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अकाल, महामारी और युद्ध से भी डरावना, हिमाचल में सड़क हादसों में बढ़ता मौत का ग्राफ

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Published : Jun 26, 2019, 4:11 PM IST

Updated : Jun 26, 2019, 4:30 PM IST

हिमाचल में सड़क हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है. पिछले 10 साल में हुए हादसों पर नजर डालें तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आते हैं. हिमाचल में सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण ब्लैक स्पॉट, सड़कों की खस्ताहालत, पैरापिट न होना, ल्हासे गिरना आदि यात्रियों की जान जाने की बड़ी वजह बन जाती है.

डिजआइन फोटो

शिमला: हिमाचल में सड़क हादसों में यात्रियों की मौत का ग्राफ किसी महामारी या युद्ध से कहीं ज्यादा डरावना है. तेजी से बढ़ रहे हादसों के ग्राफ को सरकारी तंत्र तमाम दावों के बावजूद अंकुश नहीं लगा पा रहे हैं. अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर नजर डालें तो हर साल दुनिया भर में 12 लाख से अधिक लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं.

इनमें सबसे ज्यादा मौतें भारत में ही होती हैं. देश में सड़क हादसों पर शोध करने वाली संस्थाओं का मानना है कि ये किसी महामारी से कम नहीं है. हिमाचल में सड़क हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है. अगर पिछले 10 साल में हुए हादसों पर नजर डालें तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आते हैं.

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हिमाचल में हादसों का कारण
हिमाचल में सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण ब्लैक स्पॉट, सड़कों की खस्ताहालत, पैरापिट न होना, ल्हासे गिरना आदि यात्रियों की जान जाने की बड़ी वजह बन जाती है. इसके अलावा एक बड़ा कारण प्रशिक्षित ड्राइवर न होना, पब्लिक ट्रांस्पोर्ट की कमी और ओवरलोडिंग से सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है.

वर्ष सड़क हादसों की संख्या हादसों में यात्रियों की मौत हादसों में घायल यात्री

  • 2009 3076 1140 5579
  • 2010 3073 1102 5325
  • 2011 3099 1353 5462
  • 2012 2901 1109 5248
  • 2013 2981 1054 5081
  • 2014 3059 1199 5680
  • 2015 3010 1097 5109
  • 2016 3156 1163 5587
  • 2017 3119 1176 5338
  • 2018 3119 168 5444
  • 2019 1168 430 2155 (31-05-2019)

गौरतलब है कि सूबे में करीब 697 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. लोक निर्माण विभाग दावा कर रहा है कि सूबे में 516 ब्लाक स्पॉट हैं, जबकि जीवीके के अनुसार 697 ब्लैक स्पॉट हैं, लेकिन इनको ठीक करने के लिए प्रशासन कोई कड़े कदम उठाता नजर नहीं आ रहा है.

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Intro:शिमला। हिमाचल में सड़क हादसों में यात्रियों की मौत का ग्राफ किसी महामारी या युद्ध से कहीं अधिक डरावना है। तेजी से बढ़ रहे हादसों के ग्राफ को सरकारी तंत्र तमाम दावों के बावजूद अंकुश नही लगा पा रहे हैं। अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट पर नजर डालें तो हर साल दुनिया भर में 12 लाख से अधिक लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं। इनमें सबसे अधिक मौतें भारत मे ही होती हैं देश में सड़क हादसों पर शोध करने वाली संस्थाओं का मानना है कि यह किसी महामारी से कम नहीं है। Body:हिमाचल में सड़क हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। अगर पिछले 10 साल में हुए हादसों पर नजर डालें तो चोंकाने वाले आंकड़े सामने आते हैं ।

हिमाचल में सड़क हादसों का सबसे बड़ा कारण ब्लैक स्पॉट, सड़कों की खस्ता हालत, पैरापिट ना होना, ल्हासे गिरना, सड़क हादसों में यात्रियों की जान जाने की बड़ी वजह बन जाती है। इसके अलावा एक बड़ा कारण प्रशिक्षित ड्राइवर ने होना, पब्लिक ट्रांस्पोर्ट की कमी और ओवरलोडिंग से सड़क दुर्घटनाओं में बढोतरी हो रही है। Conclusion:सूबे में करीब 697 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किये गए हैं। लोक निर्माण विभाग दावा कर रहा है कि सूबे में 516 ब्लाक स्पॉट हैं जबकि जीवीके के अनुसार 697 ब्लैक स्पॉट हैं। लेकिन इनको ठीक करने के लिए प्रशासन कोई कड़े कदम उठाता नजर नहीं आ रहा।
Last Updated :Jun 26, 2019, 4:30 PM IST
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