (Financial benefits of employees) (Employees financial benefits) (code of conduct in Himachal) (dearness allowance of employees) (himachal assembly election 2022)

केंद्र एक माह पहले दे चुका है कर्मचारियों को डीए किश्त: केंद्र की मोदी सरकार ने दिवाली से एक माह पहले ही केंद्रीय कर्मचारियों को 4 फीसदी महंगाई भत्ते अतिरिक्त किश्त दे दी है. इससे केंद्रीय कर्मचारियों का मंहगाई भत्ता 34 फीसदी से बढ़कर 38 फीसदी हो गया है. केंद्र सरकार के अलावा पंजाब, हरियाणा, उतरप्रदेश, झारखंड, छतीसगढ़, कर्नाटक और असम की सरकारों ने अपने कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए डीए में बढ़ोतरी की है. इनमें कुछ राज्यों ने मंहगाई की दूसरी किश्त भी दे दी है. इसके विपरीत हिमाचल में कर्मचारियों को इस साल की एक भी मंहगाई किश्त नहीं मिली है. हिमाचल में कमर्चारियों की एक जनवरी 2022 से 3 फीसदी मंहगाई किश्त और दूसरी जुलाई 2022 से 4 फीसदी किश्त देय है मगर चुनावों के फेर में अब ये दोनों किश्तें रह गई हैं.

पांच लाख कर्मचारियों के फाइनेंशियल बेनिफिट्स चुनावी आचार संहिता में फंसे.

जयराम सरकार की आखिरी कैबिनेट में भी नहीं मिली राहत: हिमाचल में कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार चुनावों से पहले इस बारे में घोषणा जरूर करेगी. जयराम सरकार ने अक्टूबर माह में चुनावों की घोषणा से पहले एक के बाद एक तीन बैठकें कीं. हर बार होने वाली कैबिनेट की बैठकों पर कर्मचारियों की उम्मीद बंधी रही लेकिन 14 अक्टूबर को हुई जयराम सरकार की आखिरी बैठक में भी मंहगाई किश्तों को देने का ऐलान नहीं किया. कर्मचारियों को उम्मीद थी कि कम से जनवरी से देय 3 फीसदी की किश्त जयराम सरकार जारी करेगी. 3 फीसदी की किश्त के हिसाब से सरकारी खजाने पर 366 करोड़ भार पड़ना था मगर आखिरी कैबिनेट में भी इसका ऐलान नहीं हो पाया, जिससे अब कर्मचारियों में मायूसी है. इस तरह अब 7 फीसदी मंहगाई भत्ता कर्मचारियों देय है.

संशोधित वेतनमान के एरियर की दूसरी किश्त भी नहीं हुई जारी: हिमाचल में कर्मचारियों और पेंशनरों को संशोधित वेतनमान का एरियर दिया जाना है. सरकार ने नियमित कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत नया वेतनमान जारी कर दिया. संशोधित वेतनमान तो एक जनवरी 2016 से लागू किया गया मगर इसे एक जनवरी 2022 से दिया गया. इस तरह कर्मचारियों को जनवरी 2016 से संशोधित वेतनमान का एरियर दिया जाना है.
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जयराम सरकार ने कर्मचारियों को पहली किश्त जारी करने की घोषणा पहले ही कर दी थी और इसको जारी भी कर दिया है. इसके तहत तृतीय श्रेणी कर्मचारियों को 50 हजार रुपए की पहली किश्त और चतुर्थ श्रेणी कर्मियों को 60 हजार का एरियर देने का फैसला जयराम सरकार ने किया है. हालांकि, काफी संख्या में ऐसे भी कर्मचारी भी है, जिनके एरियर का कैलकुलेशन अभी नहीं हो पाया है. इस तरह इन कर्मचारियों को पहली किश्त भी नहीं मिल पाई है. कर्मचारियों को उम्मीद थी कि सरकार उनकी एरियर की दूसरी किश्त भी जारी कर देगी या जिन कर्मचारियों का एरियर कम बचा हुआ है, उनको एकमुश्त इसका भुगतान सरकार करने की उम्मीद थी. मगर एरियर भी अब फंस गया है.

कई रिटायर्ड कर्मचारियों को नहीं मिले फाइनेंशियल बेनिफिट्स: हिमाचल में सरकार अपने कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान जनवरी 2022 से दे रही है. हालांकि, इससे जनवरी 2016 से लागू माना गया है. इस तरह इस अवधि के लिए कार्यरत कर्मचारियों को इसका एरियर दिया जाना है लेकिन इस दौरान जो कर्मचारी रिटायर हुए हैं, उनको रिटायरमेंट के बेनिफिट्स नहीं मिले. ये कर्मचारी सरकार से लगातार गुहार लगाते रहे हैं.

संशोधित वेतनमान से कई वर्गों के वेतन में विसंगितयां: हिमाचल सरकार ने कर्मचारियों के लिए संशोधित वेतनमान तो लागू कर दिया मगर इसके लागू होने से काफी संख्या में कर्मचारियों के वेतनमान में बड़ी विसंगतियां पैदा हो गईं. वेतन विसंगितयां दूर करने की कर्मचारी लगातार मांग करते रहे हैं. कर्मचारी नेता विनोद कुमार का कहना है कि सरकार ने पंजाब सरकार की रिपोर्ट के आधार पर जो संशोधित वेतनमान अपने कर्मचारियों को दिया, उसमें इसकी मूल अवधारणा को ही खंडित कर दिया गया. कर्मचारियों को जो लाभ पहले मिल रहे थे उनको सरकार ने वापस लेकर जो नया वेतनमान निर्धारण किया, उससे हजारों कर्मचारियों का वेतनमान पहले से कम हो गया.

उन्होंने कहा कि सरकार ने डीए की किश्तें भी नहीं दी, दो किश्तें पेंडिंग हैं. यह पहली बार है कि कोई सरकार चुनाव में जाने से पहले कर्मचारियों की एक छोटी से मांग यानि डीए को पूरा नहीं कर रही. उन्होंने मांग की सरकार डीए की किश्त को निवार्चन आयोग से अनुमति लेकर कर्मचारियों के लिए जल्द से जल्द जारी करे.

उल्लेखनीय है कि हिमाचल में कर्मचारियों की अच्छी खासी संख्या है. हिमाचल में रेगुलर कर्मचारियों की संख्या करीब 2.40 लाख है, जबकि करीब 1.50 लाख पेंशनर हैं. इसके अलावा अस्थाई कर्मचारी हैं. इस तरह कुल मिलाकर करीब पांच लाख कर्मचारी हैं. ये कर्मचारी हिमाचल में सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं.

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