शिमला: हिमाचल प्रदेश में अबकी बार मानसून में भारी तबाही हुई है. प्रदेश में करीब 8600 करोड़ का नुकसान हुआ है और 376 के करीब लोगों की जानें भी गई हैं. 1200 से ज्यादा परिवारों के आशियाने क्षतिग्रस्त हुए हैं. प्रदेश सरकार ने हिमाचल को पहले ही आपदा राज्य घोषित किया है. वहीं सरकार ने अब प्रदेश के सरकारी कार्यक्रमों में मुख्यातिथि और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के औपचारिक सम्मान करने की रसम पर लोक लगा दी है. आगामी 31 अक्टूबर तक इन समारोहों में शॉल, टोपी आदि से सम्मानित करने पर रोक रहेगी. इससे पहले सरकार ने 15 सितंबर तक प्रदेश में गार्ड ऑफ ऑनर देने पर रोक लगा दी थी, ताकि आपदा के समय पुलिस बल बचाव व राहत कार्य कर सके.
प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 31 अक्टूबर तक विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के दौरान शॉल, टोपी और पुष्पगुच्छ इत्यादि के माध्यम से गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित करने की रस्म पर रोक लगाने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक आपदा के कारण उत्पन्न स्थिति के दृष्टिगत यह निर्णय लिया गया है. इस निर्देशानुसार 31 अक्टूबर तक सरकारी कार्यक्रमों में कोई औपचारिक सम्मान नहीं दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में पदा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इससे पहले प्रदेश सरकार द्वारा 15 सितंबर तक क्षेत्र के दौरे के दौरान वअति विशिष्ट व्यक्तियों को पारंपरिक रूप से दिए जाने वाले गार्ड ऑफ ऑनर को भी निलंबित किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय व्यवस्था में सार्थक एवं सकारात्मक परिवर्तन लाने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय प्राकृतिक आपदा के प्रबंधन के लिए संसाधनों के समुचित उपयोग और प्रशासन में औपचारिकता के बजाय संवेदनशील व प्रभावी कार्य संस्कृति के समावेश को भी रेखांकित करता है.