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समर्थन जुटाने सिंघु बॉर्डर से शिमला पहुंचे किसान नेता, पुलिस ने हिरासत में लिया

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Published : Jan 19, 2021, 2:04 PM IST

किसान आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने सिंघु बॉर्डर से शिमला के रिज मैदान पर पहुंचे तीन किसानों को पुलिस ने रिज मैदान पहुंचने से पहले ही चर्च के पास रोक लिया गया. यह तीनों यहां हरप्रीत सिंह की अगवाई में पहुंचे थे. पुलिस इन्हें रिज मैदान से हिरासत में लेकर सदर पुलिस थाना ले गई. इस दौरान पुलिस जवानों ने किसानों के साथ धक्का-मुक्की की.

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किसान आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने शिमला पहुंचे किसान नेता पुलिस हिरासत में

शिमलाः नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग लेकर किसान 55 दिन से सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसान आंदोलन के लिए समर्थन जुटाने सिंघु बॉर्डर से शिमला के रिज मैदान पर पहुंचे. तीन किसानों को पुलिस ने रिज मैदान पहुंचने से पहले ही चर्च के पास रोक लिया गया. यह तीनों किसान हरप्रीत सिंह की अगुवाई में शिमला पहुंचे थे. पुलिस इन्हें रिज मैदान से हिरासत में लेकर सदर पुलिस थाना ले गई. इस दौरान पुलिस जवानों और किसानों के बीच कहासुनी हुई.

मीडिया कर्मियों के साथ धक्का-मुक्की

ये किसान शिमला के रिज मैदान पर लोगों से किसान आंदोलन के लिए समर्थन मांगने पहुंचे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. सिंघु बॉर्डर से शिमला पहुंचे किसान आंदोलन के समर्थकों ने पुलिस पर गलत तरीके से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है. किसानों का कहना है कि वे शांति से रिज की तरफ जा रहे थे, लेकिन उन्हें रास्ते में ही रोक दिया गया. इसके साथ ही पुलिस पर मीडिया के साथ धक्का-मुक्की के भी आरोप लगाए गए हैं.

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समर्थन जुटाने पहुंच किसान नेता

बता दें कि किसान आंदोलन को सफल बनाने के लिए किसान यूनियन और आंदोलनकारी जगह-जगह जाकर सम्पर्क कर रहे हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों से लोगों को आंदोलन में शामिल करने के लिए जोर लगाया जा रहा है. किसानों की रणनीति है कि कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग के लिए हर क्षेत्र से लोगों को लामबंद करने की है.

ट्रैक्टर रैली पर सुनवाई रद्द

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट में कल किसानों की ट्रैक्टर रैली पर सुनवाई हुई थी. कोर्ट ने ट्रैक्टर रैली के मुद्दे को दिल्ली पुलिस पर छोड़ दिया है. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में किसे प्रवेश देना चाहिए या नहीं, इस बारे में फैसला करने का पहला अधिकार पुलिस को है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस के पास इस मामले से निपटने का पूरा अधिकार हैं. दिल्ली में प्रवेश का मामला न्याय व्यवस्था से जुड़ा है और पुलिस इस पर फैसला करेगी.

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