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विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने बदला फैसला, अब पहली से 8वीं तक सभी छात्रों को वर्दी के लिए मिलेंगे 600 रुपये

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Published : Mar 13, 2023, 5:31 PM IST

हिमाचल की सुक्खू सरकार ने अब पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी छात्रों को स्कूल वर्दी के लिए 600 रुपये देने का निर्णय लिया है. सरकार द्वारा पहले पहले आठवीं तक की सभी वर्ग की लड़कियों और एससी-एसटी वर्ग के छात्रों को ही वर्दी के लिए पैसे देने की घोषणा की गई थी. लेकिन सभी ने इस फैसले का विरोध किया और सरकार को यह फैसला बदलना पड़ा.

विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने बदला अपना फैसला.
विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने बदला अपना फैसला.

शिमला: हिमाचल में स्कूली बच्चों की वर्दी पर उठे विवाद के बाद सरकार ने अपना फैसला बदला है. सरकार ने अब पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी छात्रों को स्कूल वर्दी के लिए 600 रुपये देने का फैसला लिया है. इससे पहले आठवीं तक की सभी वर्ग की लड़कियों और एससी-एसटी वर्ग के छात्रों को ही वर्दी के लिए पैसे देने का सुखविंदर सरकार ने फैसला लिया था, लेकिन चारों ओर से आलोचना के बाद सरकार ने अब आठवीं तक के सभी छात्रों को निशुल्क वर्दी दी जाएगी. सरकार के इस फैसले से प्रदेश के करीब 5.25 लाख छात्र लाभान्वित होंगे.

हिमाचल में पहले सभी वर्ग के छात्रों को निशुल्क वर्दियां दी जा रही थीं, लेकिन सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने कुछ दिन पहले हुई कैबिनेट बैठक में वर्दियां केवल एससी और एसटी वर्ग के आठवीं तक के छात्रों और आठवीं तक की सभी छात्राओं को देने का फैसला लिया था. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम के तहत वर्दियों के पैसे इन बच्चों या उनकी माता के खाते में जमा करवाने का फैसला सरकार ने लिया था. सरकार के इस फैसले से करीब 3.70 लाख छात्रों को वर्दियां मिलनी थीं, लेकिन अब इसके दायरे में बाकी छात्र भी आ गए हैं.

सभी बच्चों को वर्दियां न देने से सरकार की हुई आलोचना- सुखविंदर सरकार के सामान्य वर्ग के छात्रों को निशुल्क वर्दियां न देने के फैसले की चारों ओर आलोचना हो रही थी. विपक्ष ने सरकार को इस मुद्दे पर घेरना शुरू कर दिया था. विपक्ष का तो यह तक कहना था कि सरकार ने पहले शिक्षण संस्थान बंद किए और अब बच्चों की वर्दियां भी बंद की गई हैं. सरकार के इस फैसले का विभिन्न संगठन विरोध जता रहे थे. बीते शुक्रवार को देवभूमि सवर्ण संगठन ने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात के दौरान इस मामले को उठाया था.

संगठन ने सामान्य वर्ग के लड़कों को निशुल्क स्मार्ट वर्दी योजना से बाहर करने का विरोध दर्ज कराया. संगठन का कहना था कि सरकार के इस फैसले से स्कूल स्तर पर ही समाज को बांटने का प्रयास किया गया है और कहा कि इस स्तर पर बच्चों को जातीय आधार पर बांटना ठीक नहीं है. सवर्ण संगठन ने सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक पढ़ने वाले सामान्य वर्ग के लड़कों को निशुल्क वर्दी योजना के दायरे में लाने की मांग की थी. इस पर मुख्यमंत्री ने जल्द ही फैसला करने का भरोसा दिया था. इसके बाद आज सरकार ने यह फैसला ले लिया है.

5.25 लाख छात्रों को मिलेगी वर्दियों के लिए 600 रुपए- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि राज्य सरकार पहली से आठवीं कक्षा तक के सभी लड़कों व लड़कियों को निःशुल्क स्कूल वर्दी के लिए 600 रुपये देगी. इससे प्रदेश के लगभग 5.25 लाख छात्र लाभान्वित होंगे. वर्दी की यह राशि छात्रों और उनकी माता के बैंक खाते में डीबीटी सिस्टम ट्रांसफर किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि माता-पिता का आर्थिक बोझ कम करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. डीपीटी सिस्टम से राशि सीधे लाभार्थी को भेजने से इसमें पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार विद्यार्थियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सदैव तत्पर है और उन्हें लाभान्वित करने के लिए विभिन्न कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार छात्रों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कृतसंकल्प है. इसको देखते ही प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध ढंग से राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल स्थापित किए जा रहे हैं. इन मॉडर्न स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के साथ ही छात्रों को उचित शैक्षणिक वातावरण और विभिन्न गतिविधियों के लिए पर्याप्त स्थान भी उपलब्ध करवाया जाएगा.

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