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2020 में EVM से हो सकते हैं पंचायत चुनाव, विभाग ने बनाई योजना

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Published : Nov 13, 2019, 8:30 PM IST

Updated : Nov 13, 2019, 11:30 PM IST

इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने पंचायत चुनावों के लिए विशेष रूप से मल्टी पोर्ट ईवीएम तैयार करवाई है. पड़ोसी राज्य हरियाणा सहित अनेकों राज्यों में ईवीएम के माध्यम से ही गांव के सरचंप का चुनाव करवाया जाता है. अब हिमाचल भी इस दिशा में आगे बढ़ने की सोच रहा है.

ईवीएम से हो सकते हैं 2020 के पंचायत चुनाव, विभाग ने बनाई योजना

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव मल्टी पोर्ट ईवीएम के जरिए हो सकते हैं. राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव नजदीक आ रहे हैं. विभाग ने हाल ही में भारत इलेक्ट्रिक लिमिटेड कंपनी से 200 मल्टी पोर्ट ईवीएम खरीदीं हैं. 17 नवंबर को होने जा रहे पंचायत उप चुनावों में कुछ बूथों पर ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा. जिनमें नगर परिषद और नगर पंचायतें भी शामिल हैं.

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इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने पंचायत चुनावों के लिए विशेष रूप से मल्टी पोर्ट ईवीएम तैयार करवाई है. पड़ोसी राज्य हरियाणा सहित अनेकों राज्यों में ईवीएम के माध्यम से ही गांव के सरचंप का चुनाव किया जाता है अब हिमाचल भी इस दिशा में आगे बढ़ने की सोच रहा है. मतपत्रों की बजाय मतदान ईवीएम से करवाना अधिक सुविधाजनक है. इससे मतदान के बाद परिणाम निकालने में भी आसानी होती है. हालांकि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव ईवीएम से करवाने की प्रक्रिया काफी खर्चीली होगी और इसके लिए भारी बजट की जरूरत पड़ेगी, लेकिन सरकार की अनुमति के बाद ही ये संभव होगा.

बता दें कि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव ईवीएम से करवाने में कई लाभ होंगे. मतपत्रों के लिए प्रयोग होने वाली स्टेशनरी के खर्च सहित समय भी बचेगा. पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव राज्य निर्वाचन विभाग करवाता है. वहीं, विधानसभा व लोकसभा चुनाव केंद्रीय निर्वाचन आयोग करवाता है. अगर राज्य निर्वाचन विभाग ईवीएम से पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव करवाना चाहे तो केंद्रीय निर्वाचन आयोग मशीनें उपलब्ध करवा सकता है.

गौर हो कि हिमाचल में 3226 पंचायतें हैं. विधानसभा चुनाव की बात करें तो प्रदेश में 7800 बूथ हैं, जिन पर ईवीएम का प्रयोग होता है. ऐसे में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में ईवीएम प्रयोग हो सकती है. पंचायती राज संस्थाओं के लिए हिमाचल को करीब 12 हजार मशीनों की जरूरत है. पंचायती राज संस्थाओं में मतदाता पांच मत डालता है. ये मत जिला परिषद, प्रधान, उपप्रधान, पंचायत समिति सदस्य और वार्ड मेंबर के लिए होता है. अगर ईवीएम से चुनाव हों तो परिणाम तेजी से मिलेंगे.

Intro:Body:तो अब पंचायत चुनाव भी ईवीएम से !

शिमला। हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव मल्टी पोर्ट ईवीएम के जरिए करवाए जाने की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। राज्य में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव निकट आ रहे हैं। विभाग ने हाल ही में भारत इलेक्ट्रिक लिमिटेड कंपनी से 200 मल्टी पोर्ट ईवीएम खरीदीं हैं. 17 सितंबर को होने जा रही पंचायत उप चुनावों में कुछ बूथों पर ईवीएम का प्रयोग किया जाएगा. जिनमें नगर परिषद और नगर पंचायतें भी शामिल हैं

मल्टी पोर्ट ईवीएम इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया द्वारा पंचायत चुनावों के लिए विशेष रूप से तैयार करवाई गई है. पड़ोसी राज्य हरियाणा सहित अनेक राज्यों में ईवीएम के माध्यम से ही गांव के सरचंप का चुनाव किया जाता है अब हिमाचल भी इस दिशा में आगे बढ़ने की सोच रहा है. मतपत्रों की बजाय मतदान ईवीएम से करवाना अधिक सुविधाजनक है। इससे मतदान के बाद परिणाम निकालने में भी आसानी होती है। हालांकि पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव ईवीएम से करवाने की प्रक्रिया काफी खर्चीली होगी और इसके लिए भारी बजट की जरूरत पड़ेगी, लेकिन सरकार की अनुमति मिली तो ये संभव हो सकेगा।

पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव ईवीएम से करवाने में कई लाभ हैं। मतपत्रों के लिए प्रयोग होने वाली स्टेशनरी के खर्च सहित समय भी बचेगा। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव राज्य निर्वाचन विभाग करवाता है। वहीं, विधानसभा व लोकसभा चुनाव केंद्रीय निर्वाचन आयोग करवाता है। यदि राज्य निर्वाचन विभाग ईवीएम से पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव करवाना चाहे तो केंद्रीय निर्वाचन आयोग मशीनें उपलब्ध करवा सकता है। हिमाचल में 3226 पंचायतें हैं। वहीं, विधानसभा चुनाव की बात करें तो प्रदेश में 7800 बूथ हैं, जिन पर ईवीएम का प्रयोग होता है। ऐसे में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में ईवीएम प्रयोग हो सकती है। एक विकल्प ये भी है कि राज्य निर्वाचन विभाग अपने स्तर पर ईवीएम खरीद लें। शहरी निकाय के चुनाव तो ईवीएम से हो चुके हैं। पंचायती राज संस्थाओं के लिए हिमाचल को करीब 12 हजार मशीनों की जरूरत है। पंचायती राज संस्थाओं में मतदाता पांच मत डालता है। ये मत जिला परिषद, प्रधान, उपप्रधान, पंचायत समिति सदस्य और वार्ड मेंबर के लिए होता है। यदि ईवीएम से चुनाव हों तो परिणाम तेजी से मिलेंगे और बोगस वोटिंग भी रुकेगी।Conclusion:
Last Updated : Nov 13, 2019, 11:30 PM IST
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