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ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क से गायब हुए मोनाल, जानिए आखिर क्यों कम हुई इस पक्षी की संख्या

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Published : Apr 27, 2023, 2:37 PM IST

कुल्लू जिला के बंजार में स्थित ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में इस बार की गणना में मोनाल की संख्या काफी ज्यादा कम पाई गई. वाइल्ड लाइफ विंग शमशी द्वारा जब मोनाल की गणना की गई तो यहां पर 81 मोनाल ही नजर आए हैं. जबकि पिछले साल पार्क में यह संख्या 168 थी.

Only 81 Monals seen in Great Himalayan National Park in Kullu
कुल्लू के ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में दिखे सिर्फ 81 मोनाल

कुल्लू: जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में जहां विविध प्रकार के जीव जंतुओं का बसेरा है, तो वहीं, अद्भुत जैव विविधता के लिए इसे यूनेस्को के द्वारा विश्व धरोहर भी घोषित किया गया है. ऐसे में वाइल्ड लाइफ विंग के द्वारा हर साल नेशनल पार्क में रहने वाले जीव जंतुओं की गणना की जाती है. लेकिन इस साल जब पार्क एरिया में मोनाल की गणना की गई तो बीते साल के मुकाबले वह काफी कम नजर आए. ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में जब वाइल्ड लाइफ विंग शमशी के द्वारा मोनाल की गणना की गई तो यहां पर 81 मोनाल नजर आए हैं. जबकि बीते साल पार्क एरिया में 168 मोनाल देखे गए थे. यह संख्या 5 साल में सबसे कम संख्या है. इसके अलावा पार्क प्रबंधन को 28 घोरल, 2 चीर फिजेंट, 9 कोकलस फिजेंट, 6 वेस्टर्न ट्रगोपन जाजू राणा भी मिले हैं.

'59 किलोमीटर में की गणना': वाइल्ड लाइफ के द्वारा मार्च माह में 33 कर्मचारियों के साथ मिलकर अलग-अलग बीट में मोनाल और घोरल की गणना शुरू की थी. कर्मचारियों ने 3 रेंज में 8 बीट में गिनती की. इनमें रोला छोड़ बार और रोला खोरली पाई बीट में 8 किलोमीटर, रोला से नाल्डा में 12 किलोमीटर, एंट्री गेट बासु में 6 किलोमीटर, शाकटी से होमखनी में 5 किलोमीटर, शाकटी से जोगी धार में 6 किलोमीटर, मझान से शुगाड में 5 किलोमीटर और कुंडर में 9 किलोमीटर यानी कुल 59 किलोमीटर में गिनती की गई. गौरतलब है कि मोनाल आमतौर पर 2100 से 4500 मीटर की ऊंचाई पर पाए जाते हैं. इनकी लंबाई 70 से 72 सेंटीमीटर और वजन 2 किलोग्राम से 3 किलोग्राम तक होता है.

Only 81 Monals seen in Great Himalayan National Park in Kullu
ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में कम नजर आए मोनाल

'मौसम गर्म होने पर ऊंचाई की ओर उड़े मोनाल': इन पक्षियों की गणना और जांच के लिए वाइल्ड लाइफ के कर्मचारियों को कैमरे, दूरबीन आदि उपकरण दिए जाते हैं. कर्मचारी सीटी बजाकर भी मोनाल को क्षेत्र से बाहर निकालते हैं. प्रति 2 वर्ग किलोमीटर में मोनाल 7 या 9 की संख्या में मिलते हैं और घोरल एक या दो की संख्या में. इस बार पहले की तरह इनको नहीं देखा गया है. वर्तमान समय में मौसम गर्म होने पर भी मोनाल ऊंचाई की ओर उड़ जाते हैं. वहीं अगर मौसम ठंडा हो जाए तो वह निचले इलाकों का रुख करते हैं. पूर्व में पर्यटकों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध था तथा लोग भी पार्क एरिया में नहीं जा रहे थे. इस कारण पक्षी आराम से खुले में देखे जा सकते थे, लेकिन अब की बार इनकी गणना के दौरान यह कम देखे गए हैं. क्योंकि पार्क में लोगों की आवाजाही भी बढ़ गई है.

'उत्तराखंड का राज्य पक्षी है मोनाल': बता दें कि मोनाल हिमाचल प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, नेपाल, सिक्किम, मेघालय, नागालैंड में भी पाया जाता है. पहले हिमाचल प्रदेश में मोनाल को राज्य पक्षी का दर्जा दिया गया था. लेकिन बाद में जुजुराना को राज्य पक्षी का दर्जा दिया गया. उत्तराखंड में आज भी मोनाल को राज्य पक्षी का दर्जा हासिल है. मोनाल काफी खूबसूरत पक्षी है और इसके सिर पर लगी कलगी के कारण इसका शिकार भी किया जाता था. लेकिन बाद में सरकार के द्वारा इसके शिकार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में मोनाल अब चहकते हुए नजर आ रहे हैं.

डीएफओ निशांत मंडोत्रा ने दी जानकारी: वाइल्ड लाइफ विंग द्वारा साल 2015-16 में हुए सर्वे में 90 मोनाल, 2016-17 में 107, 2017 से 2018 में 85, 2018 से 2019 में 98 और 2021-22 में 168 मोनाल पाए गए थे. वाइल्ड लाइफ विंग शमशी के डीएफओ निशांत मंडोत्रा ने ये सारी जानकारी देते हुए बताया कि ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में 81 मोनाल और 22 घोरल मिले हैं. नेशनल पार्क में लोगों की आवाजाही भी बढ़ी है और अब की बार तापमान भी काफी अधिक हुआ है. जिसके चलते यह मोनाल ऊंचाई की तरफ चले गए हैं. इसलिए गणना में अबकी बार ये कम नजर आए हैं.

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