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ग्रीन स्कूल प्रोग्राम के तहत हिमाचल को मिलेगा देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरस्कार व जीएसपी गोल्ड पार्टनर अवार्ड

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Published : Feb 16, 2023, 9:22 PM IST

Updated : Feb 17, 2023, 6:08 AM IST

हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्कूल प्रोग्राम (जीएसपी) के तहत देश के सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरस्कार और जीएसपी गोल्ड पार्टनर अवार्ड के लिए चुना गया है. इसके अलावा प्रदेश के सोलन जिले को बेस्ट जिला का पुरस्कार और चंबा की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हिमगिरी को लैंड सेक्शन अवार्ड के लिए चुना गया है. (Green School Program) (GSP Gold Partner Award to Himachal)

Green School Program
Green School Program

शिमला: विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र, नई दिल्ली द्वारा हिमाचल प्रदेश को ग्रीन स्कूल प्रोग्राम (जीएसपी) के तहत देश के सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरस्कार और जीएसपी गोल्ड पार्टनर अवार्ड के लिए चुना गया है. कार्यक्रम प्रभारी एवं सदस्य सचिव, हिमकोस्टे, ललित जैन, 21 फरवरी, को इंडिया हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में राज्य से उच्चतम जीएसपी लेखा परीक्षण प्रस्तुतीकरण के लिए यह प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ राज्य पुरस्कार और जीएसपी गोल्ड पार्टनर अवार्ड प्राप्त करेंगे. प्रदेश के सोलन जिला को बेस्ट जिला का पुरस्कार और चंबा की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हिमगिरी को लैंड सेक्शन अवार्ड के लिए चुना गया है. प्रदेश के दो शिक्षकों को जीएसपी एंबेसडर पुरस्कार के लिए भी चुना गया है.

हिमाचल छात्रों को पर्यावरण को लेकर कर रहा शिक्षित: मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने बताया कि प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के प्रति छात्रों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं. इसके लिए हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद (हिमकोस्टे) को नोडल एजेंसी बनाया गया है. परिषद द्वारा नेशनल ग्रीन कॉर्पस (एनजीसी) कार्यक्रम के तहत प्रदेश के 3000 विद्यालयों और 100 महाविद्यालयों में इको-क्लब स्थापित किए गए हैं. इको-क्लब कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति चेतना जागृत करना है. वृहद शैक्षणिक दृष्टिकोण एवं अनुभवों के माध्यम से विद्यार्थियों में विषय की गहन समझ विकसित की जा रही है.

परिषद द्वारा राज्य में पर्यावरणीय गतिविधियों को मजबूत करने के लिए इन इको-क्लब को अभिनव पर्यावरणीय परियोजनाएं भी प्रदान की जा रही हैं. स्कूलों में इको-क्लब द्वारा वर्षा जल संचयन (छत के ऊपर/पक्के क्षेत्र), विद्यालय परिसर में जड़ी-बूटी आधारित उद्यानों का विकास, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (कचरे से धन की अवधारणा), स्कूल परिसर के सौंदर्यीकरण और विज्ञान एवं पर्यावरण आदर्श प्रदर्शन प्रयोगशालाओं की स्थापना जैसी विभिन्न गतिविधियां करवाई जा रही हैं.

हिमाचल के 100 इको क्लब स्कूलों में प्लास्टिक अपशिष्ट क्रय योजना लागू: हिमाचल प्रदेश विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण परिषद द्वारा प्रदेश के 100 इको क्लब विद्यालयों में प्लास्टिक अपशिष्ट क्रय योजना भी लागू की गई है. परिषद राज्य के इको-क्लब विद्यालयों के माध्यम से ‘ग्रीन हिमाचल स्वच्छ हिमाचल’ की अवधारणा के साथ ‘एक पेड़ मेरे स्कूल के नाम’ विषय पर प्रति वर्ष वृक्षारोपण अभियान भी चला रहा है. इस अभियान के माध्यम से वृहद स्तर पर पौधरोपण किया जाएगा और वर्तमान वित्त वर्ष में विभिन्न प्रजातियों के 26,106 पौधे रोपित करने का लक्ष्य रखा गया है. इनमें औषधीय पौधे, पुष्प, ईंधन और पशुचारे से संबंधित पौधे रोपित किए गए हैं. इसके अलावा परिषद द्वारा राज्य के इको-क्लब विद्यालयों में रूफ टॉप सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना के माध्यम से ऊर्जा संरक्षण की अवधारणा का भी प्रचार किया जा रहा है. रूफ टॉप सौर ऊर्जा पावर प्लांट स्थापित करने के लिए 20 स्कूलों की पहचान की गई है.

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Last Updated : Feb 17, 2023, 6:08 AM IST
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