Shivaratri Fair in Mandi: छोटी काशी में हटकेश्वर महादेव के रूप में बाबा भूतनाथ ने दिए दर्शन
Updated on: Jan 22, 2023, 4:57 PM IST

Shivaratri Fair in Mandi: छोटी काशी में हटकेश्वर महादेव के रूप में बाबा भूतनाथ ने दिए दर्शन
Updated on: Jan 22, 2023, 4:57 PM IST
हिमाचल के मंडी में बाबा भूतनाथ मंदिर में बाबा भूतनाथ एक सप्ताह तक अपने अलग-अलग स्वरूपों में श्रृंगार करेंगे. बाबा भूतनाथ ने सभी श्रद्धालुओं को हटकेश्वर महादेव के दर्शन दिए. (International Shivaratri Fair in Mandi) (Baba Bhootnath Temple Mandi)
मंडी: छोटी काशी मंडी में तारा रात्रि की मध्यरात्रि को बाबा भूतनाथ घृतमंडल श्रृंगार की रस्मों के साथ शिवरात्रि महोत्सव का आगाज हो गया है. अगले एक माह तक हर रोज बाबा भूतनाथ का अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जाएगा. हर दिन श्रद्धालुओं को बाबा भूतनाथ के अलग-अलग रूपों में दर्शन दे रहे हैं.
बाबा भूतनाथ मठ मंदिर के महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि छोटी काशी मंडी में रियासत काल से चली आ रही बाबा भूतनाथ के श्रृंगार की परंपरा आज भी निभाई जा रही है. महंत देवानंद सरस्वती ने बताया कि रविवार को बाबा भूतनाथ का श्रृंगार हटकेश्वर महादेव के रूप में किया गया है. यह ऐतिहासिक मंदिर छत्तीसगढ़ के रायपुर में खारुन नदी के किनारे स्थित है.
ऐसी मान्यता है कि द्वापर युग में खारुन नदी को द्वारकी नदी के नाम से जाना जाता था. हैहयवंशी राजा ब्रह्मदेव को खारुन नदी में शिवलिंग मिला था. इसे नदी के किनारे ही स्थापित किया गया. वर्तमान में जो मंदिर है, उसका निर्माण 1402 में कलचुरी शासक भोरमदेव के पुत्र राजा रामचंद्र ने करवाया था. हटकेश्वर महादेव मंदिर को छत्तीसगढ़ का मिनी काशी कहा जाता है.
बता दें कि छोटी काशी मंडी में शिवरात्रि महोत्सव 19 फरवरी से शुरू होगा जो 7 दिनों तक चलेगा. मंडी में होने वाले अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव में 200 के करीब पंजीकृत देवी देवता यहां पहुंचते हैं, जो की शिवरात्रि महोत्सव की शोभा बढ़ाते हैं. जनपद के सभी देवी देवता ढोल नगाड़ों की थाप पर छोटी काशी मंडी पहुंचते हैं. 18 फरवरी को बड़ा देव कमरूनाग लाव लश्कर सहित छोटी काशी मंडी पधारेंगे.
19 को महाशिवरात्रि पर्व का आगाज भव्य जलेब से किया जाएगा. घाटी के अधिष्ठाता देवता माधोराय की पालकी भूतनाथ मंदिर जाएगी और यहां पर पूजा-अर्चना के बाद मेले का आगाज होता है. इस दौरान मंदिर परिसर में ही घाटी के विभिन्न देवता भी ठहरते हैं. सात दिनों तक मंडी के देवता यहां रहते हैं और इस दौरान बाबा भूतनाथ के दर पर भी आते हैं.
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