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मुद्दे की बात: बल्ह में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का इसलिए हो रहा विरोध, सुनिए जनता की जुबानी

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Published : Nov 5, 2022, 7:37 PM IST

Balh Airport
मुद्दे की बात

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का मंडी में एक ड्रीम प्रोजेक्ट है. वह ड्रीम प्रोजेक्ट है बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डा. जब से सीएम जयराम ठाकुर ने बल्ह में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की बात कही है, तब से उन्हें इसका विरोध झेलना पड़ रहा है. हिमाचल विधानसभा चुनावों के दौरान भी प्रस्तावित हवाई अड्डे का विरोध लगातार जारी है. ईटीवी भारत की टीम ने बल्ह में जाकर स्थानीय लोगों से बात की और जानना चाहा कि आखिर क्यों प्रस्तावित हवाई अड्डे का विरोध किया जा रहा है.

मंडी: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का मंडी में एक ड्रीम प्रोजेक्ट है. वह ड्रीम प्रोजेक्ट है बल्ह में प्रस्तावित हवाई अड्डा. जब से सीएम जयराम ठाकुर ने बल्ह में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की बात कही है, तब से उन्हें इसका विरोध झेलना पड़ रहा है. हिमाचल विधानसभा चुनावों के दौरान भी प्रस्तावित हवाई अड्डे का विरोध लगातार जारी है. ईटीवी भारत की टीम ने बल्ह में जाकर स्थानीय लोगों से बात की और जानना चाहा कि आखिर क्यों प्रस्तावित हवाई अड्डे का विरोध किया जा रहा है.

बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति व स्थानीय निवासियो का आरोप है कि जयराम सरकार बिना किसानो को साथ लिए एकतरफा फैसला ले रही हे और बल्ह की उपजाऊ जमीन को बर्बाद करने पर अमादा है. क्षेत्रवासियों का कहना है कि बल्ह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से कृषि क्षेत्र रहा है, जिसे मिनी पंजाब के नाम से भी जाना जाता है. स्वतंत्रता से पहले यहां जो भूमि थी, वह राजा द्वारा स्थापित सामंतों, साहूकारों के पास थी.

अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का इसलिए हो रहा विरोध पर जनता का रिएक्शन.

किसानों ने किया संघर्ष: किसानों के लंबे संघर्ष के बाद साल 1966-67 में किए गए भूमि सुधारों के चलते जमीन पर किसानों को मालिकाना हक मिला. इसी दौरान भंगरोटू में इंडो जर्मन एग्रीकल्चर प्रोजेक्ट आया, जिसके चलते किसानों ने आधुनिक खेती की शुरुआत की और लगातार यहाँ का किसान वेज्ञानिक खेती को अपनाते हुए आगे बढ़ता गया.

किसान उगा रहे नकदी फसलें: बल्ह में पहले पारम्परिक खेती की जाती थी लेकिन अब नकदी फसलें उगाई जा रही हैं. यहां जमीन के नीचे 10-12 फीट पर पानी उपलब्ध है और अति आधुनिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध है, जिसके चलते किसान तीन से चार फसल ले पाते हैं. टमाटर उत्पादन में सोलन जिला के बाद हिमाचल में दूसरा नंबर बल्ह का है. घनी आबादी होने के कारण जो प्रस्तावित हवाई अड्डा है, उसमें लगभग 2 हजार परिवार हैं. जिनकी आबादी 10 हजार से अधिक है. वहीं, 2 हजार के करीब मजदूर प्रवासी भी है, जो इस क्षेत्र में नकदी फसलों को उगाने में मजदूरी करते हैं.

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वहीं, प्रदेश सरकार बल्ह में बनने वाले ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की औपचारिकताओं को पूरा करने में सरकार लगी हुई है, जिसमें अभी तक लीडार सर्वे, ओएलएस सर्वे हो चुके हैं. राजस्व विभाग ने अभी तक जो मसौदा तैयार किया है. उसके अनुसार 2,862 की आबादी और 589 आवासीय और व्यापारिक भवन एयरपोर्ट की जद में आने वाले हैं. पक्की बुर्जियां लगाने के बाद जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी. वहीं, स्थानीय वासियों का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपनी जिद छोड़ इस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बल्ह से जिला के अन्य स्थान पर बनाएं. नहीं तो मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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